पिछोर में मिला नकली नोटों का कुटीर उद्योग

 शिवपुरी/करैरा। ऐसा उत्पादन जिसमें 50 से ज्यादा श्रमिकों का योगदान हो कारखाना, 50 से कम लेकिन 20 से अधिक कर्मचारी हो तो लघुउद्योग और यदि घर से परिवार या दो चार पार्टनर मिलकर उत्पादन करें तो कुटीर उद्योग। कुछ यही परिभाषा है न उद्योगों की। यदि हां, तो पिछोर में नकली नोटों के कुटीर उद्योग संचालित हैं। जिनमें से एक की पहचान हो गई है। शेष अभी बाकी हैं। जिस धरती पर अपहरण उद्योग हो, लूट को बिजनेस की तरह किया जाए, डाकू गिरोहों में लोग नौकरियां मांगने निकलें वहां नकली नोट के कुटीर उद्योग कोई बड़ी बात नहीं हैं। वो तो करैरा में एक नए-नए आईपीएस आ गए तो उन्होंने पकड़ भी लिया, नहीं तो वर्षों से जमे थानेदारों की दुकानें चलती ही ऐसे कारोबारों से हैं। खैर, छोडि़ए निबंध खतम, खबर शुरू :-
करैरा एसडीओपी अमित सिंह द्वारा नकली नोट मामला का पर्दाफाश कर पुलिस पूछताछ में पकड़े गए शैलेन्द्र ने बताया कि राजेश पुत्र कैलाश लोधी निवासी चिन्नौदी थाना मायापुर हाल निवासी सिल्लारपुर थाना करैरा द्वारा क्षेत्र के ही अशोक गोयल के नीचे तलघर में कम्प्यूटर मोबाईल की दुकान संचालित होकर नकली नोट बनाए जाते थे। शैलेन्द्र के अनुसार बताया गया कि उसका मिलने वाला राजेश भी इसी तरह नकली नोटों का कारोबार करता था। इस सूचना पर तत्काल राजेश की दुकान पर छापा मारा जहां पूछताछ व तलाशी के दौरान राजेश के पास से भी आठ 500 के नोट पाए गए जो शैलेन्द्र के पास जब्त नोटों से मेल खाते थे। क्षेत्र में नकली नोटों का कारोबार कर रहे शैलेन्द्र व राजेश ने पुलिस को बताया कि हम कुछ दिनों पूर्व पिछोर गए हुए थे तभी वहां डाक बंगले के पास रहने वाले इन्द्रपाल उर्फ भज्जू पाराशर से उनकी मुलाकात हुई और उसने इस कारोबार के बारे में बताया।

पुलिस ने इन दोनों आरोपियों के साथ पिछोर में इन्द्रपाल के यहां दबिश दी तो आकस्मिक छापामारी के दौरान वहां राजू पुत्र बद्री पाराशर निवासी डाक बंगला के पास पिछोर को मौके पर पाया। इसके साथ इन्द्रपाल एवं प्रदीप विश्वकर्मा मौजूद मिले। जो कम्प्यूटर पर नकली नोट बनाने का कार्य करते पाए गए। इसके पास भी 40 नोट 500 के नकली नोट थे पुलिस की इस कार्यवाही में एक कम्प्यूटर, प्रिंटर व नकली नोट बनाने का कागजी दस्ता बरामद हुआ।

जांच पड़ताल के दौरान बनाए गए कुछ नकली नोट भी पुलिस ने बरामद किए है। इन सभी 500 रूपये के नकली नोटों की सीरिज 8 सीडी666153 पाई गई। पुलिस ने आरोपी शैलेन्द्र, राजेश, राजू की दुकान पर मिले सभी नोटों पर एक ही सीरिज पाई गई। आरोपियों के पास से नकली नोट एवं उपकरण जब्त करते हुए आरोपियों पर अपराध धारा 489 क,ख,ग,घ के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने संभावना जताई है कि इन आरोपियों से और भी नकली नोटों के कारोबारे में जानकारी हासिल हो सकती है। करैरा पुलिस ने बताया कि जो इन्द्रपाल उर्फ भज्जू पाराशर है वह पूर्व में असलाह का अवैध कारोबार करता था जब उसका इस कारोबार से मन भर गया तो वह नकली नोटों का कारोबार करने लगा।