लोन के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा जालसाज पकड़ाया

शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने शिवपुरी लॉज से ग्वालियर निवासी सुरेन्द्र शर्मा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जिस पर आरोप है कि वह बैंक अधिकारी बनकर हितग्राहियों से लोन कम करने और सब्सिडी बढ़ाने का झांसा देकर अवैध वसूली कर रहा था। पुलिस ने फरियादी चैतन जैन पुत्र माखनलाल जैन निवासी न्यू ब्लॉक की शिकायत पर आरोपी सुरेन्द्र शर्मा के विरूद्ध भादवि की धारा 420 का मामला पंजीबद्ध किया है।

फरियादी ने शिकायत की थी कि आरोपी ने उससे कहा था कि वह उसे पंद्रह हजार की जगह 25 हजार सब्सिडी दिलवाएगा और उसका 90 हजार रूपये का लोन महज 50 हजार रूपये देने पर चुकता करवा देगा जबकि इलाहाबाद बैंक के अधिकारी का कथन है कि उनके बैंक का ऐसा कोई अधिकारी नहीं है जबकि गिरफ्तार आरोपी संतोष शर्मा ने अपने पर लगे आरोपों को निराधार बताया है।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर आरके जैन को कुछ लोगों ने बताया था कि शिवपुरी लॉज में सुरेन्द्र शर्मा नामक व्यक्ति अपने आपको नावार्ड का बैंक अधिकारी बताकर विभिन्न सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों से वसूली कर रहा है। कलेक्टर ने इस संबंध में नावार्ड के स्थानीय अधिकारी बाघचोरे से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनके बैंक की ओर से कोई अधिकारी अधिकृत नहीं है। इस पर कलेक्टर ने पुलिस को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। 

पुलिस ने शिवपुरी लॉज के कमरे से जब सुरेन्द्र शर्मा को गिरफ्तार किया तो उस समय खनियांधाना से एक बैंक ऋणदाता राजेश शर्मा भी मिला। राजेश शर्मा ने बताया कि उसने बैंक से दो लाख रूपये का ऋण लिया था और इसी सिलसिले में सुरेन्द्र शर्मा ने उसे कागजात तैयार करने के लिए यहां बुलाया था। सुरेन्द्र शर्मा से मिलने ग्वालियर से कैलाश शर्मा नामक व्यक्ति भी आया हुआ था। पुलिस ने जब लॉज के कमरे में छापामारी की तो उस समय कैलाश शर्मा और सुरेन्द्र शर्मा नाश्ता कर रहे थे। पुलिस कैलाश शर्मा को भी कोतवाली ले आई, लेकिन बताया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बैंक का कंसल्टेट कर्मचारी है आरोपी

इस सिलसिले में पुलिस ने जब आरोपी सुरेन्द्र शर्मा से पूछताछ की तो उसने बताया कि नावार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक)ने छह जिलों के लिए उसकी संस्था एमआईटी ग्वालियर को वर्ष 2010-11 और 2011-12 में जिन हितग्राहियों ने सरकारी योजना के तहत बैंक से ऋण लेकर इकाई की स्थापना की थी उनके वैरीफिकेशन के लिए अधिकृत किया गया था और वह एमआईटी ग्वालियर का कर्मचारी है। उसने बताया कि वैरीफिकेशन के लिए ही उसने ऋण दाताओं को बुलाया था। लेकिन उससे गलती यह हुई कि उसने यहां कार्रवाई करने से पूर्व नावार्ड के अधिकारी को सूचित नहीं किया, क्योंकि वह यहां नावार्ड के अधिकारी होने से अनभिज्ञ था। नावार्ड ने भी आरोपी सुरेन्द्र शर्मा के कथन की पुष्टि की है।

इनका कहना है
हमें सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति शिवपुरी लॉज में लोन के नाम पर कोई धोखाधड़ी कर रहा है जब पता किया तो पाया कि आरोपी सुरेन्द्र शर्मा नावार्ड की कंसलटेंट संस्था का कर्मचारी है और उसे वैरीफिकेशन करने के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन वह इसके स्थान पर बैंक ऋण दाताओं से अवैध वसूली कर रहा था। इसलिए उसे ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
विनायक शुक्ला
टीआई कोतवाली