केन्द्र सरकार के विरोध में शिवपुरी बंद सफल

शिवपुरी. वैट कर के विरोध में लामबंद्ध हुए व्यापारियों और किराना व्यापार संघ द्वारा आज प्रदेश भर में बंद का आह्वान किया गया। इन व्यापारियों की मांग है कि जब मप्र सरकार ने द्वारा लगाए कपड़ा,शक्कर और बिजली पर लगाया गया कर वापिस ले लिया तो फिर सोना के आयात और प्लैटिनम पर 4 फीसदी के लगाए गए टैक्स को केन्द्र सरकार क्यों वापिस नहीं ले रहे।

जिसके परिणाम स्वरूप बीते 11 दिन से प्रदेश भर में आभूषण विक्रेताओं ने धरना प्रदर्शन, प्रतिष्ठान बंद रखकर इस वैट कर विरोध किया और केन्द्र सरकार से मांग की कि उनके द्वारा लगाए गए कर को वापिस लिया अन्यथा यह आन्दोलन इसी तरह जारी रहेगा। शिवपुरी में इस बंद का असर देखने को मिला जहां सुबह से व्यापारियों और किराना व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने नगर के लोगों से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर बंद को सफल बनाने की अपील की तत्पश्चात सभी व्यापारियों ने जमकर केन्द्र सरकार पर तीक्षण बयानों से अपना विरोध दर्ज कराया। 

केन्द्रीय बजट में स्वर्ण आभूषणों की खरीद पर 4 प्रतिशत एक्साइज ड्यृटी लगाए जाने के विरोध में सर्राफा व्यवसायी 11 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अपने आंदोलन को चरमोत्कर्ष पर पहुंचाते हुए सर्राफा व्यवसायियों ने 30 मार्च को शिवपुरी बंद का आव्हान किया है। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे खाद्य सुरक्षा कानून के विरोध में किराना व्यापारियों ने भी बंद का आव्हान किया है। सर्राफा और किराना एसोसिएशन के इस आव्हान को समस्त व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया है। 

व्यापारी संघ के अध्यक्ष भरत अग्रवाल, सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम गर्ग, महासचिव मनीष गोयल, सर्राफा व्यवसाय संघ के संरक्षक तेजमल सांखला, हर्षवर्धन कोचेटा, किराना व्यापार संघ के सचिव विजय पारीक, विष्णु खण्डेलवाल, प्रदीप काष्ठया, लक्ष्मीनारायण सोनी, बृजेश जैन आदि व्यापारियों ने धरना स्थल सदर बाजार में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा। व्यापारिक संघ के अध्यक्ष भरत अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता में बताया कि सरकार व्यापारी चलाते हैं। 

व्यापारियों द्वारा टैक्स दिए जाने से ही सरकार चलती है, लेकिन इसके बाद भी सरकार व्यापारी हितों के प्रति पूरी तरह लापरवाह है। उन्होंने केन्द्र सरकार के कानून का विरोध करते हुए कहा कि इससे व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने सर्राफा एसोसिएशन की मांगों को समर्थन देते हुए कहा कि समस्त व्यापारी भाई उनकी मांगों से सहमत हैं और बंद में सहभागिता निभाएंगे। किराना एसोसिएशन के सचिव विजय पारख ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे खाद्य सुरक्षा कानून को व्यापारी हितों के विपरीत बताया और कहा कि एफडीआई लाने के लिए सरकार छोटे-छोटे व्यापारियों को तबाह करने पर उतारु है। 

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने से छोटा सा किराना दुकानदार भी स्वतंत्रता पूर्वक व्यवसाय नहीं कर पाएगा, क्योंकि दुकान में चूहा निकलने पर उसे सजा भुगतनी होगी। व्यापारियों को आशंका है कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने से दूध के दाम 50 रुपए लीटर और खाद्य तेल की कीमत 100 रुपए लीटर तक छह माह में पहुंच जाएंगी। पत्रकारवार्ता में प्रमुख रुप से उपस्थित व्यापारियों में नारायण सोनी राकेश ठेईया, विनोद मित्तल, विष्णु सोनी, त्रिलोक काष्ठया, डिस्ट्यूटर अध्यक्ष राजेश गोयल, मेडिकल एसोसिएशन के कैलाश अग्रवाल, कैलाश सोनी, मुन्ना सोनी, मनोज सोनी, सुभाष खण्डेलवाल आदि शामिल हैं।

नेताओं और दलों से दूरी बनाई व्यापारी संघ ने

केन्द्रीय बजट में स्वर्ण आभूषणों की खरीद पर चार प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में अपनी लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाते हुए सर्राफा व्यवसायियों ने अन्य व्यापारिक संगठनों के सहयोग से 30 मार्च को शिवपुरी बंद करने का पत्रकारवार्ता बुलाकर आव्हान किया। पत्रकारवार्ता में सर्राफा व्यवसायी राजनैतिक दलों और राजनेताओं के कथित असंवेदनशील रवैए से खासे नाराज नजर आए और उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी की अभिव्यक्ति की। सर्राफा एसोसिएशन के सचिव मनीष गोयल ने गुस्साए अंदाज में कहा कि अब नेताओं और राजनैतिक दलों के आव्हान पर शिवपुरी बंद में व्यापारी कभी शामिल नहीं होंगे। 

संघ के बैनरतले किसी भी बड़े से बड़े राजनेता का सम्मान नहीं किया जाएगा। आखिर हम उनका सम्मान क्यों करें। जब उन्हें हमारी फिक्र नहीं है तो हम उनकी फिक्र क्यों पालें? हालांकि उन्होंने इस सवाल से पल्ला झाड़ लिया कि क्या नेताओं और राजनैतिक दलों के खिलाफ उनकी शिकायत विधानसभा चुनाव में भी किसी न किसी रुप में मुखरित होगी। सर्राफा व्यापारियों ने जब यह हूंकार भरी तो पत्रकारवार्ता में अन्य संघों के मौजूद व्यापारी जिनमें कुछ राजनीति से भी जुड़े हैं, एकदम से सन्न रह गए और जब पत्रकारों ने उनसे प्रतिक्रिया पूछी कि क्या वह राजनैतिक दलों की कथित असंवेदनशीलता के खिलाफ सर्राफा व्यवसायियों द्वारा उठाए गए कदमों के साथ हैं तो व्यापारी संघ के अध्यक्ष भरत अग्रवाल ने हिचकते हुए जवाब दिया कि हम तो कल के शिवपुरी बंद में सर्राफा व्यवसाय संघ और किराना व्यवसाय संघ के आव्हान से जुड़े हैं। 

विदित हो कि पहली बार सोने और चंादी के व्यापारी एक्साइज कर के विरोध में एकजुट होकर मैदान में आए हैं और उनके प्रतिष्ठान तथा दुकान 11 दिनों से अनिश्चितकालीन आव्हान के तहत बंद हैं। इससे सोने-चांदी का कारोबार पूरी तरह ठप्प है। वहीं उपभोक्ताओं को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।