ग्रामीण अंचल में पेयजल सुविधाओं के विस्तार पर 36 करोड़ खर्च

शिवपुरी-जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजल की आपूर्ति बनाए रखने के लिए लगभग 36 करोड़ रूपयें की राशि पेयजल स्त्रोतों के निर्माण तथा लगभग 3 करोड़ रूपयें की राशि भूजल सर्वधन गतिविधियों पर खर्च की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 9 लाख 38 हजार की जनसंख्या लाभान्वित हो रही है।

कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा श्री शाक्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण अंचल को पेयजल की आपूर्ति राज्य शासन की प्राथमिकता है। जिसके परिणाम मध्यप्रदेश वर्ष 2004 में नई सरकार के गठन के बाद से ग्रामीण अंचल मे नवीन पेयजल स्त्रोत विकसित करने की कार्रवाई तेजी से की गई है। उन्होंने बताया कि शिवपुरी जिले में गत 9 वर्षों में 9 करोड़ 81 लाख 50 हजार रूपयें की लागत से 73 जल प्रदाय योजनाऐं बनाई गई है।

विकासखण्ड शिवपुरी में 20, पोहरी में 07, पिछोर, में 13, खनियांधाना में 10, कोलारस में 05, बदरवास में 4, करैरा में एक तथा नरवर में 13 नवीन योजनाऐं तैयार की गई जिनसे पीने के पानी की सुविधा मुहैया हो सकी है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री जलप्रदाय योजना के अंतर्गत तीन करोड़ 27 लाख रूपयें की लागत से 75 जलप्रदाय योजनाऐं तैयार की गई, जिनमें विकासखण्ड शिवपुरी में 17, विकासखण्ड पिछोर में 09, विकासखण्ड खनियांधाना में 12, विकासखण्ड कोलारस में 08, विकासखण्ड बदरवास एवं करैरा  में 06 तथा  विकासखण्ड नरवर में 10 जलप्रदाय योजना प्रारंभ की गई। इस अवधि में ग्रामीण अंचल में लगभग 23 करोड़ रूपयें की लागत से तीन हजार 576 हैण्डपंपों का खनन कराया गया है।

जिनमें विकासखण्ड शिवपुरी में 475, पोहरी में 658, पिछोर में 495, खनियांधाना में 389, कोलारस में 475, बदरवास में 257, करैरा में 458 तथा नरवर में 369 नवीन हैण्डपंप खोदे गए जो 5 लाख से अधिक ग्रामीणों को पेयजल मुहैया करा रहे है। भू-जल संर्वधन गतिविधियों के अंतग्रत विकासखण्डों में 2 करोड़ 79 लाख रूपयें की लागत से 62 कार्य भी कराए गएहै।