सरकारी अस्पताल में रेप पीड़िता के गर्भ में भ्रूण की हत्या

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी/ वाकई शासन-प्रशासन भ्रूण हत्या रोकने के लिए कितने ही दंभ भरे लेकिन हकीकत इसके उलट ही सामने आती है अभी तक तो भ्रूण हत्या होने की जानकारी यदि सामने आती भी थी तो वह निजी चिकित्सालय से निकलकर आती थी लेकिन शिवपुरी में तो अब शासकीय अस्पताल में ही भ्रूण हत्या करने का मामला सामने आया है और यह घृणित कार्य जिला चिकित्सालय की महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों  डॉ. वीणा कुमारी, डॉ. अंजना और डॉ. सुनीता जैन द्वारा किया गया।

जी हां! शिवपुरी जिले के खनियाधाना क्षेत्र में स्वास्थ्य केन्द्र पर एक पेट दर्द से पीडित नाबालिग युवती अपना उपचार कराने आई चूंकि यहां चिकित्सक ने जब बालिका की हालत देखी तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और वह स्वयं को पूरे मामले से अनभिज्ञ करना चाह रहा था जिसके चलते खनियाधाना स्वास्थ्य केन्द्र से उक्त नाबालिग बालिका को उसी अवस्था में शिवपुरी जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया।

यहां भी रात्रि के समय आई इस नाबालिग बालिका को जिला चिकित्सालय में केवल नाम व पते के साथ भर्ती कर लिया और जब सुबह हुई तो विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों ने उक्त नाबालिग बालिका का उपचार जब किया तो पता चला कि वह चार माह के गर्भ से है ऐसे में स्वयं की संवेदनाओं को तिलांजलि देकर भी इन महिला चिकित्सकों ने नाबालिग बालिका के भ्रूण की हत्या कर दी और इस मामले की सूचना पुलिस व प्रशासन को भी नहीं दी। जब मीडियाकर्मी को इस संबंध में जानकारी लगी तो तुरंत भर्ती रजिस्टर देखा और उक्त मामले की जानकारी चाही गई जिसके संदर्भ में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने तो पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई।

वहीं जब महिला चिकित्सकों से जानना चाहा गया तो पता चला कि इन चिकित्सकों ने नाबालिग बालिका के भ्रूण की हत्या इसलिए कि क्योंकि बालिका की जान बचाना जरूरी थी अब सवाल उठता है कि एक ओर तो भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को ही शासन की ओर से 1 लाख का ईनाम घोषित है वहीं सरेआम जिला चिकित्सालय में शासकीय चिकित्सकों ने यह घृणित कार्य किया और पुलिस व प्रशासन तक को इस मामले की भनक तक नहीं लगने दी।

ऐसे में अब जिला चिकित्सालय की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगता है और भ्रूण हत्या का जिम्मेदार चिकित्सकीय प्रबंधन स्वयं को इस मामले से दूर बता रहा है। भ्रूण हत्या के इस मामले की खबर से पूरा शहर सरगर्म है और चहुंओर इस मामले की भत्र्सना की जा रही है। एक ओर तो जहां पूरा देश भ्रूण हत्या के खिलाफ है वहीं शिवपुरी जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों ने एक नाबालिग युवती का गर्भपात कर सनसनी फैला दी है। खास बात यह है कि भर्ती हुई उस नाबालिग युवती से संबंधित जानकारी रजिस्टर में अधूरी दर्ज की गई है आज सुबह जब यह खबर पत्रकारों को लगी तो वह अस्पताल में पहुंच गए और मौजूद स्टॉफ से जब यह जानकारी लेनी चाही तो पूरा स्टाफ जानकारी देने से कतराता हुआ नजर आया। वहीं रात्री में ड्यूटी पर तैनात डॉ. वीणा कुमरा ने स्वीकार करते हुए कहा कि उक्त युवती का गर्भपात किया गया है। लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी। क्योंकि हमें पहले बच्ची की जान बचानी थी।

इस संबंध में जब सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ. गोविंद सिंह से बात की तो उनका कहना था कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मैं अभी इस पूरे मामले को दिखवाता हूं। विदित हो कि पूरे देश में भू्रण हत्या पर रोक लगी हुई है और अगर भू्रण हत्या से संबंधित कोई भी केस आता है तो उसकी जानकारी शासन, प्रशासन और पुलिस को देने का प्रावधान भी है। लेकिन जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने गर्भपात की जानकारी देना उचित नहीं समझा।

वहीं अस्पताल के रजिस्टर में भी उस नाबालिग युवती की भी उम्र के साथ उसका उसका पता आदि जानकारी भी नहीं लिखी गई। इससे स्पष्ट हो जाता है कि ड्यूटी पर तैनात स्टॉफ ने लापरवाही बरती है। साथ ही जब यह जानकारी पत्रकारों को लगी और उन्होंने  वहां मौजूद स्टॉफ से इस मामले में जानकारी चाही तो पूरा स्टॉफ इस मामले से पल्ला झाड़ता हुआ नजर आया। बाद में जब यह घटनाक्रम कलेक्टर आरके जैन और एसडीएम डीके जैन सहित सिविल सर्जन गोविंद सिंह को बताया  तो पूरा प्रशासन सर्तक हो गया।

 जब इस संबंध में नाबालिग युवती के परिजनों से बात की तो उनका कहना था कि कल उनकी पुत्री के पेट में दर्द हुआ इसके बाद वह उसे स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। जहां मौजूद नर्सों ने उसे शिवपुरी अस्पताल के लिए रैफर कर दिया और युवती के परिजन उसे अपने प्राईवेट वाहन से शिवपुरी अस्पताल ले आए इस घटनाक्रम से यह भी ज्ञात हो गया कि जब खनियांधाना स्वास्थ्य केन्द्र में मौजूद स्टॉफ ने युवती की हालत को देखा और उन्हें उसके गर्भवती होने का पता चल गया उसके बाद भी वहां के डॉक्टरों ने भी इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी और गर्भवती इस नाबालिग को स्वास्थ्य केन्द्र से जननी एक्सप्रेस भी मुहैया नहीं कराई गई।

इससे खनियांधाना स्वास्थ्य केन्द्र भी सवालों के घेरे में आ गया है। इसके बाद जब उसके परिजन युवती को शिवपुरी लेकर आए तो वहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. वीणा कुमारी, डॉ. अंजना और डॉ. सुनीता जैन ने युवती को भर्ती कर लिया और बाद में उसका गर्भपात भी कर दिया और एंट्री रजिस्टर में सिर्फ युवती का नाम और पिता का नाम लिखकर खानापूर्ति कर दी। यह पूरा मामला अब जांच की जद में है और देखना होगा कि इस मामले में जिला प्रशासन व चिकित्सकीय प्रबंधक क्या कठोर कार्यवाही करता है।


भ्रूण की हत्या, पर पिता कौन ?


एक नाबालिग बालिका जिसे स्वयं का ही पता नहीं वह मॉं बन गई। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि इस नाबालिग बालिका के भ्रूण का पिता कौन है? एक ओर तो जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने इस नाबालिग बालिका के भ्रूण की हत्या कर दी वहीं दूसरी ओर यह जानने का प्रयास भी नहीं किया गया कि उक्त युवती गर्भवती कैसे हुई? यदि यह जान लिया होता तो शायद उस आरोपी को भी उसके किए की सजा दिलाने में आसानी होती है। खैर अब जब मामला सामने आ ही गया है तो निश्चित रूप से आरोपी भी सामने आ ही जाएगा। यह देखना होगा कि आने वाले दिन में क्या नाबालिग युवती अपने साथ हुए कृत्य को खुलकर बताएगी अथवा पुलिस  युवती के बताए बयानों के आधार पर कार्यवाही कर आरोपी को पकड़ेगी। यह मामला जनचर्चा में है कि एक नाबालिग युवती के भ्रूण की हत्या कर दी और यह भी पता नहीं कि उसका कलियुगी पिता कौन था?