राजनैतिक संरक्षण होने से सहायक यंत्री के हौंसले बुलंद, योजनऐं फैल

शिवपुरी/बदरवास-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि संपूर्ण मप्र समृद्ध प्रदेश बने लेकिन इसके लिए उन्हें अपने अधीनस्थ अमले को चुस्त दुरूस्त करना होता है और ऐसा होता भी है लेकिन यह अमला शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद पंचायत में फैल होता नजर आता है।

यहं जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक यंत्री इन दिनों राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण मनमर्जी के मुताबिक कार्य कर रहे है और रही कसर अपने कमीशन के रूप में पूरी कर रहे है। सैकड़ों पंचायतों में योजनाऐं अपना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है तो उसका एक कारण यह सहायक यंत्री ही है। जनपद पंचायत में सहायक यंत्री के रूप में पदस्थ होने के बाद भी मुख्यालय पर ना बैठना तो जैसे इनकी आदत हो गई है और यदि बैठ भी गए तो अपने कमीशन वाले कार्येाँ को प्राथमिकता देकर मुख्यालय से चलते बनते है। जनपद बदरवास की 66 ग्राम पंचायतों के सचिव आज भी इनके दर्शन करने को आतुर है क्योंकि महोदय के दर्शन हो तो योजनओं के नाम पर होने वाले कार्य आगे बढ़ सके लेकिन सहायक यंत्री के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। 

यही वजह है कि सहायक यंत्री जनपद सीईओ भृगेन्द्र गुप्ता के निेर्दशों को भी हवा में उड़ाकर उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे जबकि कई बार सीईओ ने उनसे जबाब-तलब भी किया। शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना पंच-परमेश्वर भी यहां धरातल पर शून्यता की स्थिति में है साथ ही बीआरजीएफ योजना के तहत होने वाले निर्माण कार्य भी अधर में लटके हुए है। जिन्हें कमीशन देना होता है वे कार्य कराने वाले स्वयं सहायक यंत्री के शिवपुरी निवास स्थान पर पहुंच जाते है। 

बीते माह मार्च 2012 में बदरवास पदस्थी के दौरान से लेकर आज तक सहायक यंत्री अपने मनमुताबिक होने वाले कार्येां को ही करते है और कमीशन किसी भी कार्य में लेना नहीं छोड़ते है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे भ्रष्ट सहायक यंत्री के विरूद्ध औचक कार्यवाही करते हुए सख्त कार्यवाही करें ताकि अन्य कर्मचारियों के सबक मिले। अब देखना होगा कि इस ओर कलेक्टर श्री जैन का ध्यान कब आकर्षित होता है।