उन्हें चाहिए था दहेज, मिल गया आजीवन कारावास

0
शिवपुरी-सत्र न्यायाधीश एएस तोमर ने विवाहित महिला ज्योति कुशवाह पत्नी हरिओम सिंह कुशवाह निवासी गणेश कॉलोनी फतेहपुर की हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरेाप में उसके पति हरिओम सिंह उम्र 28 वर्ष तथा ससुर बिहारी सिंह उम्र 56 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों को भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड आरोपित किया गया है।  
अर्थदण्ड न देने पर एक-एक माह का सश्रम कारावास पृथक से भोगना होगा जबकि साक्ष्य विलोपित करने के आरोप में धारा 201 के तहत अभियुक्तों को एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास और पांच-पांच रुपए का अर्थदण्ड दिया गया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर आरेापियों को पंद्रह-पंद्रह दिन का सश्रम कारावास अलग से भोगना होगा। माननीय न्यायालय ने इस मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई है।

अभियुक्तों ने अपने बचाव में कहा कि महिला ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली जबकि डॉ. ओपी शर्मा ने अपने बयान में पीएम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि महिला की पहले गला दबाकर हत्या की गई और फिर उसे जलाया गया। इस आधार पर माननीय न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि अभियुक्तों ने महिला की हत्या करने के बाद आत्महत्या का रुप देने के लिए उसके शव को जलाया।अभियोजन की कहानी के अनुसार 16 और 17 फरवरी की दर यानी रात को अभियुक्त हरिओम की पत्नी ज्योति कुशवाह उम्र 24 वर्ष अपने घर में जली हुई मृतावस्था में पाई गई। 17 फरवरी को सुबह आठ बजे अभियुक्त बिहारी सिंह के भाई वीरबहादुर सिंह ने अपने भाई के हवाले से बताया कि उनकी बहू ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस पर उसने जब कमरे में जाकर देखा तो बहू ज्योति कमरे में जली हुई अवस्था में पड़ी मिली। वह कैसे जली और उसे किसने जलाया यह उसे नहीं पता। ज्योति के शरीर पर चोट के निशान पाए गए। अभियुक्तों ने ज्योति द्वारा आत्महत्या किए जाने की बात कही, लेकिन उनका यह तर्क असत्य साबित हुआ।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!