सिंध परियोजना को लेकर सिंधियाओं में टकराव

राजनीति इन दिनो@अशोक कोचेटा। शिवपुरी की लगभग 80 करोड़ लागत की महती पेयजल परियोजना का श्रेय लूटने के चक्कर में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों में टकराव लोकार्पण के मौके पर देखने को मिल सकता है। यह योजना पूर्ण होने पर है और उम्मीद है कि अगस्त में सिंध पेयजल परियोजना लोकार्पित हो जाएगी।

अटल ज्योति अभियान के शुभारंभ पर वरिष्ठ भाजपा नेत्री और ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि वह इस योजना के लोकार्पण के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारें और शिवराज सिंह चौहान ने इस आमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया था,  लेकिन कल शिवपुरी आगमन पर केन्द्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ तौर पर कहा कि सिंध पेयजल परियोजना का लोकार्पण केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ करेंगे। बकौल श्री सिंधिया, कमलनाथ को इसका हक है, क्योंकि उनके अनुरोध पर कमलनाथ ने ही इस योजना को मंजूर कराया है। सूत्र बताते हैं कि श्री सिंधिया ने सतर्कता मूल्यांकन समिति की बैठक में कलेक्टर आरके जैन को कहा था कि वह सिंध योजना के लोकार्पण का कार्यक्रम बनाएं। मैं कमलनाथ को लेकर आऊंगा।

सिंध नदी से शिवपुरी को पानी देने की योजना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां के निवासी वर्षों से चांदपाठा तालाब के दूषित पेयजल का सेवन कर रहे हैं। जिसके कारण यहां के अधिकांश लोग पेट की बीमारियों से ग्रस्त हैं। वर्षों से शिवपुरी में सिंध परियोजना की मांग चल रही है।

सन् 80 के आसपास शिवपुरी विकास समिति  जिसमें श्रीप्रकाश शर्मा आदि शामिल थे ने सिंध परियोजना के लिए आंदोलन चलाया था। इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री स्व. दाऊ हनुमंत सिंह ने बेहद रूचि ली थी। पहले यह योजना पड़ोरा से होकर लानी थी, लेकिन वहां सिंध नदी का जल सूख जाने के कारण फिर मड़ीखेड़ा से सिंध नदी का पानी लाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

शिवपुरी विधानसभा उपचुनाव में श्री सिंधिया ने भरोसा दिलाया था कि यदि वीरेन्द्र रघुवंशी चुनाव जीत जाते हैं तो वह सिंध योजना को मंजूरी दिलाएंगे। हालांकि यशोधरा राजे सिंधिया भी लगातार सिंध पेयजल परियोजना को मंजूर कराने की पैरवी करती रहीं। निसंदेह रूप से सिंध पेयजल परियोजना केन्द्रीय फण्ड की योजना है और श्री सिंधिया के अनुसार उन्होंने इसे कमलनाथ से मंजूर कराया। योजना की क्रियान्वयन ऐजेंसी राज्य सरकार है और इस योजना के निरंतर बिलम्ब के लिए कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे को दोषी ठहराते रहे हैं।

श्री सिंधिया ने गुणवत्ता की भी शिकायत की है। चुनाव के पूर्व दोनों दल सक्रिय हो गए और यशोधरा राजे ने पहले कलेक्ट्रेट में और फिर भोपाल में बैठक लेकर चुनाव से पूर्व योजना के लोकार्पण का ताना-बाना बुना, लेकिन श्री सिंधिया के वक्तव्य के बाद दोनों दलों में टकराव बढ़ गया है।

जनता को पानी मिले तभी हो लोकार्पण: ज्योतिरादित्य

स्थानीय सांसद और केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह आधे-अधूरे कामों के साथ सिंध परियोजना का लोकार्पण कराना चाहती है। उन्होंने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उनके निशाने पर कौन था? उन्होंने कहा कि जब तक शहर की जनता को पानी न मिल जाए तब तक इसके लोकार्पण का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी न तो लाइन का काम पूरा हुआ है और न ही पूरे निर्माण कार्य हुए हैं। ऐसे में लोकार्पण की जल्दबाजी क्यों? उन्होंने कहा कि लोकार्पण उस व्यक्ति द्वारा होना चाहिए जिसने योजना को हरी झण्डी दिलाने में मदद की और वह हैं कमलनाथ।