साई मंदिर के हाल बेहाल, नहीं मान रहे शांतिलाल

0
राजू(ग्वाल)यादव
शिवपुरी। सरकारी जमीन पर बने शहर के एकमात्र साईमंदिर केे हाल बेहाल हैं। यहां ट्रस्ट से बेदखल किए गए अध्यक्ष शांतिलाल जैन कुर्सी पर कब्जा बनाए रखने के लिए नित नए प्रपंच रच रहे हैं तो शांतिलाल विरोधियों ने भी उनसे हर मोर्चे पर निपटने की तैयारी कर ली हैं। हालात तब बहुत गंभीर हो गए जब शांतिलाल जैन ने अपनी बेटी के साथ छेड़छाड़ का झूठा मामला दर्ज कराने का प्रयास किया। अंतत: प्रशासन ने मंदिर को आगामी निर्णय तक अपने कब्जे में ले लिया है।

शहर का एक मात्र सांई मंदिर जो फिजीकल टंकी के पीछे बनाया गया। इसकी आधार शिला एक सरकारी जमीन पर रखी गई। मंदिर का निर्माण कराने में शांतिलाल जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बताया गया है कि यहां के पार्षद ने 2 लाख रूपये की लागत से यहां पार्क निर्माण की स्वीकृति कराई थी परन्तु पार्क बनने के बाद बच्चों के खेल और रात में आए दिन शराबियों के उत्पात के चलते यहां पार्क को हटाकर मंदिर का निर्माण कराया गया। श्री सांई मंदिर में इतनी शक्ति होती है कि वह जहां भी विराजमान हो जाए तो भक्तों का लंबा काफिला उनके साथ स्वत: ही जुड़ता जाता है। यहां भी यही हुआ जब शांतिलाल जैन ने इस मंदिर की नींव रखकर इसका निर्माण कराया तो धीरे-धीरे सभी आसपास के लोग इस मंदिर के निर्माण में जुडऩे लगे और फिर शनै:-शनै: मंदिर निर्माण पूर्णता की ओर गया। मंदिर निर्माण के लगभग दो साल बाद अब यहां परिवर्तन नजर आया। जब मंदिर में ट्रस्ट गठन को लेकर चर्चा की गई तो यहां शांतिलाल जैन को सभी स्थानीय निवासियों ने अध्यक्ष चुना परन्तु समय-समय पर आयोजित होने वाली बैठकों में अध्यक्ष की नामाजूदगी और मंदिर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा ना बनने को लेकर स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त हुआ।

इसके बाद भी जब शांतिलाल जैन ने मंदिर ट्रस्ट संबंधी चर्चा को लेकर आना उचित नहीं समझा तो गत दिवस मंदिर पर श्री संाई स्थापना दिवस को लेकर बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्थानीय वार्डवासी गोपाल अग्रवाल, संजय शर्मा, अजय भार्गव, आशुतोष शर्मा, राजेन्द्र तिवारी पुजारी आदि सहित अन्य सांई भक्त भी मौजूद थे। कि तभी बैठक में अकारण ही शांतिलाल जैन आ पहुंचे और मंदिर ट्रस्ट का विरोध कर अपना अधिकार जताने का प्रयास किया जब ट्रस्ट के अन्य लोगों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो वह नहीं माने और उल्टे अपनी बेटी को लेकर पुलिस थाना फिजीकल जा पहुंचे। जहां कुछ युवकों पर छेडख़ानी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई तत्समय जब इस मामले की जानकारी सांई भक्तों व स्थानीय निवासियों को लगी तो वह भी पुलिस थाने पहुंचकर इसका विरोध करने लगे और आपस में जमकर बहसबाजी हुई।

मंदिर पर ही शांतिलाल जैन ने अपनी बेटी कुं.पूजा जैन के नाम से भी आधिपत्य स्थापित करने की लिखावट भी लिखा दी है और जब मंदिर में हुए इस घटनाक्रम को लेकर रविवार-सोमवार की दरम्यिानी रात मंदिर के ऊपर लगी प्लास्टिनुमा छायादार छत को भी तहस नहस किया गया। मामले को तब शांत कर पुलिस ने सभी लोगों को अपने-अपने घर रवाना कर दिया। इस मामले की जानकारी फिजीकल चौकी प्रभारी निशा अहिरवार ने संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को दी। जिस पर सोमवार को प्रात: एसडीओपी संजय अग्रवाल व एसडीएम अशोक कम्ठान मौके पर पहुंचे और सांई मंदिर पहुंचकर वहां सभी निवासियों को हिदायत दी कि अब मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी प्रशासन की है जब तक मामला सुलझ नहीं जाता। तब तक यहां पुलिस अपनी निगरानी में मंदिर की देखरेख करेगी।

मंदिर ट्रस्ट को लेकर सांई भक्तों ने की पत्रकारवार्ता 
 श्री सांई मंदिर पर मंदिर को लेकर जो घटनाक्रम हुआ उसे लेकर संाई भक्तों में रोष व्याप्त है। जिसके संदर्भ में सांई मंदिर ट्रस्ट गठन के पदाधिकारियों पं.गोपाल जी, पुजारी राजेन्द्र तिवारी, कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष संजय शर्मा, सचिव अजय भार्गव ने मंदिर पर ही  प्रेसवार्ता के माध्यम से अपनी बात रखते हुए बताया कि श्री सांई मंदिर का निर्माण हुए 2 वर्ष हुए है और इस दौरान मंदिर के निर्माण में अकेले शांतिलाल जैन ही नहीं बल्कि अन्य स्थानीय वार्डवासियों ने भी अपना सहयोग प्रदान किया लेकिन जब मंदिर ट्रस्ट गठन की चर्चा की गई तो सभी लोगों ने एक राय होकर शांतिलाल जैन को अध्यक्ष बनाया परन्तु समय-समय पर मंदिर पर होने वाले कार्यक्रमों व मंदिर के निर्माण के लिए जब अध्यक्ष शांतिलाल जैन का बुलाया जाता तो कभी आते ही नहीं। कई बार उन्हें बैठक में बुलाया लेकिन वह हर बार नहीं आते। जब काफी मनमनोब्बल के बाद भी नहीं आए तो रविवार के दिन श्री सांई मंदिर की स्थापना को लेकर ट्रस्ट की बैठक चल रही थी। इसी बीच शांतिलाल जैन आए और मंदिर पर अपना अधिकार जताने लगा। समिति के लोगों ने कहा कि यह मंदिर सार्वजनिक है किसी एक का नहीं जो इससे वह भड़क गए और अपनी पुत्री को पुलिस थाना लेकर समिति के लोगों के विरूद्ध ही छेडख़ानी का मामला दर्ज कराने की धमकी देकर चले गए। सांई भक्तों में इस घटना को लेकर रोष व्याप्त हुआ और उन्होंने भी शांतिलाल जैन के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया। पत्रकारवार्ता में सांई भक्तों ने कहा कि सांई मंदिर सेवा समिति का गठन करके हम सांई भक्तों को जोडऩा है। मंंदिर में आने वाली चढ़ोत्तरी से उन्हें कोई वास्ता नहीं यह राशि तो मंदिर के निर्माण व धार्मिक आयोजनों में व्यय की जाएगी। समिति किसी भी तरह से विवादों से दूर रहकर मंदिर की गरिमा बनाए रखना चाहती है। दानपात्रों को व्यक्तिगत घर में खोलने की बजाए समस्त सदस्यों के समक्ष मंदिर मं ही खोला जाए और यही वजह जो विवाद की मूल वजह बनी। उसे निष्पक्षता, प्रमाणिकता, ईमानदारी के साथ संचालित किया जाएगा।

कभी सांई ने नहीं सोचा था कि ऐसा होगा... 
श्री सांई बाबा केे बारे में कहा जाता है कि वह सबका मालिक एक का संदेश देते है उनकी नजर में हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई जाति धर्म को जगह नहीं दी गई। फिर भी शिवपुरी में श्री सांई मंदिर को लेकर उस पर आधिपत्य को लेकर जो खींचतान मची हुई है उसे लेकर यदि आंकलन किया जाए तो स्वयं श्री सांई ने भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें जो भक्त जितनी श्रद्धा के साथ मंदिर में स्थान दे रहे है वह एक दिन उनके मालिकाना हक को लेकर इस तरह की विवाद की स्थिति उत्पन्न करेंगे। श्री सांई बाबा ने सभी को एक समान मानकर सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल कायम की है आज वह मिसाल उनके ही भक्तगण तोड़ते नजर आ रहे है। शिवपुरी में श्री सांई मंदिर में अतिक्रमण, गंदगी, जुआ,शराब और अब युवती से छेडख़ानी को लेकर हुए मामले की जितनी भी भत्र्सना की जाए कम है। हम तो ईश्वरी से कामना करेंगे कि इस संसार के जो प्राणी इस तरह की सोच रखते है उन्हें बुद्धि दें और धर्म की आढ़ में किसी प्रकार की दखलदांजी न करते हुए केवल ईश्वरी आराधना करें...ऐसी आशा करते है।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!