जनशिक्षा केन्द्र में करोड़ों का फर्जी आहरण

शिवपुरी -शिवपुरी का शिक्षा विभाग विगत कई वर्षों से भ्रष्टाचार एवं फर्जीबाड़ा का केन्द्र बना हुआ है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल ही में जनशिकायत निवारण विभाग में की गई एक शिकायत के माध्यम से सामने आया है।

यहां शिकायतकर्ता हरिप्रकाश शर्मा ने पी.जी.क्रमांक 203669 के माध्यम से यह शिकायत की है कि वर्ष 2009 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश क्रमांक/आर.एम.एस.ए./09/14814 दिनांक 3.11.09 के द्वारा आर.एम.एस.ए. के संपूर्ण कार्य एवं व्यवस्थाओं के संचालन का दायित्व तत्कालीन योजना अधिकारी सी.बी.पाण्डे के सौंपा गय था लेकिन उन्हें दरकिनार करते हुए कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक अजय कुमार रोहित ने दबंगई कर आर.एम.एस.ए.का पूर्ण कार्य अपने हाथों में ले लिया तथा श्री रोहित के द्वारा उक्त योजना के सभी कार्य किए गए। 

सन् 2009 में ही तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी का स्थानांतरण हो जाने के बाद नये पदस्थ अधिकारी को अंधेरे में रखकर बिना पूर्व आदेश बताये श्री रोहित द्वारा योजना प्रारंभ दिनांक से बिना किसी आदेश के करोड़ों रूपयों का आहरण कराया गया तथा अनेक प्रकार की वित्तीय अनियमितताऐं की गई है। श्री रोहित द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक/आर.एम.एस.ए./11/62-63 दिनांक 10.3.2011 द्वारा रूपये एक करोड़ नौ हजार के चैक का आहरण निर्माण कार्य हेतु कराया गया। 

यहां शिकायतकर्ता द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि ऐसा एक नहीं अनेक मामले हैं जो निष्पक्ष जांच के दौरान सामने आयेंगें। श्री रोहित द्वारा अवैध धनप्राप्ति के उद्देश्य से न केवल शासकीय नियमों का उल्लंघन किया गया बल्कि योजना अधिकारी को दिए गए दायित्वों का अतिक्रमण कर शासकीय धन का दुरूपयोग किया गया है। श्री रोहित को आर.एम.एस.ए. के धन का ऐसा चक्का लगा कि ये सहायक संचालक के पद को छोड़कर जुलाई 2012 में आर.एम.एस.ए. के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक के पद पर शिवपुरी में ही पदस्थ हो गये।  भोपाल के अधिकारियों द्वारा भी इनके पूर्व के कारनामे जाने बिना इन्हें शिवपुरी में ही पदस्थ कर दिया गया। 

शिकायतकर्ता के द्वारा प्रस्तुत शिकायती पी.जी.क्रमांक 203670 में यह आरोप लगाया गया है कि आर.एम.एस.ए. भोपाल के आदेश क्रमांक/600 दिनांक 31.03.2012 द्वारा योजना के तहत सामग्री, उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी आदि क्रय हेतु भारत शासन के वित्तीय मेन्युअल के संदर्भ में 15000/- से अधिक एवं 10,0000/- तक की सामग्री क्रय करने हेतु जिला स्तर के लिए एक समिति गठित की गई थी जिसमें जिला कोषालय अधिकारी अथवा उनके द्वारा नामांकित प्रतिनिधि आवश्यक था किन्तु ए.क.रोहित द्वारा सभी को दरकिनार कर जिला शिक्षा अधिकारी को अंधेरे में रखकर बिना समिति की जानकारी में लाए लाखों रूपये की खरीद का भुगतान करा दिया गया। 

शिकायत में यह भी उल्लेख है कि श्री रोहित द्वारा दबंगई से कहा जाता है कि अपुन जो कहत है वही होता है, ऐसा सुना गया है कि श्री रोहित द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर पूर्व के आहरण एवं भुगतान आदि को अब पुरानी तारीखों में जिला कोषालय अधिकारी से मिलकर पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से मांग की है कि उक्त शिकायत की जांच कोषालय अधिकारी अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कराई जावे।