मजदूरी का झांसा देकर बुआ ने बेचा भतीजी को

शिवपुरी-मजदूरी दिलाने का झांसा देकर एक कलियुगी बुआ अपनी नाबालिग भतीजी और उसके परिवार को ग्वालियर ले गई। इसके बाद उसने अपनी भतीजी को महज 20 हजार रूपये में बेच दिया। 21 महीने बाद खरीददार के चंगुल से छूटकर आई युवती अपने गांव पहुंची और पिता के साथ एसपी आरपी सिंह के पास पहुंच अपनी आपबीती सुनाई।

युवती तो बरामद हो गई, लेकिन उसके साथ गई उसकी मां, भाई और दो बहिनों का कोई पता नहीं चला है। पुलिस ने आरोपी महिला राधा आदिवासी और  उसके साथ कल्लू रावत और नवलू सपेरा के विरूद्ध अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम कल्याणपुर में रहने वाले एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को उनकी ही रिश्तेदार ने ग्वालियर में मजदूरी दिलाने का झांसा दिया और उसकी नाबालिग बेटी को एक दरिंदे को मात्र 20 हजार रूपये में बेच दिया। बेचने वाली महिला राधा पत्नि सुगर सिंह आदिवासी उस नाबालिग की बुआ निकली। जिसने यह पूरा षड्यंत्र रचा। 

उसने इस घटना को उसके साथ रहने वाले कल्लू पुत्र हरिसिंह रावत के साथ मिलकर अंजाम दिया और उसे मुरैना जिले के बानमौर में एक नवलू सपेरा निवासी ग्राम पहाड़ी को बेच दिया और इसी बीच खरीददार ने उस नाबालिग बालिका को जबरन पत्नि बना लिया और उसके साथ कई बार बलात्कार भी किया। जिससे वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्ची को भी जन्म दे दिया। लेकिन जन्म होने के तुरंत बाद ही उस बच्ची की मौत हो गई और वह 13 जनवरी को मौका पाकर वह खरीददार के चंगुल से छूटकर अपने गांव कल्याण लौट आई। पुलिस ने मामला विवेचना में ले लिया है।