आदिवासी महिला की हालत बिगड़ी, पत्रकारों की रिपोर्ट तक नहीं लिख रही पुलिस

शिवपुरी- विगत 6 मई को करौंदी क्षेत्र में दबंगियों द्वारा पीटी गई आदिवासी महिला की हालत गंभीर बताई जाती है। महिला की दोनों जांघों पर गंभीर चोटें हैं जिसके कारण वह चल फिर तो पा ही नहीं रही, साथ ही मजदूरी भी हाथ से जाने के कारण आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो गई है। पुलिस इस मामले में न तो हरिजन एक्ट की कायमी कर रही है और न ही मामले के  मुख्य आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है। इस घटना में पत्रकार के साथ हुई मारपीट के संबंध में जिलेभर के पत्रकारों का कहना है कि पुलिस मामले को दबाव के चलते गंभीरता से नहीं ले रही है।



जानकारी के अनुसार विगत 6 मई को करौंदी क्षेत्र में छिद्दा परिहार, बाबा प्रकाशानंद, छिद्दा परिहार का लड़का मिलकर आदिवासी महिला रामवती को लाठी, सरिया एवं त्रिशूल से मार रहे थे। उक्त घटना की जानकारी पत्रकार अभय कोचेटा, मनोज गुप्ता एवं अजय शर्मा को लगी तो वे कैमरा सहित मौका स्थल पर पहुंचे, वहां उन्होंने उक्त घटना के फोटो खींचे जिस पर उक्त दबंगियों ने उन पर भी हमला बोल दिया। 
 
जिसमें अभय कोचेटा को पूरे शरीर में गंभीर चोटें आईं। इस पूरे प्रकरण में शुरूआती दौर में तो पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए फरियादी महिला के आवेदन पर धारा 452,294,323,506बी व 34 आईपीसी के तहत मामला पंजीबद्ध किया, परंतु पुलिस ने इस पूरे मामले में पत्रकार अभय कोचेटा को फरियादी बनाकर पृथक से कोई मामला दर्ज नहीं किया और न ही महिला पक्ष की ओर से हरिजन एक्ट की कायमी की गई। साथ ही घटना के मुख्य आरोपी जिसके कहने पर उक्त घटना निरूपित की गई थी उसे भी कायमी से बरी रखा गया।
 
 जिसके  चलते पत्रकारों में भारी आक्रोश है। बताया जाता है कि जिस महिला के साथ मारपीट हुई  थी वह महिला गंभीर हालत में अपने घर में पड़ी हुई है। विधवा आदिवासी महिला के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जो भूखे मरने की कगार पर आ गए हैं। यही नहीं महिला को उक्त सभी लोग आकर बार-बार धमकाते रहते हैं और रिपोर्ट वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी देते हैं।