सेन्ट्रल डेस्क
उत्तरप्रदेश की एसटीएफ रविवार को शिवपुरी में थी, वो एक बदमाश को तलाश रही थी। सूचना पुख्ता थी और रविवार रात ही स्पेशल टास्क फोर्स ने बदमाश दिनेश को दबोच लिया। रात भर एसटीएफ शिवपुरी में ही रही और फिर आगरा की तरफ रवाना हो गई। यह कार्रवाई ऑपरेशन भटनागर का एक हिस्सा थी, जिसकी भनक तक शिवपुरी के पुलिस व प्रशासनिक महकमे को नहीं लगी।
ऑपरेशन भटनागर के तहत यूपी की एसटीएफ गेल इंडिया के मैनेजर एसएस भटनागर की तलाश कर रही थी। पिछले सप्ताह मंगलवार की रात उनका अपहरण हो गया था और अपहरणकर्ता उन्हें लेकर आगरा से ग्वालियर की ओर आए थे। एसटीएफ ने इस ऑपरेशन को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया, जबकि उसके लिए ग्वालियर में एक हैलीकॉप्टर तक तैनात था।
एसटीएफ की टीम शिवपुरी आई, अपहरणकर्ता दिनेश को दबोचा, रात भर शिवपुरी में ही रही। पूछताछ की और फिर दतिया में रतनगढ़ की पहाडिय़ों पर से अपहृत मैनेजर को मुक्त करा लिया। एसटीएफ ने पूरा ऑपरेशन ग्वालियर संभाग में इतने गुपचुप तरीके से किया कि किसी को भनक तक नहीं लगी। सबकुछ सानंद सम्पन्न हो जाने के बाद आज आगरा वापस जाकर एसटीएफ ने यह राज खोला, लेकिन यह नहीं बताया कि वह किन स्थानों पर गए थे।
इस अपहरण के दौरान अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की वसूली भी बड़े ही आधुनिक अंदाज में की। उन्होंने अपहृत मैनेजर का एटीएम कार्ड अपने कब्जे में लिया और परिजनों को अपहृत गेल मैनेजर के खाते में पैसे जमा करने को कहा। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग दिनों में शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर से पैसे निकाले। बस यही गलती कर बैठे। एसटीएफ को लोकेशन ट्रेस हो गई और ऑपरेशन भटनागर अंतत: सफल रहा, लेकिन ग्वालियर, शिवपुरी और दतिया पुलिस का सूचनातंत्र पूरी तरह फैल प्रमाणित हो गया।
Social Plugin