मानवीयता की हदें पार, ससुरालीजनों ने गर्म सरिए से जलाया बहू को

शिवपुरी-दहेज लोभियें की मांगें कभी ना पूरी हुई और ना होंगी लेकिन क्या दहेज की मांग पूरी ना होने पर हम अपनी मानवीयता की हदें पार कर जाऐंगें, शायद नहीं लेकिन जिले के मायापुर थाना क्षेत्र में एक ससुरालीजनों ने अपनी बहू दहेज के लिए इतने अत्याचार किए कि सुनने वाले की रूंह तक कांप जए।
बताया तो यहां तक गया है कि जब प्रताडऩा से आहत बहू ने पुलिस की शरण ली और अपनी कहानी सुनाई तो पुलिसकर्मियों का भी दिल दहल उठा। इस बहू को उसके ससुरालीजन दहेज के लिए ना केवल गर्म सरिए से दागते थे बल्कि कई-कई दिनों तक अंधेरी कोठरी में बंद रखकर उस पर अत्याचार किए जाते और बाद में उसे जंगल में अकेला छोड़ दिया गया। 

पीडि़त बहू की रिपोर्ट पर ससुरालीजनों के विरूद्ध मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।  पीडि़त महिला की रिपोर्ट पर आरोपी सास, ससुर, पति और देवर के विरूद्घ धारा 498 ए सहित  323, 506, 34 आईपीसी, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।     

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पिपरो की रहने वाली सुदेश का विवाह मायापुर के ग्राम मकवा के रहने वाले राजकुमार यादव के साथ एक वर्ष पहले बड़ी धूमधाम से हुआ था, लेकिन शादी के छह माह बाद सुदेश के ससुराल वालों के मन में दहेज का लोभ उत्पन्न हो गया और वह उसे आए दिन प्रताडि़त करने लगे और बीते 12 जून को सुदेश के पति राजकुमार यादव सहित देवर खिन्ना, ससुर रामसिंह और सास ने उसे गर्म सरिए से जगह-जगह दाग दिया और उसे एक अंधी कोठरी में पांच दिनों तक बंद रखा। 

इस दिल दहला देने वाली घटना से सुदेश अपनी सुधबुध खो बैठी और बीते 21 जून को उसका ससुर रामंिसंह उसे उस अंधी कोठरी से बाहर निकालकर गांव के बाहर जंगल में छोड़कर भाग गया। जैसे-तैसे वह ग्राम पिपरो अपने पिता के घर पहुंची और अपनी व्यथा सुनाई और बाद में पिता के साथ थाने में पहुंचकर अपने ऊपर हुए जिल्मों की दास्तां पुलिसकर्मियों को बताई।