मध्यान्ह भोजन की शिकायत पर कूटा शिक्षक, टीआई ने भगा दिया थाने से

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शिवपुरी। एक ओर तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी विभिन्न योजनाओं को लेकर बच्चों के उज्जवल भविष्य को तैयार करने का दंभ भरते है तो वहीं दूसरी ओर इस भावी भविष्य के निर्माता शिक्षक को सीएम की योजनाओं से ही अपमान का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है।

जिले के पिछोर व पोहरी क्षेत्र में तो कुछ इसी तरह की घटनाऐं हुई जिसमें शिक्षकों को समूह संचालकों का निशाना बनना पड़ा और सरेआम समूह संचालकों से न केवल विवाद की स्थिति बनी अपितु पिछोर में तो एक शिक्षक की तो समूह संचालकों ने पिटाई तक कर डाली। अब इस पिटाई से क्षुब्ध शिक्षकों व कर्मचारियों के संगठनों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराकर जिलाधीश से इस ओर कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंपा है। लेकिन इस तरह बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षकों की पिटाई यदि स्कूल प्रांगण में होने लगी तो कैसे बच्चों का भविष्य तैयार होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है पोहरी में तो मध्याह्न भोजन वितरण में अव्यवस्था व ना बंटने की शिकायत पर शिक्षकों को ही निलंबन की गाज का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं जब शिक्षक पिछोर थाने इस मामले की शिकायत लेकर पहुंचा तो पिछोर थाने में पदस्थ टीआई ने भी आवेदन लेने से मना कर दिया।

घटनाक्रम के अनुसार शा.प्रा.वि. द्वारका के प्रभारी प्र.अ. परीक्षित कोली प्रतिदिन विद्यालय में अपने दायित्व को निभा रहे थे। रोज की भांति 1 अगस्त को भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था की स्थिति देख रहे थे और जब भी मध्याह्न भोजन नहीं बंटता तो उसे पुस्तिका में अंकित करते ऐसे में श्री कोली ने बीते 16 जून से 31 जुलाई 2012 के बीच समूह संचालक द्वारा मध्याह्न भोजन नहीं बांटा गया यह अंकित था।

इस संदर्भ में विद्यालय के प्रभारी प्र.अ.परीक्षित कोली ने विद्यालय में समय पर मध्याह्न भोजन वितरण ना होने को लेकर इसकी लिखित शिकायत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों बी.आर.सी. व एसडीओ को की। इस लिखित शिकायत की जानकारी जब मध्याह्न भोजन वितरण की व्यवस्था देख रहे समूह संचालक मेहरबान सिंह चौहान को लगी तो वह विद्यालयीन समय में स्कूल पहुंचे और यहां सीधे श्री कोली से विवाद करने लगे, इतने में विवाद इतना बढ़ा कि समूह संचालक मेहरबान ने स्कूल में ही शिखक परीक्षित कोली की पिटाई कर दी। इस पिटाई से क्षुब्ध शिक्षक पारीक्षित कोली की जानकारी जब शिक्षक संगठन व कर्मचारी संगठनों को लगी तो उन्होंने इस संदर्भ में लिखित रूप से शिकायत जिलाधीश की और इस ओर शीघ्र कार्यवाही की गुहार लगाई।

शिक्षकों का कहना है कि मध्याह्न भोजन व्यवस्था का भार शिक्षकों पर होने से समूह संचालकों के विरूद्ध शिक्षक जब भी कोई शिकायत करते है तो उन्हें इसी तरह की अन्य तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह की एक घटना पूर्व में पोहरी में भी हुई जब दो शिक्षकों ने मिलकर समूह संचालक की मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था की शिकायत की और मामले में हुआ यह कि उन दोनों ही शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा और वे निलंबित हो गए। इसलिए शिक्षक संघ ने मांग की है कि मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था से शिक्षकों को अलग किया जाए।

कर्मचारी कांग्रेस ने कराया विरोध दर्ज

 
पिछोर में शिक्षक की समूह संचालक द्वारा पिटाई तो वहीं पोहरी में मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था में गड़बड़झाले की शिकायत करने वाले शिक्षकों के निलंबन पर कर्मचारी कांग्रेस में रोष व्याप्त है। यहां संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा व अध्यापक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील उपाध्याय ने संयुक्त रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हुए समूह संचालकों पर इस तरह की घटनाऐं कारित करते रहने पर कार्यवाही की मांग की और जिला प्रशासन से मांग है कि ऐसे में मध्याह्न भोजन वितरण व्यवस्था समूह संचालक व संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अपनी सांठगांठ कर लेते है जबकि शिकायत करने पर शिक्षकों को इसका हर्जाना भरना पड़ता है ऐसे में शिक्षकों को इस व्यवस्था से दूर किया जाना चाहिए। साथ ही पिछोर में शिक्षक पारीक्षित कोली की पिटाई करने वाले समूह संचालक मेहरबान सिंह के विरूद्ध शीघ्र कार्यवाही की जाना चाहिए।

शिक्षक को दी जान मारने की धमकी


इस मामले में मध्याह्न भोजन की शिकायत करने वाले शा.प्रा.वि.के प्रभारी प्रअ शिक्षक पारीक्षित कोली को समूह संचालक मेहरबान सिंह द्वारा अवैध वसूली की मांग भी की है जिसमें उसने इस शिक्षक से 12 हजार रूपये मांगे है अन्यथा की स्थिति में स्कूल ना आने की धमकी के साथ-साथ जान से मारने की धमकी भी दी है। शिक्षक श्री कोली समूह संचालक की धमकी से भयभीत हुए और तुरंत थाना प्रभारी पिछोर को लिखित शिकायत कर अपनी जान की गुहार लगाई लेकिन यहां पुलिस ने भी इस शिक्षक की फरियाद नहीं सुनी और उसकी शिकायत को कूड़ेदान में डाल दिया। इस संदर्भ में कर्मचारी नेताओं ने पुलिस के द्वारा ढिलाई बरतने पर इसकी शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को की है और अगर इसके बाद भी यदि सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षक, अध्यापक व कर्मचारी संगठन एसपी कार्यालय के समक्ष धरने देने को बाध्य होंगे।

शिक्षकों ने लगाए सांठगांठ के आरोप


संविदा शिक्षक प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सरैया ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि शिक्षक द्वारा मध्याह्न भोजन के क्रम में दी जाने वाली मासिक औसत उपस्थिति को दरकिनार करते हुए समूह संचालक वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ कर मनचाही उपस्थिति बढ़वाकर राशि और खाद्यान्न प्राप्त कर शासन को चूना लगाते है। 
 
इसी प्रकार कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर शर्मा एवं ओमप्रकाश जॉली, अध्यापक कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील उपाध्याय, शिक्षक कांग्रेस जिलाध्यक्ष रशीद खां, संविदा सह अध्यापक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सरैया एवं जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र जैन, शा.अ.सं के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र रघुवंशी, स्नेह रघुवंशी, शिक्षक संघ के कमलकान्त कोठारी एवं कृष्णराम बंसल प्रदेश सचिव महेश भार्गव, अजाक्स संघ के कमल कोड़े, उत्तम नरवरिया, अपाक्स संघ के मो.राशिद, रा.क.सं. के अजमेर सिंह यादव, लिपिकीय संघ के मिश्रा, नीरज सरैया, मनमोहन जाटव, स्वास्थ्य संघ के डी.डी.दीक्षित, मनोज भार्गव, लघु वेतन संघ के अतर सिंह धानुक, वीरेन्द्र कुशवाह, वन कर्मचारी संघ के राधेश्याम तिवारी, पूर्व जिलाध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस पुरूषोत्तम धाकड़, अजाक्स के डॉ.नारायण कोली एवं विवेकवर्धन शर्मा आदि संगठनों ने शिक्षक श्री कोली की निमर्मतापूर्वक पिटाई की निंदा करते हुए शीघ्र ही इस मामले में पिटाई करने वाले समूह संचालक मेहरबान सिंह चौहान के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
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