शिवपुरी में कालाबाजारी के लिए करोड़ों का गुटखा स्टॉक

राजू(ग्वाल)यादव
शिवपुरी-मध्य प्रदेश शासन द्वारा 1 अप्रैल से तम्बाकू गुटखा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाये जाने का ऐलान किया है। इसके बावजूद  शिवपुरी में गुटखा व्यापारियों द्वारा करोड़ों रूपये के तम्बाकू गुटखों का स्टाक कर कर लिया गया है। शहर के छोटे दुकानदारों को यह प्रतिबंधित गुटखा दोगुने कीमत में बेचा जा रहा है एवं प्रशासन ने अभी तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।


नगर मे तम्बाकू गुटखा का व्यापक पैमाने पर भण्डारण किये जाने की सूचना मिल रही है ऐसी स्थिति में प्रशासन को एक अप्रैल के बाद व्यापारियों के गोदामों सहित गुप्त ठिकानों पर छापामार कार्यवाही करनी होगी, तभी शासन की यह मंशा सफल हो सकती है। तंबाकू प्रतिबंध पर पूर्णत: अंकुश लगा पाना सरकार के लिए एक चुनौती सावित हो रही है। पूर्व में की कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात समेत दर्जन भर राज्योंं ने केन्द्र की सलाह पर गुटखा की बिक्री प्रतिबंधित कर दी थी।

राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू युक्त गुटखा पाउचों के निर्माण व विक्रय पर 1 अप्रैल से प्रतिबंध लगाये जाने के बाद निर्माता व दुकानदारों में उथल पुथल मची हुई है और 1 अप्रैल आने से पहले ही जिले में थोक की दुकानों को संचालित करने वाले व्यापारियों ने इन गुटखा पाउचों के पैकिटों की कालाबाजारी शुरू कर दी थी और इन गुटखा पाउचों की कालाबाजारी अब चरम सीमा पर पहुंच गई है। वहीं भारी भरकम जुर्माने की बात ने बेचने वाले दुकानदारों को भी हैरानी में डाल दिया है।

वहीं गुटखा बेचने वाले खैरिज एवं छोटे दुकानदारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि आज क्या होगा लेकिन तम्बाकू के शौकीनों ने इसका भी विकल्प तलाश कर लिया है। और गुटखा बेचने वाले दुकानदारोंं ने 1 अप्रैल आने के पहले से ही बाजारों में गुटखा पाउच की काफी किल्लत पैदा कर इसके दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं और आश्चर्य वाली बात तो यह है कि गुटखा पाउच बेचने वाले बड़े-बड़े दुकानदारों ने इन गुटखा पाउचों के पैकिटों के कार्टून के कार्टून मंगाकर अपनी दुकानों में एवं गोदामों में रख लिए हैं और इन दुकानदारों द्वारा इनकी रेट से दुगुने पैसे छोटे मोटे दुकानदारों से खुलेआम वसूले जा रहे हैं।

दूसरी ओर लोगों का मानना है कि गुटखा पाउचों पर शायद ही रोक लग पाए इसके लिए प्रशासन को दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कार्यवाही करनी पड़ेगी तभी इस पर प्रतिबंध लग सकेगा। कुल मिलाकर आज 1 अप्रैल से इन गुटखा पाउचों पर प्रतिबंध सरकार द्वारा लगाया गया है परन्तु क्या इन गुटखा पाउचों पर प्रतिबंध का असर आज से देखने को मिलेगा या नहीं। क्षेत्र में संचालित अनेकों दुकानों पर यह गुटखा पाउच आज भी लटके हुए दिखाई देंगे और इन गुटखा पाउचों की कालाबाजारी करने वाले बड़े-बड़े व्यापारियों पर क्या प्रशासन द्वारा शिकंजा कसा जायेगा। यदि प्रशासन वास्तव में इन गुटखा पाउचों को रूकवाना या बंद कराना या फिर सरकार के दिये गए आदेश का पालन कराना चाहता है तो फिर वह ए वी रोड़ पर संचालित थोक की दुकानों पर जाकर देखें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

अवैध नशीले पदार्थों की तरह बिकेगा गुटखा

सरकार द्वारा 1 अप्रैल से प्रतिबंध लगाये जाने के आदेश के बाद गुटखा पाउचों की स्थिति अवैध रूप से बिकने वाली शराब, गांजा व नशीली बस्तुओं जैसी हो जाएगी और लोग इसे चोरीछिपे महंगे दामों पर खरीदेंगे। इस तरह अवैध रूप से गुटखा बेचने वालों के विरूद्घ भी क्या प्रशासनिक अधिकारी या इन चीजों से संबंधित विभाग द्वारा कोई विशेष कार्यवाही की जाएगी।

क्या है नियम तम्बाकू गुटखा विक्रय होते पाये जाते है या किसी व्यापारी द्वारा गुटखों का अबैध रूप से भण्डारण किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। जिसके तहत संबंधित व्यापारी को पच्चीस हजार रूपये के जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है,