टुण्डा भरका खो: ऐसा लगता है मानो फारेस्ट वाले चालान काटते हैं

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शिवपुरी। शिवपुरी के पर्यटक स्थलों को दुनिया के नक्शे पर पहचान दिलाये जाने के लिए ग्वालियर की सांसद यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा लाख प्रयास किए गए, पर्यटक स्थलों पर जीर्णोद्धार के नाम पर लाखों रूपए खर्च भी किए गए लेकिन यहां के पर्यटक स्थलों की हालत को देखकर ऐसा लगता है कि यहां सुधार के नाम पर कोई कार्य किया ही नहीं गया। पर्यटक विभाग की उदासीनता के कारण इन स्थलों की हालत जस की तस बनी हुई है।

विभागीय लापरवाही के चलते इन स्थलों पर न तो कोई सुरक्षा के इंतजाम है और न ही कोर्ई व्यवस्थायें पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए विभाग द्वारा मोटी रकम बसूली जाती है। परन्तु इसके बदले सुविधायें नहीं दी जाती। उदाहरण के तौर पर इन दिनों टुण्डा भरका पर जाने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत अधिक बढ़ रही है। यहां पहुंचने के लिए माधव नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा शुल्क तो मनमाफिक बसूला जा रहा है। 

सुविधाओं के नाम पर शुन्य नजर आता है। टुण्डा भरका पर पर्यटकों की सुरक्षा के लिए न तो कोई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और न ही यहां पर अन्य किसी प्रकार की व्यवस्थायें मुहैया कराई गई हैं। इतना ही नहीं असमाजिक तत्वों द्वारा खुलेआम पर्यटक स्थल पर बैठक दारू पीना, नशे में धुत्त होकर अश्लील शब्दों का प्रयोग करना सभ्य पर्यटक खास कर महिलाओं के लिए नाकवार गुजरता है। 

पर्यटक स्थलों पर फैली अव्यवस्थाओं के कारण बाहर से आने वाले पर्यटकों के मनमस्तिक पर जो छवि उभरकर सामने आती है। यह इस बात से स्पष्ट होता है कि एक बार आने के बाद पर्यटक पुन: यहां आने से कतराता है। विभागीय अधिकारियों को चाहिए की पयर्टकों से बसूली जाने वाली राशि का ठीक से सदुपयोग करते हुए वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।

फिर कभी नहीं आएंगे लौटकर


शिवपुरी। शिवपुरी के पर्यटक स्थलों की चर्चा को सुनकर यहां घूमने आए एक पर्यटक का कहना है कि प्रकृति ने यहां सुन्दर मनोहारी पर्यटक स्थलों को जन्म तो दिया है, परन्तु यहां व्यवस्थायें चौपट नजर आती है। उन्होंने कहा कि टुण्डा भरका पर मैन गेट के प्रवेश से लेकर वहां पहुंचने तक जो समस्यायें उनके सामने आईं वह असहनीय है। उन्होंने कहा कि झरने पर असमाजिक तत्वों द्वारा की जा रहीं हटखेलियां महिलाओं के लिए समस्या बनी हुई थी। सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण भय का वातावरण भी उनके दिल में बना हुआ था। उन्होंने कहा कि यहां फैली अव्यवस्थाओं को देखकर पुन: यहां लौटने का मन नहीं करेगा।

फीस बसूलते हैं, लेकिन सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती


शिवपुरी। आदर्श नगर निवासी धर्मेन्द्र राठौर बाहर से आने वाले अपने रिश्तेदारों को लेकर टुण्डा भरका पर गिरते हुए पानी के झरने का लुप्त उठाने वहां गये हुए थे उनका कहना है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान के मैन गेट पर बैठे कर्मचारियों द्वारा प्रति गाड़ी 200 रूपए फीस तो बसूल रहे हैं। परन्तु वहां उचित सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रहीं। श्री राठौर ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। स्नान के बाद महिलाओं को वहां कपड़े बदलने के लिए व्यवस्था के इंतजाम नहीं किए गए।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना चाहिए


शिवपुरी। महेन्द्र गोयल ने टुण्डा भरका से लौटने के बाद वहां व्याप्त अव्यवस्था के बारे में बताया कि बीच जंगल में स्थित उक्त पर्यटक स्थल पर विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई और न ही असमाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अव्यवस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने वाला भी कोई सुरक्षा गार्ड तक तैनात नहीं है। इन परिस्थितियों में यहां आने वाले पर्यटकों के दिलों में भय का वातावरण  बना रहता है।

फीस बसूलें लेकिन सुविधायें भी दें


शिवपुरी। के.टी.एम कॉलेज के संचालक मनीष शुक्ला (गुड्डू)द्वारा बताया गया है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान के कर्मचारियों द्वारा पर्यटक स्थल पर पहुंचने से पहले मनमाफिक फीस तो बसूली जा रही है। लेकिन वहां सुविधाया मुहैया कराने से विभाग अपना क्यों मुंह मोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुविधा के नाम पर पर्यटकों से फीस तो बसूलें लेकिन वहां सुविधायें भी दें। यह विभाग का कर्तव्य बनता है। यदि आने वाले पर्यटकों को पर्याप्त सुविधायें मिलेंगी तो पर्यटक बार-बार यहां आते रहेंगे।
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