शिवपुरी जिले में झोलाछाप डॉक्टर की कार्यवाही पर लगे सवालिया निशान

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शिवपुरी-जिले के कोलारस क्षेत्र में बीते दो दिन पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.एस.दण्डौतिया द्वारा की गई झोलाछाप चिकित्सक पर कार्यवाही के दौरान सवालिया निशान खड़े हो गए। यहां सीएचएमओ महोदय को यह पता नहीं लगा कि जिस झोलाछाप चिकित्सक की वह दुकान सील कर उस पर एफआईआर तक दर्ज करवा रहे है वहीं दूसरी ओर उन्हीं के पड़ौसी एक और धाकड़ क्लीनिक भी संचालित है यहां सीएचएमओ महोदय का ध्यान ना जाने से इस पूरी कार्यवाही पर सवालिया निशान लग रहे है कि आखिर क्या कारण है कि यहां सीएचएमओ को यह झोलाछाप क्लीनिक नजर नहीं आई और मुंह फेरक यहां से निकल गए। यह चर्चा पूरे नगर में व्याप्त है जहां सांठगांठ की बू भी साफ-साफ नजर आ रही है।
गौरतलब है कि बीते रोज मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.एस.दण्डौतिया अपने अमला जिसमें कोलारस के बीएमओ एच.बी.शर्मा एवं सीएचएमओ कार्यालय के सेक्शन प्रभारी मृगांक ढेंगुला के साथ जिले के कोलारस क्षेत्र में भ्रमण करने पहुंचे। यहां सीएचएमओ श्री दण्डौतिया को सरकारी अस्पताल के समीप एक युवक किसी मरीज को टांके लगाता हुआ मिला। जब श्री दण्डौतिया अपने स्वास्थ्य अमले के साथ इस डॉक्टर की क्लीनिक पर पहुंचे तो यहां क्लीनिक पर डॉ.कमल अग्रवाल मौजूद मिला। जो मरीज को टांॅके लगा रहा था जब उससे उसकी योग्यता संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो वह सकापका गया और अपने पिताजी बाई.के.अग्रवाल के नाम से क्लीनिक संचालित है की बात कहने लगा। जिस पर तुरंत आनन फानन में कार्यवाही करते हुए श्री दण्डौतिया ने इस क्लीनिक को न केवल सील किया बल्कि अवैध रूप से कार्य करने वाले डॉक्टर के विरूद्ध पुलिस थाना कोलारस में एफआईआर भी दर्ज करा दी। इस कार्यवाही को देखकर वहां मौजूद ग्रामीणजन सीएचएमओ की इस कार्यवाही की प्रशंसा करने लगे लेकिन इस दुकान को सील करने के बाद यह टीम यहां से रवाना हो गई। जबकि इसी दुकान के समीप एक डॉ.धाकड़ की क्लीनिक भी संचालित है इस ओर सीएचएमओ का ध्यान नहीं दिया गया, जिससे इस पूरी कार्यवाही पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए। यहां लोगों की चर्चा है कि सीएचएमओ से सांठगांठ के दौरान यह क्लीनिक बच गई और कार्यवाही नहीं हुई अंतत: कार्यवाही होती तो फिर दोनों ही झोलाछापों की दुकानों पर कार्यवाही होती, लेकिन एक तरफा कार्यवाही से लोगों के मन की शंका बलीबत हुई और इस कार्यवाही पर सवालिया निशान लगा दिए गए। वहीं दूसरी ओर इस बारे में सीएचएमओ महोदय का जबाब भी नहीं मिल रहा कि वह आखिर इस दुकान पर कार्यवाही करने क्यों नहींं पहुंचे? कुल मिलाकर कोलारस क्षेत्र में झोलाछाप क्लीनिकों पर की गई इस कार्यवाही को महज ढकोसला बताया जा रहा है और दूर-दूर संचालित होने वाली झोलाछाप संचालकों की दुकानों से अच्छी खासी मोटी रकम ऐंठी जा रही है।

बॉक्स-
कार्यवाही ने लाया सीएचएमओ को कठघरे में
जिले के स्वास्थ्य अमले के मुखिया सीएचएमओ डॉ.आर.एस.दण्डौतिया द्वारा जो कार्यवाही की गई है उससे सवालिया निशान खड़े हो गए है। अभी तो यह पहली ही कार्यवाही थी जबकि करैरा, पिछोर, खनियाधाना, नरवर, बदरवास, कोलारस और पोहरी में तो सर्वाधिक झोलाछापों के गलत उपचार के कारण कई मरीज असमय काल के गाल में समा गए। यहां सीएचएमओ को झोलाछापों की दुकानें संचालित नहीं मिली जबकि हकीकत में पोहरी और पिछोर क्षेत्र में झोलाछापों के गलत उपचार से मरीज की मौत हुई है बाबजूद इसके कोलारस में एक दुकान पर कार्यवाही और दूसरी दुकान को खाली छोडऩा कहीं न कहीं स्वार्थ हितों की पूरा करने की ओर ईशारा कर रही है। यदि कोलारस में भ्रमण ही किया था तो एक ही दुकान क्यों अन्य झोलाछापों की दुकानों की ओर स्वास्थ्य अमले के मुखिया ने अपना ध्यान क्यों नहीं दिया। खैर देखते है अब आने वाले समय में इनकी यह कार्यवाही क्या गुल खिलाती है?

इनका कहना है-

झोलाछापों पर कार्यवाही के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की गई थी और कोलारस में जो कार्यवाही की गई है वह भी इसी का परिणाम है आगे भी इस तरह की कार्यवाही होना चाहिए तब कहीं जाकर झोलाछाप अपने कारोबार बंद कर पाऐंगे अन्यथा यह कारोबार यूं ही चलता रहेगा और  इसके लिए दोषी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग होगा। कोलारस की कार्यवाही न्यायोचित कही जा सकती है लेकिन अगर पास ही एक अन्य झोलाछाप की दुकान है और वहां कार्यवाही नहीं तो निश्चित रूप से कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है अगर ऐसा है तो हमारा संगठन जल्द ही इस ओर रणनीति बनाकर कार्यवाही करेगा।
 
अशोक सम्राट
जिलाध्यक्ष
राष्टï्रीय भ्रष्टïाचार उन्मूलन समति शिवपुरी
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