भ्रष्टाचार साबित होने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

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शिवपुरी। मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए जनहित के निर्णयों के कारण प्रदेश में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। लेकिन उनके अधीनस्थ जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की भ्रष्टाचारी पूर्ण नीतियों के कारण प्रदेश के सरकार की छवि धूमिल हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्ट अधिकारी, भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों से सांठगांठ कर जनता के पैसों को दोनों हाथों से लूट रहे हैं।

वर्तमान पोहरी प्रभारी बीईओ की कुर्सी पर पदस्थ अधिकारी का बीआरसीसी के पद पर रहकर व्रिज कोर्स फर्जी शिक्षा, फर्जी बिलिंग के माध्यम से लाखों रूपए का घोटाला करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। लेकिन भ्रष्टाचारी जनप्रतिनिधियों के बरदहस्त एवं अधिकारियों से सांठगांठ के चलते उक्त अधिकारी ठाठ से बीईओ की कुर्सी पर जमा हुआ है।

भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने पर कार्यवाही करने के लिए जिम्मेदारी अधिकारी ने महज कारण बताओ नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। इन घपले बाजों को क्षेत्र के ही एक जनप्रतिनिधि का खुला संरक्षण मिला हुआ है। बैराड़ कस्बे में करोड़ों की जमीनों में बंदर बांट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को भी उक्त जनप्रतिनिधि का खुला संरक्षण मिला हुआ है। सूत्रों की मानें तो पोहरी तहसील के अंतर्गत लगभग 200 विक्रय से वर्जित खातों को विक्रय योग्य ऐसे अधिकारी ने घोषित कर दिया। जिसे ऐसा करने का अधिकार ही नहीं था और इसी आधार पर अरबों रूपए की भूमि खुर्दबुर्द कर दी गई। प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रष्टाचारी पूर्ण रवैये के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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