विधानसभा टिकिट की दौड़ में महराजा खेमे को टक्कर देगा राजा खेमा

शिवपुरी। भले ही केन्द्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने संसदीय क्षेत्र में प्रभावी भूमिका में हैं, लेकिन सिंधिया समर्थकों की कमजोरी का फायदा इस बार दिग्गी खेमा उठाने के मूड में है। चुनावी वर्ष में इस खेमे ने तीन सिंधिया समर्थकों राकेश गुप्ता, विजय शर्मा, लक्ष्मीनारायण धाकड़ को तोड़कर उनके सहारे अपनी रणनीति बनाने की योजना बनाई है।

 सूत्र बताते हैं कि जिले की पांच विधानसभा सीटों में से इस बार दिग्विजय सिंह खेमा तीन विधानसभा क्षेत्रों में टिकिट के लिए दावा ठोकेगा। इसका आधार यह है कि पिछले चुनाव में सिंधिया खेमे को पांच में से चार विधानसभा क्षेत्रों में टिकिट दिए गए थे, लेकिन इनमें से किसी भी सीट पर उसे विजय हासिल नहीं हुई थी। जबकि दिग्विजय सिंह खेमे के अकेले उम्मीद्वार केपी सिंह ने पिछोर से जोरदार जीत हासिल की थी।

सिंधिया खेमे को आबंटित की गईं करैरा और पोहरी में तो कांग्रेस उम्मीद्वारों को जमानत से हाथ धोना पड़ा था। इसी कारण इस बार दिग्विजय सिंह खेमा जिले की तीन विधानसभा सीटों पर टिकट की मांग करने की फिराक में है। ये सीटें हैं- पिछोर के अलावा शिवपुरी और पोहरी। शिवपुरी में दिग्विजय सिंह खेमा उस सूरत में टिकट की मांग करेगा जब भाजपा प्रत्याशी के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव मैदान में उतरें जिसकी फिलहाल तो प्रबल संभावना नजर आ रही है, लेकिन यह तय लग रहा है कि कोलारस और करैरा में सिंधिया खेमे के उम्मीद्वारों को ही कांग्रेस टिकट मिलेगा।

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के प्रदेश दौरे के बाद कांग्रेस टिकट के समीकरण बदलेंगे ऐसा कांग्रेस सूत्रों का कथन है। कांग्रेस के एक प्रदेश स्तरीय नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टिकट इस बार कोटा पद्वति के आधार पर न दिए जाकर इस आधार पर दिए जाएंगे कि जीतने वाला उम्मीद्वार कौन है। किसी भी क्षेत्र में वहां के क्षत्रपों को निश्चिंत नहीं रखा जाएगा और जीतने वाले उम्मीद्वारों को वरीयता दी जाएगी। भले ही उसका किसी भी ग्रुप से संबंध हो।

शिवपुरी जिले में ग्वालियर और गुना दो संसदीय सीटें शामिल हैं। इनमें से गुना सीट से जहां केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं वहीं ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया सांसद हैं। गुना संसदीय क्षेत्र में शिवपुरी जिले की तीन विधानसभा सीटें शिवपुरी, कोलारस और पिछोर शामिल हैं जबकि ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में दो सीटें करैरा और पोहरी शामिल है। इनमें से ग्वालियर संसदीय क्षेत्र की दोनों सीटों पर पिछले चुनाव में सिंधिया समर्थकों को टिकट दिया गया था और दोनों पराजित हुए थे।
जबकि गुना संसदीय क्षेत्र की तीन सीटों में से कांग्रेस की एक मात्र सफलता पिछोर सीट पर हासिल हुई थी जहां से दिग्विजय सिंह खेमे के पूर्व मंत्री केपी सिंह पिछले बीस वर्ष से विधायक हैं। मौजूदा समीकरण में पिछोर से केपी सिंह का टिकट एकदम से पक्का है और संभावना व्यक्त की जा रही है कि पहली सूची में ही उनका नाम शामिल होगा।

 शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीद्वार के रूप में फिलहाल सिंधिया खेमे के वीरेन्द्र रघुवंशी का नाम लगभग तय लग रहा है। कांग्रेस के सर्वे में भी उनका नाम जीतने योग्य उम्मीद्वारों की सूची में है। लेकिन यदि भाजपा उम्मीद्वार के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी से लड़ती हैं तो दिग्गी खेमा इस सीट पर अपना दावा ठोकने की फिराक में है। दिग्विजय सिंह खेमे में नए-नए शामिल हुए शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता मनस्थिति बनाकर चुनाव लडऩे के मूड में हैं। उनका सकारात्मक पक्ष यह है कि वह वैश्य वर्ग से हैं और शिवपुरी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सांवलदास गुप्ता के सुपुत्र हैं।

जिनका इलाके में अच्छा खासा जनाधार है। सांवलदास गुप्ता सन् 1993 में शिवपुरी से कांग्रेस उम्मीद्वार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें अपने समधी भाजपा उम्मीद्वार देवेन्द्र जैन के हाथों कांटे के संघर्ष में मात खानी पड़ी थी। सूत्रों के अनुसार दिग्गी खेमे की मांग है कि यशोधरा राजे के चुनाव लडऩे की स्थिति में टिकट उनके खेमे के उम्मीद्वार को दिया जाए।

दिग्विजय सिंह खेमा पोहरी में भी अपनी संभावनाओं को टटोल रहा है। इस खेमे से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने इस संवाददाता को बताया कि यहां उनके पास ब्राह्मण और धाकड़ उम्मीद्वार दोनों हैं। मजे की बात तो यह है कि इस खेमे के दोनों संभावित उम्मीद्वार भी सिंधिया खेमे से नाता तोड़कर दिग्गी खेमे में शामिल हुए हैं। युवक कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष विजय शर्मा संगठन के चुनाव तीन प्रदेशों में करा चुके हैं और आश्वस्त हैं कि टिकट में उन्हें वरीयता दी जाएगी। श्री शर्मा कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन के नजदीकी हैं और पोहरी से चुनाव लडऩे के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं।

 उनके समर्थकों का दावा है कि यदि भाजपा ने प्रहलाद भारती को टिकट दिया तो कांग्रेस से विजय शर्मा को टिकट मिलेगा। दिग्विजय सिंह खेमे की ओर से लक्ष्मीनारायण धाकड़ भी टिकट के लिए आतुर हैं। दूसरी ओर सिंधिया समर्थकों का कहना है कि इलाके में जनाधार केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। इसलिए चार विधानसभा क्षेत्रों शिवपुरी, पोहरी, कोलारस और करैरा में टिकट उनके समर्थकों को ही मिलेगा।