जिस्म के सौदागर मंडी अध्यक्ष व रैकेट को सात साल की कैद

शिवपुरी। कृषि उपज मण्डी बैराढ़ के अध्यक्ष अशोक बेडिय़ा सहित तीन लोगों को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रमेश श्रीवास्तव ने अपने एक अहम फैसले में धारा 4 अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी पाया और सभी को सात-सात साल की सश्रम सजा व एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

अर्थदण्ड जमा न किये जाने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतानी होगी की सजा सुनाई। इस मामले की जांच एसडीओपी पोहरी ने की जिसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा जहां से माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया गया।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रमेश श्रीवास्तव ने आज अपने एक अहम फैंसले में बैराड़ मंडी अध्यक्ष सहित तीन लोगों को सात वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है अर्थ दण्ड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा।

अभियोजन के अनुसार फरियादी रूखसार पुत्र मोहम्मद अली मुसलमान निवासी सब्जी मंडी इंदौर को करन बेडिय़ा शादी करने का झांसा देकर शिवपुरी लाया तथा उसके साथ कई दिनों दुष्कर्म करता रहा। इसके बाद उसके भाई फोसू बेडिया ने रूखसार से वैश्यावृत्ती कई माह तक कराई गई। इतना ही नहीं दोनों भाईयों ने मिलकर रूखसार को अशोक बेडिय़ा को पांच लाख रूपए में विक्रय कर दिया।

तत्पश्चात रूखसार को शिवपुरी जिले के डाबरपुरा नामक ग्राम ले जाया गया। वहां पर भी रूखसार से वैश्यावृत्ति कराई गई। तत्पश्चात शिवपुरी लाते समय फोसू ने रूखसार को बैराड़ थाने के सामने लाकर छोड़ गया। जहां महिला रक्षा समिति की सदस्य गुड्डी बाई के घर रूखसार को पहुंचा वहां गुड्डी पुलिस को सूचित किया जिस पर से पुलिस ने फरियादी के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 61/12 धारा 363,366, 376, 372 भादवि की धारा 4 अनैतिक व्यापर अधिनियम के तहत अपराध पंजीवद्ध किया गया।

जिसकी जांच पोहरी एसडीओपी एस.एन.मुखर्जी की गई तथा न्यायालय में चालान पेश किया गया। उपरोक्त प्रकरण की सुनवाई करते हुए द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रमेश श्रीवास्तव ने आरोपियों को 363, 366, 376, के सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया, वहीं धारा 4 में अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत अशोक बेडिय़ा, करन बेडिय़ा तथा फोसू बेडिय़ा को सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास व एक-एक हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है, अर्थ दण्ड जमा न किये जाने पर अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा।