कॉलेज स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स को दिला डाली सट्टा विरोधी शपथ

शिवपुरी। अब तो कॉलेज को भी राजनीति के आंचल में ढकने की शुरूआत हो गई है। जी हां शहर के श्रीमंत माधवराव सिंधिया परिसर में इन दिनों एक भाजपा नेता युवा नेता होने के नाते विद्यालयीन छात्रों और शिक्षकों को सट्टा बंद कराने के लिए निकल पड़े है। इन महाशय को यह पता नहीं कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षा ग्रहण की जाती है यहां सट्टे का क्या लेनदेन। लेकिन नेताजी नहीं माने और निकल पड़े कॉलेज में बच्चों को और शिक्षा के मंदिर के शिक्षकों को सट्टे का पाठ पढ़ाने।
इन नेताजी ने अपने तार्किक भाषण के माध्यम से यहां अध्ययनरत बच्चों को कॉलेज से बाहर रोड पर ला दिया और शिक्षकों को भी अपने कक्ष से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। जब सारा मजमा एकत्रित हो गया तो हो गई शपथ व संकल्प की बातें शुरू। नेताजी ने तुरंत आव देखा ना ताव और महाविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों को सट्टा के विरूद्ध अभियान छेडऩे की शपथ दिला दी। क्या कुछ शपथ दिलाई यह हम नहीं कह रहे है यह तो नेताजी के द्वारा प्रसारित इस समाचार ने हमें भी शपथ लेने का इशारा किया है- क्या कुछ कहा नेताजी ने जरा आप भी पढ़ें-

शिवपुरी जिले में लगातार बढ़ रहे सट्टे के करोबार के विरोध में आज महाविद्यालय परिसर में युवा नेता आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में छात्रों व प्राचार्य सहित प्राध्यापकों ने सट्टा विरोधी शपथ लेकर सट्टे के विरूद्ध प्रारंभ हुए अभियान में अपनी सहभागिता दर्ज कराई। आज महाविद्यालय में पहुंचकर सट्टा विरोधी अभियान से जुड़े हुए नौजवानों ने सर्व प्रथम महाविद्यालय में विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के बीच में पहुंचकर सट्टे से जुड़े हुए तथ्य व सट्टे के दुष्परिणाम संबंधित विषय रखकर चेतन्यता का भाव जागृत किया।

नौजवानों के बीच में जब यह बात रखी गई की सट्टे की बजह से प्रतिमाह न जाने कितने नौजवान फांसी का फंदा गले में वेरोजगारी के इस दौर में लगा लेते हैं। व न जाने कितने परिवार इस सट्टे रूपी कैंसर से बड़ी बीमारी का शिकार होकर अपना जीवन वर्वाद कर लेते हैं। आज सट्टा शिवपुरी जिले की एक गंभीर बीमारी बन चुकी है। दुर्भाग्य है कि इस ओर किसी का ध्यान नहीं है व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनहित कल्याण कारी योजनाओं पर पलिता यह सट्टा नामक बीमारी लगा रही है।

आज सट्टा शिवपुरी नगर के तो हर गली मोहल्ले में सजे हुए काउटंर के रूप में चलता हुआ देखा जा सकता है और यह खुलेआम महत्वपूर्ण संरक्षण की बजह से ही संभव जान पड़ता है। अभी तक पुलिस ने जब पिछले दिनों सट्टे को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया था, तब से लेकर आज तक केवल छोटे-मोटे सटोरियों को ही गिरफ्तार किया है। जबकि किसी बड़े सटोरिये पर हाथ डालना तो दूर उसकी जानकारी तक प्राप्त नहीं की है। यह नीति क्या पुलिसिया कार्रवाही पर प्रश्न चिन्ह खड़े नहीं करती। जब शिवपुरी में पुलिस किसी डकैत को मारती है तो जनता उनका अभिनंदन भी करती है। पर जब सट्टा शहर में खुलेआम चलता है व इस पुलिस कार्रवाही पर प्रश्न चिन्ह लगते हैं। तब क्या कार्रवाही होनी चाहिए। यह जनता को ही तय करना है।  

इन सब बातों के बाद महाविद्यालय के लगभग 100 से अधिक विद्यार्थियों व लगभग समस्त प्राध्यापकों ने सट्टे के विरूद्ध शपथ लेकर इस बीमारी से लडऩे का संकल्प लिया व युवा नेता आशुतोष शर्मा ने आवश्यकता पडऩे पर जल्द ही आमरण अनशन की तिथि की घोषणा करने की बात भी कही। इस अवसर पर सट्टा विरोधी अभियान से जुड़े हुए नौजवान भारत गौतम, घनश्याम शर्मा, अखिलेश वर्मा, संजय कुशवाह, कालू कुशवाह, पारश जैन, परमाल यादव, कमल गर्ग, सुरेश यादव, योगेन्द्र शर्मा, बलराम शाक्य, बनबारी धाकरे, राहुल बोहरे, आशीष राठौर, संतोष गुप्ता आदि ने पूरे समय उपस्थित रह कर सट्टे के विरूद्ध अभियान को और अधिक गति देने की बात रखी।