सीएम का आगमन बना कमाई का जरिया: नपा ने सड़क सुधार के नाम पर फूंके डेढ़ करोड़

शिवपुरी। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के दौरे को लेकर नगर पालिका प्रशासन ने जरा भी आमजन के हित में नहीं सोचा और तीन दिन पुरानी सीसी रोड पर ही डामरीकरण डालकर इसे सीएम के दौरे पर सड़क सुधार का नाम दिया जिसमें नगर पालिका ने सीधे-सीधे डेढ़ करोड़ की राशि चंद मिनिटों में ही फूंक डाली।

आखिर ऐसी क्या आवश्यकता थी कि प्रदेश के मुखिया आ तो पिछोर रहे है लेकिन उनके आगमन के नाम पर शिवपुरी शहर की सड़कों को सुधारने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। यह मामला अब तूल पकड़ चुका है और भ्रष्टाचार का गढ़ बना यह मामला सबदूर चर्चा का वायस बना हुआ है।

भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी शिवपुरी नगरपालिका में ठेकेदारों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों ने जनता के पैसों को किस तरह ठिकाने लगाने की योजना बनाई है। इसका एक ताजा मामला पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में डल रही सीसी रोड निर्माण से उजागर हुआ है। जिसमें अधिकारियों ने ठेकेदार को पहले से ही डली सीसी रोड पर डामरीकरण करने का निर्देश दे दिया और अब यह मामला उजागर होते देख अधिकारी इस मामले में अनभिज्ञता दिखा रहे हैं और शहर के बीचोंबीच यह कृत्य नागरिकों ने तो देख लिया, लेकिन इस कृत्य को आंखें मंूदे बैठे जनप्रतिनिधियों को दिखाई नहीं दिया। इस मामले से यह तो सिद्ध हो गया कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है। इस मामले में नगरपालिका अध्यक्ष और सीएमओ के विरोधाभाषी बयानों ने नगरपालिका की कलई खोलकर रख दी है।

मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक वर्ष पूर्व गुरूद्वारे चौराहे से नीलगर चौराहे तक सीसी रोड के भूमिपूजन के लिए एक भव्य आयोजन नगरपालिका शिवपुरी द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भाग लिया और एक अच्छी और मजबूत सीसी रोड के निर्माण के लिए नागरिकों को आश्वस्त कराया। इसके बाद जब सीसी रोड का निर्माण प्रांरभ हुआ और गुरूद्वारे से लेकर यह सीसी रोड लुहारपुरा की पुलिया तक डाली गई और इस निर्माण में घटिया सामग्री का जमकर उपयोग भी किया गया। जिसकी शिकायत भी की गई और उसके बाद यह काम रूकवा दिया गया। बाद में कलेक्टर द्वारा सीवर प्रोजेक्ट के चलते मुख्य मार्गों पर सीसी निर्माण के चलते रोक भी लगा दी गई।

इस आदेश के विपरीत भी नगरपालिका द्वारा सीसी रोड का निर्माण जारी रखा और 13 दिन पहले 18 अप्रैल से इस सड़क का पुन: काम शुरू कर दिया गया और लुहारपुरा की पुलिया से लेकर एक भाजपा नेता के घर तक यह सीसी डाल दी गई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस निर्माण में भी घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और इन 13 दिनों के अंदर ही वह सड़क उखडऩा शुरू हो गई। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शिवपुरी आगमन की खबर भी आ गई और आनन-फानन में नगरपालिका द्वारा शहर की जर्जर पड़ी सड़कों के पेचवर्क के लिए डेढ़ करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत कर दी और सड़कों का पेचवर्क भी शुरू हो गया।

इसी बीच पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में डली वह सीसी भी उखडऩा शुरू हो गई। इसके बाद नगरपालिका के कथित अधिकारियों और ठेकेदारों ने अपना पाप छिपाने के लिए इसका फायदा उठाया और उक्त सीसी सड़क के ऊपर डामरीकरण शुरू कर दिया। जिसका विरोध स्थानीय नागरिकों ने किया और इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। बाद में जब यह मामला नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अनुराग अष्ठाना के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने तर्क दिया कि डामरीकरण से सीलकोट किया जा रहा है जिससे कार्य में सुंदरता आ जाएगी साथ ही सड़क नहीं कटेगी। उनकी इस सफाई के बाद नगरपालिका सीएमओ ने भी अपना तर्क दिया और कहा कि मुझे तो इस बात की कोई जानकारी नहीं है।

अगर ऐसा हो रहा है तो वह बिल्कुल गलत है और हमारे द्वारा तो किसी और जगह डामरीकरण करने को कहा था, लेकिन ठेकेदार ने अपनी मनमानी के चलते बनी हुई सड़क पर डामरीकरण कर दिया। इस कारण ठेकेदार को भुगतान नहीं किया जाएगा। ज्ञात रहे शहर की सड़कों पर डामरीकरण के नाम पर नपा डेढ़ करोड़ की राशि खर्च करने वाली है और इस डेढ़ करोड़ के बजट को ठिकाने लगाने और कमीशन बनाने के फेर में यह कृत्य किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी अगर इन अधिकारियों, इंजीनियरों, ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई तो शिवपुरी शहर का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा।

जहां जनता अपनी गाढ़ी कमाई से टेक्स के रूप में नगरपालिका को विकास के लिए पैसे देती है, लेकिन इन पैसों को ऐसे भ्रष्ट ठेकेदारों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की साठगांठ से शहर के विकास के नाम पर घटिया निर्माण कर आपस में कमीशन बांट लेते हैं और जनता टेक्स देने के बावजूद भी सुविधाओं से वंचित रह जाती है। नगरपालिका के इस कृत्य को कलेक्टर आरके जैन ने गलत बताया है और उन्होंने इस मामले में संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही साथ ही नगरपालिका से जवाब तलब करने को भी कहा।

...और लो निर्माण होते ही हो गया भुगतान

शिवपुरी शहर में सीसी सड़कों में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी के बावजूद भी नगरपालिका प्रशासन ने ठेकेदारों को अपने कमीशन के फेर में जल्द भुगतान कर दिए। जबकि शहर के जिन-जिन स्थानों पर सीसी सड़कों का निर्माण हुआ था वह सड़कें अब उखड़ चुकी हैं और कुछ उखडऩे की कगार पर हैं। इन कथित अधिकारियों का यह कृत्य शिवपुरी को शर्मसार करने वाला है। जहां नगरपालिका विकास के दावे करती है। उनके यह दावे झूठे होते चले जा रहे हैं और सिर्फ अधिकारी, इजींनियर, ठेकेदार और जनप्रतिनिधि शहर के विकास के नाम पर अपना विकास करने में लगे हुए हैं। अब सवाल यह उठता है कि इन घटिया निर्माणों की जानकारी होने के बावजूद भी ठेकेदारों को अनैतिक रूप से भुगतान करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या नहीं?

सीएम का आगमन बना कमाई का जरिया

शिवपुरी में जब-जब भी सीएम चौहान के आगमन की सुगबुगाहट हुई है। तब-तब अधिकारियों की कमाई में इजाफा हुआ है। इससे पहले चार बार सीएम के आगमन की सूचना के बाद नगरपालिका द्वारा चार बार ही पेचवर्क के लिए टेण्डर बुलाए गए और पेचवर्क भी किया गया, लेकिन हर बार पेचवर्क हुई सड़कें क्यों उखड़ जाती हैं। यह कारण समझ से परे है। सीएम के आगमन को हर बार की तरह इस बार भी कमाई के नजरिए से अधिकारियों ने देखा और करोड़ों रूपये पेचवर्क में खत्म करने के लिए स्वीकृत भी कर दिए। इससे पहले चार बार भी सीएम के आगमन की सूचना हुई और आगमन भी निरस्त हो गया। इस बीच जमकर पेचवर्क और साफ-सफाई में भी करोड़ों रूपये ठिकाने बना दिया और नतीजा सिफर रहा।