उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया राखी का पर्व

शिवपुरी। भाई-बहिन का पर्व रक्षा बंधन आज जिले भर में धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां बहिनों ने अपने भाईयों की कलाईयों पर रक्षा सूत्र बांधकर उसे रोली,अक्षय, चंदन धूप और दीप से तिलक करते हुए आरती की और भाईयों से रक्षा करने का वचन लिया। शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले भर में रक्षाबंधन का पर्व उत्साह व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। 

श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले रक्षाबंधन पर्व को लेकर बहिनों ने काफी दिनों पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी जहां बाजारों से आकर्षक राखी खरीदी और रक्षाबंधन पर अपने भाई की कलाई पर बांधकर रक्षा का वचन लिया। पूरा बाजार इस त्यौहार के समय राखियों से पटा पड़ा था और महिलाएं एवं युवतियां रंग-बिरंगी राखियों खरीदारी करती नजर आईं। 

श्रावण मास की पूर्णिमा पर प्रात: लोग स्नान आदि कर नए वस्त्र धारण करें प्रात: से ही बहिनों द्वारा अपने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधने के लिए पहले पूजा की थाली तैयार की जिसमें रोरी, अक्षय, दीपक, मिठाईयां एवं राखि आदि सामग्री रखी गई। जहां बहिनों ने पूर्ण सामग्री के साथ भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती उतारी और फिर कलाई पर राखी बांध कर मिठाई खिलाई। इसके पश्चात भाई ने अपनी बहिन को रक्षासूत्र के बदले कुछ उपहार आदि भेंट कर हिन्दू मान्यता अनुसार बहिन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। रक्षाबंधन का यह पर्व जिले भर में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया। 

ये है रक्षाबंधन मनाने की कहानी

रक्षाबंधन पर्व के बारे में मान्यता है कि वेद शास्त्रों के अनुसार रक्षिका को आज के आधुनिक समय में राखी नाम से जाना जाता है। रक्षा सूत्र को सामान्य बोलचाल की भाषा में राखी कहा जाता है इसका अर्थ रक्षा करना, रक्षा को तत्पर रहना या रक्षा करने का वचन देने से है। श्रावण मास की पूर्णिमा का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि इस दिन पाप पर पुण्य, कुकर्म पर सत्कर्म और कष्टों के ऊपर विजय हासिल करने के प्रयासों का आरंभ हो जाता है। राखी का धागा भावनात्मक एकता का प्रतीक और स्नेह व विश्वास की डोर है। रक्षा सूत्र भाईयों को इतनी शक्ति देता है कि वह अपनी बहिन की रक्षा करने में समर्थ हो सके। हमारी भारतीय संस्कृति में इस दिन न केवल हिन्दू वरन् मुसलमान, सिक्ख और ईसाई सभी इस त्यौहार को मनाते हैं।

जिला जेल में बहिनों ने भाईयों के बीच मनाया राखी का पर्व

रक्षाबंधन का पर्व एक ओर जहां संपूर्ण देश व नगर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा था तो वहीं अपनों से दूर रहने वाले भाई जो अपने अपराधवश जिला जेल में बंद थे उन्हें भी इस त्यौहार की कमी ना खले इसके जिला जेल प्रबंधन में भाई और बहिन की पवित्रता का पर्व रक्षाबंधन मनाने की समुचित व्यवस्था की गई। 

जिला जेल अधीक्षक श्यामजी सिंह व जिला जेल वरिष्ठ उपाधीक्षक  व्ही.एस.मौर्य ने संयुक्त रूप से जेल में आने वाली बहिनों के लिए जेल प्रबंधन की ओर से हर संभव व्यवस्था की और जेल परिसर के अंदर ही भाईयों के लिए उपहार स्वरूप अपने अपराधों से दूर रहने की शपथ दिलाई। वहीं बहिनों के लिए रोली, नारियल, राखी व मिष्ठान की व्यवस्था भी जेल प्रबंधन द्वारा की गई। 

जिला जेल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व्ही.एस.मौर्य ने बताया कि जेल के अंदर रहने वाले भाईयों को किसी पर्व और त्यौहार की कमी ना रहे इसलिए समय-समय पर हर त्यौहार व पर्व की व्यवस्था जेल प्रबंधन द्वारा की जाती है ताकि वह अपने जीवन में सुधार ला सके और पुन: जेल ना आऐं। इस अवसर पर जेल स्टाफ का भी सराहनीय सहयोग रहा। 

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