करैरा कॉलेज प्रंसीपल का फिमेल सेंसटिविटी चर्चाओं में

शिवपुरी/करैरा। शिक्षा के मंदिर में सभी छात्र-छात्रा एक समान होते है और छात्रों की समस्याओं को समझकर उनकी समस्या का निदान कर हर शिक्षा के मंदिर का दायित्व संभालने वाले प्राचार्य का होता है लेकिन जिले की सबसे बड़ी तहसील करैरा में इन दिनों शासकीय महाविद्यालय करैरा के प्राचार्य की गतिविधियां चर्चा में है। यहां प्राचार्य महोदय द्वारा बरती जाने वाली अनियमितताओं और लापरवाही जहां छात्रों के लिए मुसीबत तो वहीं छात्राओं के लिए वरदायनी साबित हो रही है।
यहां बता दें कि बीते कुछ समय से मुरैना का दबदबा दिखाकर छात्रों को डराने वाले करैरा के शास.महाविद्यालय के प्राचार्य जहां छात्रों पर धौंसधपट दे रहे है तो वहीं छात्राओं के साथ बड़े सरल, सहज स्वभाव में व्यवहार करना उन्हीं छात्रों व अन्य लोगों को समझ नहीं आ रहा है। बताया गया है कि अभी कुछ समय पहले ही करैरा में महाविद्यालय परिसर में आयोजित परीक्षाओं के दौरान एक छात्र हेमराज कोली का जबरन फार्म भरवा दिया गया जबकि छात्र हेमराज का कहना था कि उसने किसी प्रकार की कोई नकल नहीं की उसके बाद भी मेरे विरूद्ध कार्यवाही यह न्याय संगत नहीं है वहीं पास में ही अन्य छात्रा भी सरेआम नकल कर अपनी परीक्षा दे रही थी उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं।

इस तरह की हरकतें कॉलेज के प्राचार्य आए दिन करते रहते है। वहीं कई बार तो छात्र अपनी समस्याओं को बताकर उनका निदान चाहते है तो उन्हें प्राचार्य कक्ष से बाहर भगा दिया जाता है जबकि इसी तरह की कई समस्याऐं कुछ छात्राऐं लेकर पहुंचती है तो यहां प्राचार्य महोदय इन छात्राओं को अपने कक्ष में बुलाकर उन्हें बड़े अच्छे ढंग से ना केवल समझाईश देते है बल्कि कई बार तो अश्लील छेड़ाखानी करने से भी बाज नहीं आते, लेकिन हां वह छात्राओं की हर समस्या का समाधान जरूर कर देते है। ऐसे में अब महाविद्यालय में के मुखिया प्राचार्य का यह रवैया अगर यूं ही जारी रहा तो शिक्षा के मंदिर का अपमान होगा ऐसे में छात्रों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वह करैरा के शास.महा. का आकस्मिक निरीक्षण कर स्वयं हकीकत जानें और संबंधित प्राचार्य के विरूद्ध ना केवल कार्यवाही करें बल्कि उनका स्थानांतरण भी किया जाए तो शायद छात्रों व महाविद्यालय की व्यवस्थाओं के साथ न्याय संगत होगा।