अद्र्धनारेश्वर पर विगत सात वर्षों से जारी है अमावस्या का भण्डारा

शिवपुरी। मानव जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं। कभी सुख कभी दुख के चक्कर में पड़ा व्यक्ति हर तरह के उपाय कर अपने दुखों को दूर करने का प्रयास करता है। यदि वह सभी चक्करों को छोड़कर अपने पितरों को मनाने का प्रयास करे तो वह सुख-समृद्धि जीवन को प्राप्त कर सकता है।

उक्त उदगार बाबा भैंरो दास ने व्यक्त किए। शहर के अर्ध नारीश्वर मंदिर पर आयोजित सात वर्षों से जारी अमावष्या के भण्डारे कार्यक्रम में बोलते हुए बाबा भैंरोदास ने कहा कि सुख और दुख का योग व्यकित को परिवार से ही मिलता है। इस समस्या का समाधान ईश्वर के साथ-साथ व्यक्ति को अपने पूर्वजों का ध्यान धारण करके करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुण्य कमाने के लिए व्यक्ति को धार्मिक आयोजन में सतत भाग लेते रहना चाहिए। जिससे मानव जीवन सफल हो सके।


अपने पितरों को ब्राह्मण भोज कराना ही इस युग में श्रैष्ठ उपाय है। यह आयोजन पिछले 7 वर्षों से अद्र्ध नारीश्वर मंदिर पर लगातार किया जा रहा है। पहले तो यह आयोजन भैंरोदास जी महाराज के द्वारा ही कराया जाता था परन्तु जिन समस्या ग्रस्त लोगों ने इस आयोजन में योगदान दिया और उसका लाभ उन्हें तत्काल मिला तो वह व्यक्ति इस आयोजन में बढ चढ़कर योगदान करने लगा और आज यह भण्डारा सैंकड़ों में पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि बाबा भैंरोदास जी द्वारा हमेशा जन कल्याण के कार्य किए जाते हैं। कई मंदिरों का निर्माण भी इनके द्वारा कराया गया है इनमें अद्र्ध नारीश्वर भी एक है।

आज इनका स्थान अति प्राचीन मंदिर खैरे वाले हनुमान सतनबाड़ा में है। यहां भी हनुमान जी महाराज के बारे में बताया जाता है कि यह भी भक्तजनों के सभी मंगल कार्यों को तुरंत पूरा करते हैं इसलिए इन्हें मंगल कारक भी कहा जाता है।



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