शिवपुरी-देखा जाए तो आईपीएस नरेन्द्र कुमार की मौत के बाद ऐसा लग रहा था कि अवैध रूप से हो रहे अवैध उत्खनन पर रोक लग जाएगी और पूरे प्रदेश में प्रशासन अपने नियम कायदों से कार्य करेगा लेकिन बीते रोज जिले के मायापुर थाना क्षेत्र में राजापुर खदान से अवैध उत्खनन की सूचना पर कार्यवाही करने पहुंचे प्रशासनिक अमले की नींद तब उड़ गई जब अवैध खण्डों से भरा ट्रेक्टर का चालक कार्यवाही की जद में आते ही ऐसे स्थान पर पहुंच गया जहां उसके अन्या खदान माफिया साथी मौजूद थे
इन लोगों को देख प्रशासन के हाथ-पंाव फूल गए, हाथो में हथियार देखकर प्रशासन के ये नुमाईंदे वैसे ही डर गए थे कि तभी खदान माफियाओं ने पटवारी के साथ झूमाझटकी की तो वहीं पीछे आ रहे एसडीएम, तहसीलदार को भी रोका और उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली। और जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। पुलिस ने पटवारी की फरियाद पर पांच से छह अज्ञात युवकों पर धारा 147, 148, 149, 353, 294, 341, 506 बी के तहत मामला दर्ज कर युवकों की तलाश शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह 9 बजे एसडीएम उमेश शुक्ला को जानकारी लगी कि कुछ लोग राजापुर खदान से खण्डों का अवैध उत्खनन कर ले जा रहे हैं। इस सूचना पर एसडीएम उमेश शुक्ला और तहसीलदार व पटवारी पवन भार्गव हल्का नंबर 3 अपने दलबल सहित घटनास्थल पर पहुंच गए और रास्ते में जा रहे खण्ड़ों से भरे टे्रक्टर को जब रोका और टे्रक्टर के चालक से जब रॉयल्टी मांगी तो वह रॉयल्टी नहीं बता पाया और प्रशासनिक अमले ने ट्रेक्टर को जप्त कर उसे थाने के लिए रवाना कर दिया और टे्रक्टर के साथ पटवारी पवन भार्गव को भी पहुंचा दिया।
तभी टे्रक्टर चालक ने टे्रक्टर को तेज गति से भगाकर वन चौकी के पहले मंदिर के पास सड़क से नीचे उतारकर जंगल में ले गया जहां पहले से ही पांच-छह अज्ञात लोग लाठियों और लुहांगियों से लेस होकर खड़े हुए थे। उन सभी ने मिलकर पटवारी पवन भार्गव को पकड़ लिया और उनके साथ झूमाझटकी करना शुरू कर दी। कुछ देर बाद पीछे से आ रहे एसडीएम उमेश शुक्ला और तहसीलदार की गाड़ी को सभी आरोपियों ने रोक लिया और एसडीएम के साथ गाली-गलौंच करने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। बाद में थाने में पहुंचकर पटवारी पवन भार्गव ने सभी पांच से छह अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज करा दिया।
तभी टे्रक्टर चालक ने टे्रक्टर को तेज गति से भगाकर वन चौकी के पहले मंदिर के पास सड़क से नीचे उतारकर जंगल में ले गया जहां पहले से ही पांच-छह अज्ञात लोग लाठियों और लुहांगियों से लेस होकर खड़े हुए थे। उन सभी ने मिलकर पटवारी पवन भार्गव को पकड़ लिया और उनके साथ झूमाझटकी करना शुरू कर दी। कुछ देर बाद पीछे से आ रहे एसडीएम उमेश शुक्ला और तहसीलदार की गाड़ी को सभी आरोपियों ने रोक लिया और एसडीएम के साथ गाली-गलौंच करने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। बाद में थाने में पहुंचकर पटवारी पवन भार्गव ने सभी पांच से छह अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज करा दिया।
Social Plugin