कलोथरा काण्ड: जहरीले पानी से 2 बच्चों की मौत, 36 बीमार

शिवपुरी। करैरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम कलोथरा में उल्टी, दस्त की गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर दो  मासूम बच्चों की मौत हो गई जबकि तीन दर्जन से अधिक ग्रामीणों की हालत बिगड़ गई, जिनमें से कुछ लोगों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया जबकि कुछ गंभीर मरीज झांसी भी रैफर किए गए हैं।



गाम कलोथरा में गुरुवार शाम तकरीबन 4 बजे के आसपास एक दर्जन से अधिक लोग उल्टी-दस्त की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए जिन्हें उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा लाया गया। यहां उपचार के दौरान शुक्रवार सुबह उल्टी-दस्त की चपेट में आई मासूम बालिका कंचन पुत्री हरीराम 12 वर्ष की मौत हो गई जबकि कमला पत्नी कल्याण 35 वर्ष और इनका रिश्तेदार गरीबा 40 वर्ष निवासी पिछोर की गंभीर स्थिति होने पर इन्हें झांसी रैफर किया गया। 
 
शनिवार को एक अन्य बालक संजय पुत्र रघुवीर उम्र 7 वर्ष की मौत हो गई। इस बीमारी की चपेट में धीरे-धीरे शुक्रवार को गांव के अन्य लोग भी आ गए और घटना की जानकारी तकरीबन 11 बजे गांव के सरपंच जसवंतसिंह गुर्जर और सचिव प्रमोद श्रीवास्तव द्वारा बीएमओ करैरा डॉ. एन.एस. चौहान को दी गई, लेकिन चिकित्सकीय दल ने यहां आने में तीन घंटे से अधिक समय लगा दिया जिससे यहां मरीजों की संख्या में इजाफा होता गया और डेढ़ दर्जन से अधिक मरीजों को यहां से उपचार के लिए शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। 
 
समय रहते यदि इन मरीजों को उपचार मिल जाता या फिर चिकित्सकों की टीम 12 बजे तक पहुंच जाती तो निश्चित रूप से इतनी बड़ी संख्या में उल्टी-दस्त की बीमारी की चपेट में ग्रामवासी न आ पाते।


ये हैं उल्टी-दस्त की बीमारी से पीडि़त

 

नाम
पिता/पति का नाम
आयु
कमला बाई 
मातादीन
30
जयेन्द्र
मानसिंह जाटव
10
धनवंती
उदयसिंह
26
दौलत
मुलायम
19
विजय
मानसिंह
4
गीता
दयाराम जाटव
35
अवधेश
दयाराम
14
कमलेश
मानसिंह
25
रजको
बादामसिंह
35
सोनिया
उदयसिंह
2
अकलबती
किशनलाल
30
संजय 
रघुवीर
7
रामवती
लालसिंह
28
सुमित
हरीराम
7
अर्चना
किशनलाल
20
कमला
कल्याण
35
गरीबा
देवसिंह
40


सीएमएचओ ने 7 दिन गांव में रहने के दिए निर्देश


घटना की जानकारी मिलने पर सीएमएचओ डॉ. एन.एस. उचारिया शुक्रवार दोपहर करैरा पहुंचे और उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य की जानकारी ली और घटना स्थल का मौका-मुआयना भी किया। यही नहीं कस्बे के बीएमओ डॉ. एन.एस. चौहान को उन्होंने 7 दिन तक गांव में रहकर सतत निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं। फिलहाल गांव में उपचार करा रहे मरीजों को सैलाइन और दवा दी जा रही है, वहीं करैरा में निजी चिकित्सकों के यहां भी मरीज अपना उपचार कराने में जुटे हैं।