नगरपालिका तक को दिए जा रहे थे मनमाने बिजली बिल

शिवपुरी। बिजली विभाग का भले ही निजीकरण कर दिया गया हो, लेकिन मनमानी लगातार जारी है। आम आदमी तो आम आदमी म.प्र. विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारी नगरपालिका और पुलिस थानों तक को मनमाने बिल थोपने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह खुलासा हुआ आज समन्वय समिति की बैठक में जिसमें कलेक्टर ने व्यवस्था दी कि नगरपालिका द्वारा लगाए गए ट्यूबवैलों पर बिजली के मीटर लगाए जाएं एवं एवरेज बिलिंग बंद की जाए।


यहां म.प्र. विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियों ने नगरपालिका से शहर में लगे ट्यूबवैलों की सूची मांगी। दभास्कर.कॉम का सवाल केवल इतना है कि जब आज दिनांक तक म.प्र. विधुत वितरण कम्पनी को यही नहीं पता कि शहर में ट्यूबवैल कहां-कहां लगे हैं तो बिल किस बात का थमाया गया था..?  आप खुद पढि़ए यह सरकारी प्रेसनोट और निकालिए इसमें छिपे हुए रहस्य :-

बिजली बिलों के भुगतान के संबंध में म.प्र. विधुत वितरण कम्पनी एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी के अधिकारियों की समन्वय समिति की बैठक आज जिला कलेक्टर  जॉन किंग्सली की अध्यक्षता में जिलाधीश कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक आर.पी.सिंह, विधुत वितरण कम्पनी के अधीक्षण यंत्री श्री ए.के.खत्री, मुख्य नगरपालिका अधिकारी शिवपुरी पी.के.द्विवेदी सहित अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। बैठक में मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि ट्यूबबैलों पर विधुत वितरण कम्पनी द्वारा मीटर नहीं लगाये गये हैं बल्कि अनुमानित खपत के आधार पर बिजली के बिल प्राप्त हो रहे हैं जो काफी अधिक है। अत: सभी ट्यूबबैलों पर कनेक्शन मीटर लगाये जाएं।
जिला कलेक्टर ने इस संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निर्देश दिये कि वे विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियों को ट्यूबबैलों की सूची उपलब्ध कराऐं जिससे एक माह के अन्दर विधुत मीटर लगाने की कार्यवाही की जा सके।  बैठक में सर्वसम्मती से निर्णय लिया गया कि जनभागीदारी से खुदवाये गये ट्यूबबैलों को नगरपालिका या तो अपना मान्य करे और उनके बिजली बिलों का भुगतान नगरपालिका द्वारा किया जाए अन्यथा विधुत वितरण कम्पनी द्वारा इन ट्यूबबैलों के विधुत कनेक्शन काटने के लिये स्वतंत्र होगा। इस संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि आगामी 20 तारीख तक परिषद की बैठक आहुत कर निराकरण की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि जो नई जल आवर्धन योजनाऐं शुरू होने वाली हैं उन पर तब तक कनेक्शन नहीं दिया जाएगा, जब तक पूर्व बकाया राशि का भुगतान नहीं हो जाता है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि एडीपी योजना के तहत केवल बिछाने का जो कार्य किया जा रहा है। वहंा के अवैध कनेक्शनों के काटने की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रतिमाह जो बिजली का बिल आता है। उसे माह मार्च में नगरपालिक परिषद शत प्रतिशत भुगतान करें यदि प्रतिमाह भुगतान न करने पर विधुत कनेक्शन काटने की कार्यवाही की जाएगी। इस संबध में विधुत वितरण कम्पनी एवं नगरपालिका के अधिकारी आपस में बैठकर बिल भुगतान के लिये किस्तें तय करें। नगरपालिका द्वारा आवश्यकता होने पर ही बोर कराऐं और इसका विधिवत कनेक्शन विधुत विभाग से लिया जाए और जनभागीदारी से नया ट्यूबबैल बोर कराने की अनुमति प्रदान नहीं की जाए।