देखो दबंग भाजपाई: विधायक पुत्र ने की धुनाई, आरटीआई क्यों लगाई

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शिवपुरी। शासकीय कार्यों में मच रही धांधली को रोकने व बढ़ते भ्रष्टïाचार को पनपने से पहले ही उस पर रोक लगाने के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगना एक युवक को महंगा पड़ गया। जहां उसे ग्राम पंचायत निजामपुर में होने वाले निर्माण कायों व अन्य जानकारियां तो नहीं दी गई बल्कि इस युवक के साथ पहले तो ग्राम के सरपंच विधायक पुत्र सहित अन्य लोगों ने जमकर मारपीट की और जब उसने भागने का प्रयास किया तो उसकी पत्नी ने अपने पति को ताला लगाकर कमरे में बंद कर दिया। इतने पर भी ग्राम के यह दबंग लोग नहीं माने और पत्नी के साथ भी मारपीट करते हुए ताला तोड़ा और अंदर सुरक्षा के लिहाज से मौजूद उसके पति को बाहर घसीटकर लाए फिर से मारपीट की।
इस प्रकार विधायक पुत्र व ग्राम पंचायत निजामपुर के सचिव सहित अन्य आधा दर्जन लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले इस युवक की इतनी पिटाई लगाई कि युव के पैर में 6-7 टांके और शरीर मे कई अंदरूनी चोटें आई है। इसके बाद भी युवक की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन दूसरी ओर उन्हीं आरोपियों की रिपोर्ट पर भी इस फरियादी युवक पर भी कई धाराओं के तहत मामला पंजीबद्घ किया गया है।

यहां यह पूरा मामला राजनैतिक दुष्प्रभाव का परिणाम है जहां विधायक पुत्र ने अपने राजनैतिक प्रभाव के चलते फरियादी पर भी दबाब के चलते मामला पंजीबद्घ करवाया। इतना सब होने के बाद अब इस युवक को इस मामले में राजीनाम के लिए दबाब बनाया जाना रहा है अन्यथा जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ऐसे में अब फरियादी युवक ने अपने प्राणों की रक्षा की गुहार पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह से लगाई है। जहां मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए कार्यवाही की मांग की गई है।

जानकारी के अनुसार घटना 8 मई की है जब ग्राम पंचायत निजामपुर में होने वाले निर्माण कार्यों व नामांतरण संबंधी जानकारी लेने के लिए ग्राम के ही युवक विजय पुत्र अपरबल सिंह ने ग्राम के सरपंच विधायक रमेश खटीक के पुत्र मुकेश खटीक व सचिव रामजी लाल बघेल के विरूद्व 21 मार्च को 2012 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही गई। यहां पंचायत निजामपुर द्वारा 8 मई को पत्र दिया गया कि वह पंचायत में स्वयं उपस्थित होकर शुल्क जमा कराऐं और जानकारी लें।

जब वह जानकारी लेने पंचायत पहुंचा तो यहां उसे जानकारी बल्कि उसे जबर्दस्ती पकड़कर कागज पर लिखवाया कि चाही गई जानकारी प्राप्त हो चुकी है जब विजय ने हस्ताक्षर करने से मना किया तो उसकी इस बात से नाराज ग्राम के सरपंच मुकेश खटीक व सचिव रामजी लाल बघेल व अन्य पकड़े हुए लोग जिसमें कल्याण सिंह पुत्र बादाम सिंह कुशवाह, सोनू पुत्र रामजी लाल बघेल, मोहन सिंह पुत्र लक्ष्मण बघेल, हरनारायण पुत्र सुम्मेरा बघेल, निजाम खां, सुरेन्द्र पुत्र भागीरथ, जवाहर सिंह पुत्र भरोसी लाल कुशवाह, राकेश शर्मा पुत्र उमाशंकर निवासी निजामपुर ग्राम खड़ीचा के सचिव सभी ने एक राय होकर विजय की बुरी तरह मारपीट करना शुरू कर दी। वह घटना के बारे में किसी को बता ना पाए इसके लिए उसका मोबाईल भी पहले ही छीन लिया।

जैसे-तैसे बचकर विजय जब अपने घर में घुस गया तो पति की सुरक्षा की दृष्टिï से उसकी पत्नी ने घर में कमरे के दरवाजे पर ताला लगा दिया। जब मारपीट कर रहे लोग विजय के घर पहुंचे तो उसकी पत्नी ने कमरा नहीं खोलने दिया और इन लोगों ने उसकी पत्नी से भी मारपीट कर कमरे का ताला तोड़कर विजय को बाहर निकाला और फिर से उसकी जमकर मारपीट कर दी। इस मारपीट से विजय के बांये पैर में 14 टांके व शरीर के अंदर कई मूंदी चोटें आई है। यह घटना भी उसी दिन 8 मई की है जब विधायक पुत्र मुकेश खटीक, सचिव रामजी लाल बघेल व अन्य लोगों ने विजय के साथ मारपीट की और मौके से भाग गए।

मारपीट में बुरी तरह घायल विजय ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी मगरौनी में की जहां पुलिस ने प्र.सू.प.कं्र.039 पर धारा 294,323,506बी,34 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्घ किया जिसमें सिर्फ  तीन आरोपी रामजी लाल, मुकेश कुमार व कल्याण के नाम पंजीबद्घ किए गए जबकि अन्य लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज ही नहीं किए गए।

घायल विजय ने लगाए भाजपा विधायक पर आरोप

इस मामले में घायल हुए फरियादी विजय ने ग्राम पंचायत निजामपुर के सरपंच मुकेश खटीक व अन्य लोगों द्वारा की गई मारपीट को लेकर करैरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रमेश खटीक पर भी आरोप लगाए है। विजय का कहना है कि चूंकि सरपंच मुकेश खटीक के पिता करैरा के विधायक है यही कारण रहा है कि विधायक के राजनैतिक प्रभाव के कारण ही मुझ पर षडयंत्र के तहत  प्र.स.क्रं.99 पर धारा 353,147,148,149,186,294,427,323,506 बी का प्रकरण कायम कराया गया। विजय ने बताया कि जबकि हकीकत में मेरे द्वारा मेरे परिवार के सदस्यों द्वारा किसी प्रकार का कोई झगड़ा भी नहीं किया गया और ना ही मारपीट की है मेरे साथ तो कोई भी नहीं था फिर भी 6 लोगों के विरूद्घ प्रकरण कायम करवाया गया है जो कि पूर्णत: गलत है। इस प्रकार से इस पूरे मामले में विधायक का राजनैतिक प्रभाव जान पड़ता है।

खुलेआम घूम रहे है आरोपी, पुलिस कार्यप्रणाली पर लगे सवालिया निशान

देखा जाए तो मारपीट में घायल युवक की रिपोर्ट पर जब प्रकरण पंजीबद्घ हो गया तो फिर पुलिस ने किन कारणों के चलते आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया, फरियादी के साथ पुलिस ने भी मनमर्जीं की है जहां फरियादी विजय ने पुलिस चौकी मगरौनी पर ही आरोप लगाया कि पुलिस चौकी मगरौनी के दरोगा व अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे और मुझसे कोरे कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए गए। वहीं आरोपीगणों के बारे में विजय का कहना है कि आरोपियों पर राजनैतिक प्रभाव है जिसके चलते वह आज घटना के कई दिनों बाद भी खुलेआम घूम रहे है और मुझे धमकी दी जा रही है कि रिपोर्ट वापस नहीं ली तो अभी कम मारपीट की है आगे तुझे जान से मार देंगे। इसके पूर्व भी विधायक के लोगों ने मुझसे झगड़ा किया था जिसमें भी बहुत बड़ी घटना हुई थी जिसका प्रकरण माननीय न्यायालय करैरा में चल रहा है जिसकी पेशी 19 जून 2012 है। वहीं गवाह नवल सिंह व एक अन्य गवाह नरेश के पिता पर भी झूठे प्रकरण दर्ज कराकर मामले को दबाब में लिया जा रहा है। इस पूरे मामले की लिखित रूप से शिकायत विजय ने पुलिस अधीक्षक को की है साथ ही मांग की है कि मुझ पर व गवाहों पर षडयंत्रपूर्वक जो प्रकरण कायम कराए गए है उसकी जांच कराई जाकर निरस्त करवाया जावे एवं मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के विरूद्घ दण्डात्मक कार्यवाही की जावे। फरियादी ने मांग की है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने को मजबूर होगा।

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