प्रदेशभर की मंडियों में चुनाव की दस्तक शुरू हो गई है। मंगलवार को केबिनट ने मंडी अध्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष प्रक्रिया से करने का निर्णय लिया है। पहले यह चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होते थे।
कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के प्रावधान अनुसार यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश के जनप्रतिनिधियों व आम लोगों ने राज्य शासन को इस संबंध में सुझाव दिए थे कि अध्यक्ष का चुनाव गैर-दलीय आधार पर होता है। ऐसे में प्रत्याशियों को जनसंपर्क करने तथा चुनाव प्रचार के लिए समय और धन की आवश्यकता होती है।
इसलिए मंडी अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से किया जाना चाहिए। इससे न केवल धन व समय की बचत होगी बल्कि चुनाव प्रक्रिया भी सरल होगी। पूर्व में पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव इसी ढंग से होते आए है।
इसलिए मंडी अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से किया जाना चाहिए। इससे न केवल धन व समय की बचत होगी बल्कि चुनाव प्रक्रिया भी सरल होगी। पूर्व में पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव इसी ढंग से होते आए है।
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