नेशनल न्यूज ब्यूरो
मध्यप्रदेश की सरकार को मिनिटों में हिला देने वाले शेहला मसूद हत्याकांड के पीछे का जो सच सामने आ रहा है वह पूरी तरह से साबित कर रहा है कि मध्यप्रदेश में लम्बे समय से एक हाईप्रोफाइल सेक्स गेम चल रहा था जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूह सहित कई लड़कियां शामिल हैं जो भोपाल एवं दिल्ली के कई भाजपा दिग्गजों के अलावा मीडिया के भी कई धुरंधरों के संपर्क में थीं। शहला मसूद ग्रुप में शामिल युवतियां देहव्यापार में लिप्त नहीं थीं, बल्कि वे तो हुस्न के जरिए सरकारी ऐजेन्सियों से लाभ कमाने में जुटी हुईं थीं। देखिए आज सीबीआई के सामने खुली परतें :-
शेहला मसूद |
हत्याकांड में इस्तेमाल बाइक बरामद
शेहला मसूद हत्याकांड में इस्तेमाल बाइक को आज भोपाल के चौक इमामबाड़ा इलाके से बरामद कर लिया गया। लाल रंग की डिस्कवर बाइक जेपी नगर निवासी रुक्मणी मिश्रा के नाम रजिस्टर्ड है। दूसरी ओर, जाहिदा की डायरी सीबीआई के हाथ लग गई है। सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस डायरी से पता चलता है कि जाहिदा शेहला और बीजेपी विधायक ध्रुव नारायण सिंह के रिश्ते से नाराज थी। सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डायरी में जाहिदा के खिलाफ कई सुबूत मौजूद हैं।
जाहिदा की सहेली सबा गिरफ्तार
उधर, जाहिदा परवेज की गिरफ्तारी के चौथे दिन सीबीआई ने जाहिदा की सहेली सबा को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई जाहिदा के दफ्तर में काम करने वाले दो युवकों रोहित और यासिर से भी पूछताछ कर रही है।
जाहिदा परवेज के दफ्तर में काम करने वाली सबा के बारे में सीबीआई का मानना है कि उन्हें शेहला की हत्या कराने की जानकारी थी। यही नहीं, सबा पर सुबूत मिटाने में जाहिदा का साथ देने का भी शक है। इसमें रोहित और यासिर के शामिल होने की बात भी कही जा रही है। कहा यह भी जा रहा है कि यासिर की गाड़ी का भी वारदात को अंजाम देने में इस्तेमाल किया गया था। इस बीच, कांग्रेसियों ने यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का पुतला फूंका।
गुरुवार को 'डीबी स्टार' (दैनिक भास्कर समूह का कॉम्पैक्ट अखबार) ने भोपाल मैं झा की शाकिब डेंजर के साथ फोटो छापी थी और कई नेताओं द्वारा उसकी मदद किए जाने के सुबूत भी प्रकाशित किए थे। इसके बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष पर शाकिब को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए झा का पुतला फूंका। शाकिब पर आरोप है कि उसने शेहला मसूद की हत्या के लिए भाड़े के हत्यारे का इंतजाम कराने में मदद की थी।
जिलाबदर जाहिदा के फेसबुक पर कई नेता-अधिकारी भी
पड़ताल में यह भी निकला कि सीबीआई की आरोपी जाहिदा परवेज की फेसबुक प्रोफाइल में भी भाजपा के कई राजनीतिक लोग दोस्त हैं। इसमें एक कैबिनेट मंत्री और विधायक शामिल है। इसके अलावा एक अधिकारी भी है।
कांग्रेस नेता नासिर इस्लाम का भी मित्र था डेंजर
डेंजर कांग्रेस नेता नासिर इस्लाम का भी मित्र था। विधायक ध्रुवनारायण सिंह से विधानसभा चुनाव हारे नासिर ने भी डेंजर का जिला बदर समाप्त करने की अनुशंसा की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने मांग की है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा इस मामले में भाजपा नेताओं की संलिप्तता का खुलासा करें।
मुझे थाने का पानी नहीं पीना
देर रात तक सीबीआई दफ्तर में हुई पूछताछ के बाद जाहिदा को गुरुवार तड़के करीब तीन बजे महिला थाने लाया गया। थाना सूत्रों के मुताबिक पानी की मांग पर जब उसे थाने का पानी दिया गया तो उसने पीने से इनकार कर दिया और बिसलरी की बोतल की मांग की। बताया गया कि बुधवार को रात वह सोई नहीं और लॉकअप में उठती-बैठती रही।
डेंजर कांग्रेस नेता नासिर इस्लाम का भी मित्र था। विधायक ध्रुवनारायण सिंह से विधानसभा चुनाव हारे नासिर ने भी डेंजर का जिला बदर समाप्त करने की अनुशंसा की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने मांग की है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा इस मामले में भाजपा नेताओं की संलिप्तता का खुलासा करें।
मुझे थाने का पानी नहीं पीना
देर रात तक सीबीआई दफ्तर में हुई पूछताछ के बाद जाहिदा को गुरुवार तड़के करीब तीन बजे महिला थाने लाया गया। थाना सूत्रों के मुताबिक पानी की मांग पर जब उसे थाने का पानी दिया गया तो उसने पीने से इनकार कर दिया और बिसलरी की बोतल की मांग की। बताया गया कि बुधवार को रात वह सोई नहीं और लॉकअप में उठती-बैठती रही।
वसूली के लिए पीछे लगा डेंजर मित्र हो गया
शाहजहांनाबाद क्षेत्र के रिकवरी एजेंट फैजल अब्बास ने सात लाख रुपए वसूली के लिए शाकिब डेंजर को जाहिदा के पीछे लगाया था। डेंजर यह वसूली तो कर नहीं सका उलटे वह जाहिदा का मित्र हो गया। डेंजर ने ही जाहिदा को कानपुर के शूटरों से मिलवाया था। अब्बास ने पिछले साल अक्टूबर में आत्महत्या कर ली। उसने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि जाहिदा, उसका पति असद और एक युवक विक्की उसे परेशान करता है।
जाहिदा और परवेज ने उसके खिलाफ कई झूठे मुकदमे लगवा दिए। लूट के एक मामले में वह कुछ माह जेल भी हो आया। अब्बास के बयानों के बावजूद भोपाल पुलिस ने तीनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। शाहजहांनाबाद टीआई जेपी मिश्रा ने कहा कि कोई ठोस सुबूत नहीं मिलने के कारण मामला दर्ज नहीं किया गया। जिस समय अब्बास ने आत्महत्या की तब तक उनका विवाद भी निपट चुका था।
Social Plugin