शिवपुरी जिले के पिछोर में उमा ने भरी हुंकार, कहा जनशक्ति पार्टी बनाकर अफसोस नहीं

शिवपुरी। मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री उमा भारती ने साफ-साफ कहा कि उन्हें जनशक्ति पार्टी बनाने का अफसोस नहीं है। उन्होंने भाजपा छोड़ी नहीं वरन उन्हें निकाला गया था और जनशक्ति पार्टी से भाजपा में आने से उनका राजनैतिक कद बढ़ा है वरना आज वह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नहीं होतीं।
साध्वी उमा भारती शिवपुरी में धाय महादेव के मंदिर में अभिषेक करने के बाद आमसभा को संबोधित कर रही थीं। बकौल उमा भारती, पहले वह राजमाता विजयराजे सिंधिया की बात मानती थीं और अब लालकृष्ण आडवाणी के आदेशों का पालन करती हैं। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, विधायक माखनलाल राठौर, देवेन्द्र जैन,रमेश खटीक, पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे, गणेश गौतम, नवप्रभा पडेरिया, जितेन्द्र जैन, ओमी गुरू, जगराम सिंह यादव सहित शिवपुरी जिले के अधिकांश प्रमुख भाजपा नेता उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से भी चर्चा की।

उमा भारती की यह यात्रा देखने-दिखाने को धार्मिक थी, लेकिन इसमें राजनीति का रंग भी साफ-साफ नजर आ रहा था। उनकी इस यात्रा के राजनैतिक मन्तव्य भी थे। जिले में उमा भारती की जाति के  लोधी मतदाता लगभग 1 लाख हैं और इस यात्रा को लोधी मतों के भाजपा के पक्ष में धु्रवीकरण के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। उमा भारती ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को देश में 200 सीटें मिलेंगी। उनके अनुसार इस लक्ष्य को पाने के बाद कई अन्य दल एनडीए में शामिल हो जाएंगे और देश में एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिए बिना कहा कि इस बार भी मप्र में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने यह अवश्य कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मान मर्दन उन्होंने ही किया था। उनके नेतृत्व में भाजपा को 171 सीटें मिली थीं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल नहीं थीं और पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 140 रह गई थी, लेकिन इस बार पुन: भाजपा को 170 से अधिक सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। 52 साल की उम्र में भाजपा ने मुझे सांसद, केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और राष्टï्रीय उपाध्यक्ष बनाया है।

उमा के आने से नेताओं की बांछे खिंली

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शिवपुरी आगमन से भाजपा की राजनीति गर्मा गई और इन नेताओं की बांछें खिल गई है। सुश्री भारतीस्वागत में लगभग पूरी भाजपा खड़ी हुई दिखाई दी। नहीं आए तो सिर्फ पोहरी विधायक प्रहलाद भारती और भाजपा नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ओमी। इससे उमा भारती अभिभूत भी नजर आईं और उन्होंने माखनलाल राठौर, देवेन्द्र जैन तथा रणवीर रावत का नाम लेते हुए कहा कि अलग-अलग दलों में होने के बाद भी हमारे संबंध इतने नहीं बिगड़े कि आज नजरें मिलाने में संकोच हो। पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे को जहां उन्होंने अपने सगे भाई का दर्जा दिया वहीं गणेश गौतम का यह कहकर दिल खुश कर दिया कि कहो उमा पुत्र गणेश कैसे हो। उमा भारती ने साफ-साफ कहा कि इस बार टारगेट पिछोर है। पिछोर में कांग्रेस का गढ़ तो हमने 2003 में ही जीत लिया था, लेकिन सरकारी इंटेलीजेंस ने गलत जानकारी दी। इससे मैं प्रचार करने पिछोर नहीं गई। इसीलिए कांग्रेस जीत गई। 2008 में पिछोर से हम इसलिए हारे क्योंकि भाजपा और जनशक्ति के उम्मीदवार अलग-अलग खड़े हुए थे। परंतु इस बार भाजपा को सुनिश्चित रूप से विजय मिलेगी। पांचों सीटों पर विजय से शिवपुरी जिले में पंचदेव महादेव की स्थापना होगी।

राजनीति में मैंने अपना स्वयं स्थान बनाया

साध्वी उमा भारती ने कहा कि राजनीति में मेरे अलावा ममता बनर्जी ने अपनी क्षमता से स्थान बनाया है, लेकिन ममता अवसरवादी हैं, परंतु मैं नहीं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों से सौदेबाजी कर एनडीए तथा यूपीए सरकार के कार्यकाल में रेल मंत्री बनने में सफलता हासिल की और फिर जब उनकी आवश्यकता महसूस नहीं हुई तो बंगाल की मुख्यमंत्री बन गईं। अफसोस व्यक्त करते हुए साध्वी उमा भारती ने कहा कि राजनीति में उनका कोई गॉड फादर नहीं है इसीलिए उन्हें हर क्षण संघर्ष करना पड़ता है।

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