गेस्ट फैकल्टी में भाजपाईयों की पावर पॉलीटिक्स

शिवपुरी। म.प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मप्र के स्वर्णिम मप्र बनाने का स्वप्न देख रहे है और वह इसके लिए प्रयास भी कर रहे है लेकिन स्थानीय शिवपुरी के भाजप नेता भ्रष्टाचार और नियम विरूद्ध कार्य करने का कोई भी स्वर्णिम अवसर हाथ से नहीं जाने दे रहे है।


ऐसी ही एक शिकायत पी.जी.कॉलेज शिवपुरी के पूर्व जनभागीदरी अध्यक्ष और भाजपा नेता अजय जुनेजा पर भ्रष्टाचारी करने एवं नियम विरूद्ध गेस्ट फैकल्टी के पदों पर केवल भाजपा के नेताओं के पुत्र, पुत्रियों व नजदीकी रिश्तेदारों की नियम विरूद्ध नियुक्ति कर दी। देखो और पढ़ो कि मुख्यमंत्री के स्वर्णिम म.प्र. बनाने में सहयोग करते भाजपा के नेता अजय जुनेजा पर लगे  आरोपों से भरा एक प्रेस नोट:-

यह है कि युवक कांग्रेस नेता व राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के उपाध्यक्ष गौरव नायक ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि शहर में स्थित शासीयक स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाजपा मय हो गया है। उन्होनें यह आरोप सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार अतिथि विद्वानों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताऐं पाये जाने पर उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में पूर्व जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अजय जुनेजा के कार्यकाल के समय में भाजपा के नेताओं के बच्चे उनके रिश्तेदार कार्यकर्ता को महाविद्यालय में अतिथि विद्वान, कम्प्यूटर ऑपरेटर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में अवैध रूप से लगाया गया था। 

इस तरह के कार्य को देखते हुए महाविद्यालय प्रशासन ने ना तो कोई आपत्ति जाहिर की और ना ही इस कार्य को रोका बल्कि वह अपने चहेतों को भी कर्मचारी के पद पदस्थ करा लिया। जब इस पूरे मामले की जानकारी आरटीआई के तहत ली गई तो पता चला कि यहां जो भी भर्ती की गई है वह वह सभी अयोग्य आवेदक है जबकि इनसे कोई आवेदन भी नहीं लिया गया बल्कि 25 हजार रूपये प्रति व्यक्ति की भर्ती की गई।  इस आरोप को कर्मचारियों ने भी स्वीकारा है मैरिट लिस्ट की बात करें तो यह भी पूर्णत: फर्जी रूप से बनाई गई। 

इसमें जिन आवेदनकर्ताओं ने अपने आवेदन दिए उनका उल्लेख ही नहीं है। जबकि जिन्होंने आवेदन नहीं किए उनके नाम तथा उन्हें पोस्ट भी कर दिया गया। मैरिट लिस्ट में एक आवेदक का नाम अलग तथा प्रमाण पत्र अलग नाम से पाये गये है। इस तरह छात्रों के पैसों का दुरूपयोग महाविद्यालय और जनभागीदारी समिति खुलेआम रूप से कर रही है। जब जनभागीदारी के फंड की जानकारी गौरव नायक द्वारा ली गई तो पता चला कि फण्ड में 60 प्रतिशत पैसा छात्रों की फीस द्वारा आया हुआ है और इन चहेतों को छात्रों के पैसों से ही सैलरी बांटी जा रही है। जबकि जनभागीदारी का मतलब शहर के वरिष्ठ लोगों से फण्ड इकट्ठा करना होता है जो ना के बराबर सा प्रतीत हो रहा है। यहां नए अध्यक्ष द्वारा आते ही पांच कर्मचारियों को हटा दिया गया। क्योंकि उनके भारतीय जनता पार्टी में आका नहीं है इस तरह भारतीय जनता पार्टी के लोगों की मनमानी कॉलेज प्रशासन पूर्णत: से जिम्मेदारी पूर्वक निभा रहा है। 

लगाए गए कर्मचारी जिनके भाजपा के लोगों से संबंध है उनमें मोनिका जैन पुत्री जिनेन्द्र जैन (विधायक प्रतिनिधि), शिखा जैमिनी पुत्री विष्णु जैमिनी (भाजपा के वरिष्ठ नेता), आशीष मिश्रा (भाजपा कार्यकर्ता), दिलीप शाक्य (हरिहर शर्मा जी के चहेते), मॉन्टी बाथम (कॉलेज प्रशासन का चहेता), विष्णु गुप्ता (चाचा सिद्धी प्रधान), नंदकिशोर चहेते (अजय जुनेजा), वहीं कम्प्यूटर ऑपरेटरों में (बड़े बाबू का लड़का प्रशासन के चहेते) लोग कार्य कर रहे है। 

ये वो लोग है जिनके प्रमाण पत्र इनको अवैध करार देते है। लोगों को फर्जी तरीके से लगा लिया गया है तथा छात्रों के पैसे का कथित रूप से भ्रष्टाचार अपनी राजनीति को चलाने के लिऐ महाविद्यालय में किया जा रहा है। आज दिनांक तक 25 लाख रूपये सैलरी के रूप में छात्रों का पैसा इन लोगों को बांट दिया गया है।

यहां बता दें कि जब भाजपा के इन नेता व सगे संबंधियों से चर्चा की गई तो इनसे किसी प्रकार का संपर्क नहीं हो सका।