आचार्य विवेक सागर महाराज ससंघ की आगवानी

0
मुनिश्री आचार्य विवेकसागर जी
 शिवपुरी-जब-जब संतों का समागम समाज को मिलता है तब-तब उस नगरी में धर्म की वर्षा होने लगती है। संतों के आगमन से न केवल श्रावकों को सद्राह पर चलने की सीख मिलती है वरन् वे अपने जीवन को श्रेष्ठ राह पर चलने के लिए तैयारी भी करते हैं। अत: संतों का आगमन समाज के लिए अत्यंत सुखदायी होता है। यह विचार आचार्य विवेक सागर महाराज ने स्थानीय छत्री जैन मंदिर पर सोमवार सुबह धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि संत समागम, प्रभु भजन जग में दुर्लभ दोए, सुतदारा और लक्ष्मी पापी के भी होए। अर्थात् संतों का समागम और प्रभु का दर्शन अर्थात् भजन बड़ी दुर्लभता से प्राप्त होता है और वे पुण्यवान लोग होते हैं जिन्हें संतों के समागम का अवसर मिलता है, जबकि बेटा-बेटी, पत्नी और लक्ष्मी तो पापियों को भी प्राप्त होती है, लेकिन वह इसका सद्उपयोग नहीं कर पाते। जीवन का हर क्षण किस तरह से उपयोग में लेना पड़ा है यह संतों के समागम से ही हम सीख सकते हैं। धर्मसभा के प्रारंभ में मंगलाचरण रामदयाल जैन मावा वालों द्वारा किया गया तथा मुनिश्री विशेष सागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित करते हुए जीवन में श्रेष्ठ कैसे बना जाए इस पर विस्तार से प्रवचन दिए। प्रवचन से पूर्व प्रेमचंद जैन, अनिल जैन, रामदयाल जैन, मनीष जैन, राकेश जैन द्वारा आचार्य श्री के चरणों में श्रीफल भेंट कर इनसे आशीष भी ग्रहण किया गया। कार्यक्रम के दौरान जैन मंदिर में सैंकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष और श्रद्घालु उपस्थित थे। इससे पूर्व जैन समाज द्वारा म्यूजियम से छत्री जैन मंदिर तक आचार्यश्री की आगवानी भक्तिभाव के साथ की गई, आचार्य श्री के संघ में मुनि विशेष सागर, ऐलक विप्रमाण सागर तथा क्षुल्लक विभद्र सागर महाराज भी शिवपुरी पहुंचे हैं।
 

मंगलवार को भी होंगे धार्मिक आयोजन

आयोजन समिति के प्रेमचंद जैन ने बताया कि मंगलवार को भी आचार्य श्री ससंघ के प्रवचन सुनने का लाभ शिवपुरी समाज को मिलेगा। श्री जैन ने बताया कि मंगलवार को प्रात: 8:30 बजे से विशेष धर्मसभा छत्री जैन मंदिर पर आयोजित होगी। दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक शंका समाधान एवं तत्व चर्चा आयोजित होगी तथा 6:30 बजे से गुरुभक्ति और रात्रि 8:30 बजे से वैयावृत्ति भी की जाएगी।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!