अब प्रायवेट पार्टनरशिप से बनेंगे पुलिसवालों के परमानेंट क्वार्टर

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गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि पी.पी.पी. मॉडल में पुलिस बल के लिए मकान बनवाने संबंधी कार्यवाही अतिशीघ्र करें। श्री गुप्ता मंत्रालय में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। गृह मंत्री ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पी.पी.पी. मॉडल में मकान बनवाने के लिए प्राथमिकता से कार्यवाही करें। इस मॉडल में 10 हजार मकान बनवाने पर विचार किया जा रहा है।

पुलिस कर्मचारी का होगा अपना मकान

गृह मंत्री ने कहा कि बड़े शहरों में कुछ पुलिस क्वार्टर इस तरह के बनाए जाएँ जो सेवानिवृत्ति के बाद उस कर्मचारी को हस्तांतरित कर दिए जाय। इसमें विभाग की गारंटी पर बैंक-लोन लिया जाय। लोन की किस्त प्रतिमाह कर्मचारी के वेतन से काटी जाय। उन्होंने कहा कि इस योजना से उन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जिनका सेवाकाल अभी 15 वर्ष से अधिक है। प्रयोग के तौर पर एक कॉलोनी बनायी जाएगी। यह भवन बहु-मंजिला होंगे।

अधिकारियों-कर्मचारियों का सर्विस रिकार्ड होगा कम्प्यूटरीकृत

बैठक में पुलिस बल में अधिकारियों और कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड के कम्प्यूटरीकृत करने पर चर्चा हुई। गृह मंत्री ने यह कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर की डिग्री वाले नव-नियुक्त कांस्टेबल से यह कार्य करवाया जा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि जरूरतों का आकलन कर नवीन हार्डवेयर खरीदने का प्रस्ताव बनाएँ। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन श्री सरबजीत सिंह ने बताया कि विभाग में 85 हजार सर्विस-बुक हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री आई.एस. दाणी, पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे और अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन श्री बी.एम. कँवर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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