शिवपुरी। शिवपुरी में झट से चले और पट से बंद हो गए अतिक्रमण
विरोधी अभियान में नेता लोग तो हीरो हो गए लेकिन राहत अभी भी जीरो ही है।
प्रशासन ने अपने हाथ वापस जेब में डाल लिए और कांग्रेसी शुरू हो गए
प्रेसनोट जारी करने। जिनके अतिक्रमण टूटे उनसे दो वक्त का दाना पानी पूछने
अभी तक कोई नहीं गया। आप खुद पढि़ए यह प्रेसनोट:-
शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर 50 साल से अपनी रोजी रोटी चला रहे दुकानदारों को वैकल्पिक व्यवस्था दिए जाने हेतु जिला कांग्रेस कार्यालय पर इस संबंध में एक बैठक आयोजित की गई। जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राकेश जैन आमोल मानते हैं कि कांग्रेस को गरीबों की लड़ाई लडऩा चाहिए तथा जो व्यापार और व्यवसाय से बेदखल हुए हैं उन्हें पुर्नवासित करना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने प्रशासन और नगरपालिका द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को पक्षपातपूर्ण बताया है। पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी का कहना है कि जब गरीबों के अतिक्रमण तोड़े जा रहे थे तब प्रशासन ने उनकी सुनवाई नहीं की तथा उन्हें अतिक्रमण हटाने का समय भी नहीं दिया।
उनका आरोप है कि ठण्डी सड़क पर बिना किसी सूचना और बिना समय दिए 75 दुकानदारों के अतिक्रमण नाले में बहा दिए। यहां लगभग 40-50 साल से गरीब लोग व्यवसाय कर रहें हैं और छोटा-मोटा धंधा कर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे। नपा को वह रसीदें भी कटाते थे। इसके बाद भी उन्हें वैकल्पिक रूप से रोजगार प्रदान करने से पहले ही उन्हें सड़क पर ला दिया गया। ऐसे लोगों की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी।
शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर 50 साल से अपनी रोजी रोटी चला रहे दुकानदारों को वैकल्पिक व्यवस्था दिए जाने हेतु जिला कांग्रेस कार्यालय पर इस संबंध में एक बैठक आयोजित की गई। जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राकेश जैन आमोल मानते हैं कि कांग्रेस को गरीबों की लड़ाई लडऩा चाहिए तथा जो व्यापार और व्यवसाय से बेदखल हुए हैं उन्हें पुर्नवासित करना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने प्रशासन और नगरपालिका द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को पक्षपातपूर्ण बताया है। पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी का कहना है कि जब गरीबों के अतिक्रमण तोड़े जा रहे थे तब प्रशासन ने उनकी सुनवाई नहीं की तथा उन्हें अतिक्रमण हटाने का समय भी नहीं दिया।
उनका आरोप है कि ठण्डी सड़क पर बिना किसी सूचना और बिना समय दिए 75 दुकानदारों के अतिक्रमण नाले में बहा दिए। यहां लगभग 40-50 साल से गरीब लोग व्यवसाय कर रहें हैं और छोटा-मोटा धंधा कर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे। नपा को वह रसीदें भी कटाते थे। इसके बाद भी उन्हें वैकल्पिक रूप से रोजगार प्रदान करने से पहले ही उन्हें सड़क पर ला दिया गया। ऐसे लोगों की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी।