फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाले को सीईओ का संरक्षण

शिवपुरी। बीते सन् 2010 में जिले के पोहरी क्षेत्र में एक महिला संविदा शिक्षिका ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से फर्जी भर्ती के मामले को लेकर न्यायालय द्वारा भी गहन पड़ताल करने के बाद संबंधित शिक्षिका के विरूद्ध धारा 420 एवं 474 का मामला पंजीबद्ध कराते हुए कार्यवाही के आदेश जिला पंचायत शिवपुरी, जनपद पंचायत पोहरी एवं पुलिस थाना पोहरी को दिए गए, लेकिन तब से लेकर आज दिनांक तक माननीय न्यायालय के आदेश की अव्हेलना इन्हीं संबंधित विभागों के अधिकारियों ने की है। इस मामले में कुछ प्रलोभन जैसी बातें भी सामने आ रही है जिससे फर्जी रूप से नियुक्त संविदा शिक्षिका को अभयदान दिया जा रहा है। ऐसे में यदि कोई कार्यवाही नहीं होती है तो इन अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
विस्तृत प्रकरण के अनुसार संविदा शिक्षक वर्ग-2 में लक्ष्मी माथुर ने जनपद पंचायत पोहरी में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी पाई थी, जहां लोकेन्द्र सिंह वशिष्ठ द्वारा शिकायत की गई जिस पर जांच हुई मामला प्रमाणित पाया और अब कार्यवाही नहीं हो रही, संबंधित ने जांच रिपोर्ट 217/2010 के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 898/2011 में स्थगन प्राप्त किया, लेकिन उच्च न्यायालय से भी स्टे खारिज करते हुए धारा 420,474 का मामला प्रमाणित किया गया इसके लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, थाना पोहरी को कार्यवाही करने के लिए आदेशित किया गया लेकिन आज दिनांक तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है जबकि आज इस मामले को लेकर दो माह बीत चुके है। 

वहीं बताया गया है कि विभाग द्वारा संबंधित दस्तावेज कहीं गुम हो गए इतनी बड़ी लापरवाही बरतने वाले यह विभाग न केवल न्यायालय के आदेश की अव्हेलना कर रहे बल्कि इनके कार्यों से प्रतीत होता है कि यह कहीं ने कही संबंधित पक्ष से कुछ प्रलोभन लेकर अभयदान दे रहे है। जबकि यह  मामला न्यायालय में प्रमाणित हो चुका है उसके बाद ना तो इस मामले में कोई शक अथवा कोई अनैतिक कार्य किया जाना कहीं से कहीं तक उचित लगता है। यदि यह कार्यवाही होती है तो संबंधित को धाराओं के तहत गिरफ्तार करते हुए शासन एवं न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए। वहीं बताया गया है कि यह संविदा शिक्षिका वर्ग-2 में महिला वर्तमान में सुजना हाईस्कूल बदरवास में अभी भी कार्यरत है।