पिछोर तहसील के बच्चों ने किया शिवपुरी का नाम रोशन


शिवपुरी-मध्यप्रदेश हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं में पूर्व में शिखर पर अपना परचम फहरा चुके पिछोर क्षेत्र के होनहारों अब भी वही शिखर पाने की चेष्टा दिखाई देती है। इस बार के हाईस्कूल परीक्षा के परिणामों में पिछोर के होनहारों ने जिले के टाप टेन सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। कई विद्यालयों का परिणाम शत प्रतिशत रहा है तो कई छात्र छात्राओं ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर अपने माता पिता व गुरू को गोरवांन्वित किया है। 


जिले में तीसरा स्थान पाया हिमांशी ने

पिछोर में निवासरत श्रीमती रमन व बृजेश दुवे की सुपुत्री कु. हिमांशी दुवे ने हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में 600 में से 557 अंक प्राप्त कर जिले में तीसरे नंबर पर अपना स्थान बनाकर अपने माता पिता व गुरू को गोरवांवित किया। इस संवाददाता से चर्चा के दौरान हिमांशी का कहना है कि वे इंजीनियर बनना चाहती हैं। पूरा श्रेय अपने मातापिता, गुरूजनों एवं सहायक संस्था सरस्वती ज्ञानमंदिर को देती हैं।

शत प्रतिशत रहा सरस्वती शिशु मंदिर का परिणाम 

पिछोर नगर के मध्य चांदनी चौक स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। जानकारी के अनुसार यहां से कुल 90 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुये थे जिनमें से 87 ने प्रथम व 03 ने द्वितीय श्रेणी में परिणाम पाया। विद्यालय व परिवार का नाम रोशन करने वाले इन विद्यार्थियेां में सबसे अधिक अनुराग शर्मा ने 544 अंक, निधि त्रिपाठी ने 542, आयुषी व तृप्ती भट्ट ने 540 अंक 600 के पूर्णांक में से प्राप्त किये। 

शासकीय विद्यालयों में छात्राओं ने बाजी मारी 

पिछोर के निजी विद्यालयों में जहां हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम संतोषजनक रहा वहीं शासकीय विद्यालयों में छात्रों की तुलना में छात्राओं ने बाजी मारी। शाबाउमावि का 46.98 प्रतिशत की तुलना में शा.कन्या.उमावि का परिणाम 72 प्रतिशत रहा। जानकारी के अनुसार पिछोर के शा.बा.उत्कृष्ट,वि. में कुल 249 नियमित एवं 95 स्वाध्यायी छात्र शामिल हुये जिनमें से 117 नियमित एवं 18 स्वाध्यायी छात्र उत्तीर्ण रहे। नियमित छात्रों में 46 प्रथम, 56 द्वितीय, 15 तृतीय, 59 पूरक, 73 अनुत्तीर्ण रहे। स्वाध्यायी छात्रों में 02 प्रथम, 12 द्वितीय, 04 तृतीय, 19 पूरक एवं 53 छात्र अनुत्तीर्ण रहे। वहीं शा.कन्या उ.मा.वि.के हाइस्कूल परिणाम के अनुसार कुल 217 छात्रायें शामिल हुईं जिनमें 137 नियमित व 79 स्वाध्यायी थीं। नियमित में 99 व स्वाध्यायी में 09 छात्रायें उत्तीर्ण रहीं। नियमित छात्राओं में 36 प्रथम, 58 द्वितीय, 05 तृतीय, 30 पूरक व 08 अनुत्तीर्ण रहीं। जबकि स्वाध्यायी छात्राअेां में 09 द्वितीय, 32 पूरक, व 38 अनुत्तीर्ण रहीं।