रोड़ों की दुर्दशा देख अब यात्रियों का रूख हुआ ट्रेनों की ओर

शिवपुरी। पिछले दिनों हुई भीषण बारिश से सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस कारण जिन मार्गों पर ट्रेनें चल रही हैं उन पर यात्रा करने के लिए यात्री अब ट्रेनों का सहारा ले रहे हैं और बस यात्रा की ओर उनका रूझान घट रहा है।

खास तौर पर ग्वालियर, गुना, भोपाल और इंदौर आदि जाने वाले अधिकांश यात्री सफर के लिए ट्रेन का उपयोग कर रहे हैं। इन मार्गों पर चलने वाली बसों की हालत यह है कि वह खाली चल रही हैं और बस में 25-30 से अधिक यात्री नहीं जा रहे हैं।

एक यात्री रामसेवक गुप्ता ने बताया कि बस से गुना तक का किराया 100 रूपये लगता है और इन दिनों पांच घंटे में सफर पूरा हो रहा है। जबकि ट्रेनों से यह यात्रा मात्र  25 रूपये में पूरी हो रही है और दो घंटे लग रहे हैं। ऐसे में कौन बस में यात्रा करेगा। बसों में कम यात्री जाने से बस ऑपरेटर चिंतित हैं और वह सड़कों की खराब हालत के लिए प्रशासन और शासन को दोष दे रहे हैं।

पिछले दिनों शिवपुरी जिले में भारी बारिश के कारण सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। खासकर हाईवे की सड़कों में बड़े-बड़े गड्डे हो गए। जिससे आए दिन जाम लगने लगे। शिवपुरी से गुना और शिवपुरी से ग्वालियर सड़क मार्ग द्वारा यात्रा काफी कठिन हो गई। स्थिति इतनी विकट हुई कि भाजपा नेताओं को हाईवे के गड्डों की ओर प्रशासन का ध्यान आकॢषत करने के लिए अपने कुछ कार्यकर्ताओं का मुण्डन कराना पड़ा। भाजपा ने हाईवे की खस्ता हालत के लिए केन्द्र की कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। 

इसका जवाब देते हुए कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा पर इसका ठीकरा फोड़ा। कांग्रेस और भाजपाई वाक युद्ध में उलझे रहे और सड़कें दुरूस्त कराने के लिए किसी ने भी एनएचआई पर दवाब नहीं डाला। इसका परिणाम यह हुआ कि जनता परेशानी से बचने के लिए बसों से यात्रा करने से बचने लगी। अब यात्रियों का रूझान बसों से हटकर ट्रेनों पर बढऩे लगा है। लोगों ने अब जाम की समस्या से निजात पाने के लिए ट्रेनों में सफर करना शुरू कर दिया है। जिससे ट्रेनों में काफी भीड़ दिखाई पड़ रही है।

गढ्ढों से होता आवागमन अवरूद्ध

विदित हो कि बारिस के कारण एबी रोड पर बड़े-बड़े गड्डे होने के साथ ही यात्री बसों सहित अन्य वाहनों का आवागमन अवरूद्ध हो गया था। अब नपं बदरवास ने मोर्चा संभाला और हाईवे  के गड्डों को भरवाना शुरू किया। जिससे लोगों को थोड़ी राहत महसूस हुई। इसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों पर दबाव बना और उन्होंने बीते रविवार की शाम से गड्डों को भरने का काम शुरू कर दिया और अभी तक 50 फीसदी गड्डे भरे जा चुके हैं।

गड्डे भरने के साथ ही यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से प्रारंभ हुई, लेकिन अब यात्रियों का रूझान बसों को छोड़कर ट्रेनों की ओर बढऩे लगा है। अचानक यात्रियों की सं या घटने से बस संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जहां बस स्टेण्ड पर सुबह से ही भीड़ का नजारा देखने मिलता था वह अब कम होता चला जा रहा है।

खराब रोड़ के चलते नरवर को जाने वाली बसें बंद

सतनवाड़ा से नरवर सड़क पर निर्माण कार्य होने से सड़क उखड़ी पड़ी हुई है जिस पर वाहनों की टूट-फूट के कारण आज से बस संचालकों ने अपनी बसों को बंद कर दिया है। इस कारण इस मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है और बसें न चलने के कारण शिवपुरी नरवर का संपर्क टूट गया है। कल बस ऑपरेटरों ने बसें बंद करने की जानकारी जिला प्रशासन को दी थी और आज से इस रास्ते पर वह बसें बंद कर दी गई हैं।

अब नरवर से शिवपुरी आने के लिए तय करना पड़ेगा 65 किमी का सफर

नरवर से शिवपुरी आने के लिए जहां 50 किमी का सफर तय करना पड़ता था वह बसें बंद और रास्ता खराब होने के कारण यह सफर अब 15 किमी की दूरी और तय करनी पड़ेगी। नरवर से शिवपुरी आने के लिए पहले सीधा रास्ता सतनवाड़ा होते हुए था, लेकिन अब यह रास्ता नरवर से आमोलपठा होते हुए झांसी रोड के लिए तय करना पड़ेगा और वहां से अमोला होते हुए शिवपुरी पहुंचा जा सकेगा। नरवर से आमोलपठा होते हुए झांसी रोड का रास्ता 35 किमी है और अमोला से शिवपुरी 30 किमी है।