पार्षद बेच रहे हैं नगरपालिका के पानी के टेंकर

शिवपुरी। भीषण गर्मी में पानी की एक-एक बूंद को तरसने वाले शिवपुरी के विभिन्न वार्डों में ये हालात उत्पन्न हो गए है कि उन्हें पानी मिले ना मिले लेकिन उनके पार्षद महोदय जरूर उनके हिस्से का टैंकर अपनी जेबें भरने में लगे है।

यदि ऐसे में वार्डवासियों को एकाध-दो टैंकर मिल भी जाते है तो इसमें पार्षद अपनी मेहनत का श्रेय लेना भी नहीं भूलते जबकि दूसरी ओर नगर पालिका के भ्रष्टाचार को देखा जाए तो यहां प्रतिदिन एक-एक वार्ड में रोज 8 टैंकर संचालित है लेकिन हकीकत में सिर्फ  3 से 4टैंकर ही वार्डवासियों को मिल पाते है जिससे नागरिकों की पेयजल पूर्ति नहीं हो पाती जबकि उनके हिस्से के बचे अन्य टैंकरों को बेचा जा रहा है।

एक ओर जहां जनता में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। वहीं दूसरी ओर कुछ पार्षद जनता को दिए जाने वाले पानी को बेचने में लगे हुए हैं और इस पूरे कृत्य में नपा के अधिकारी भी शामिल हैं। जहां एक वार्ड में प्रतिदिन 8 टेंकर संचालित होने हैं वहां सिर्फ 3 से 4 टेंकर ही पानी सप्लाई कर रहे हैं। जबकि भुगतान ठेकेदारों को 8 चक्करों का हो रहा है और कुछ पार्षद खुद के टेंकर ठेके पर लगाकर भ्रष्टाचार को खुलेआम बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं जनता पानी के लिए दर-दर भटक रही है। स्थिति यह है कि किसी भी कॉलोनी में अगर एक टेंकर पहुंच जाता है तो प्यासी जनता उसे चारों ओर से घेर लेती है। जबकि नपा द्वारा पानी सप्लाई के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

 इसके बावजूद भी जनता पानी नहीं पी पा रही है और पार्षद व अधिकारी इस भ्रष्टाचार में अपना गठजोड़ किए हुए हैं। लगभग सभी वार्डों में नपा द्वारा 8 टेंकर पानी की सप्लाई की जा रही है। इसके साथ बड़े टेंकर भी शुरू किए गए हैं और हर वार्ड में ट्यूब बैल भी लगे हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी पेयजल संकट बना हुआ है।  लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और जनता एक-एक किमी दूर से पानी भरने के लिए भटक रही है। पेयजल व्यवस्था के नपा ने लाखों रूपये पानी में बहा दिए। इसके बावजूद भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है। क्योंकि इस सुविधा को नपा के अधिकारियों, ठेकेदारों और पार्षदों ने भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया है। एक-एक वार्ड में प्रतिदिन चार से पांच टेंकरों को मनमाने दामों में बेचा जा रहा है। जिससे पानी की वार्डवासियों को उपलब्ध ही नहीं हो पाता है और जनता प्यासी ही बनी रहती है।