माध्यमिक शिक्षा मिशन का बाला-बाला ऑडिट, डीईओ मामले से बेखबर

0
शिवपुरी-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (आर.एम.एस.ए.) द्वारा शिक्षा विभाग के ही एक सहायक शिक्षक ने अपनी मनमर्जी पूर्ण रवैया अपनाते हुए भोपाल से आए एक सी.ए.एस.के.मालवीय द्वारा ऑडिट करा दिया गया। इस ऑडिट में महत्वपूर्ण बात यही रही है कि स्वंय ऑडिट करने आए इस सी.ए. की भनक नवागत डीईओ श्री देशलहरा को भी नहीं होने दी। जब इस संबंध में उनकी प्रतिक्रिया जानी गई तो उन्होनें पूरे मामले से अनभिज्ञता दर्शाई। गुरूवार को उ.मा.वि.क्रं.2 में हुई इस ऑडिट को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
जानकारी के अनुासर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत खर्च किए गए बजट का अवलोकन करने के लिए शिक्षा विभाग में ही पदस्थ एक सहायक शिक्षक ने ऑडिट कराने बाला-बाला बुला लिया और अपनी मनमर्जी व कागजी घोड़े दौड़ाकर इस ऑडिट की कार्यवाही को पूरा करा दिया। जब कुछ मीडियाकर्मियों को इस संबंध में जानकारी लगी तो उ.मा.वि.क्रं.2 में चल रही ऑडिट का कवरेज करने पत्रकार वहां पहुंचे। 

यहां एक पत्रकार साथी ने भोपाल से आए सी.ए. एस.के.मालवीय से जब ऑडिट संबंधी जानकारी चाही गई तो उन्होंने काफी सोच-समझकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पत्र मिलने की बात कहकर पत्रकारों को शांत किया। इसके बाद जब वहां मौजूद सहायक शिक्षक से इस ऑडिट के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि ऑडिट होने की जानकारी पूर्व में ही कई विद्यालयों के प्राचार्यों को दी जा चुकी थी जबकि वास्तविक हकीकत में कुछ ही प्राचार्यों को यदि छोड़ दिया जाए तो अधिकांशत: ऐसा कोई पत्र प्राचार्यों को ऑडिट के संबंध में नहीं मिला। 

इसका जबाब भी जब पत्रकारों ने इस सहायक शिक्षक से मांगा तो वहां भी सकापका गया और आनन फानन में एक-देा प्राचार्य वाले सूचना पत्र को दिखाकर अपने कारनामों को छुपाने का प्रयास किया। यहां बताना होगा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत करोड़ों रूपये का बजट विभिन्न मदों के लिए स्वीकृत किया जाता है। चूंकि अब मार्च माह में ऑडिट होना है इसलिए एक सहायक शिक्षक ने अपने कार्यों को पूरा करने के लिए भोपाल से सीए को बुलाकर इस कार्य को निपटा दिया। यह मामला आज चर्चा का विषय भी रहा। 

जब इस मामले की जानकारी नवागत डीईओ श्री देशलहरा को दी गई तो उन्होंने विभाग के ही एम.पी.एस.यादव से जानकारी लेने को कहा जब श्री यादव से चर्चा की तो उन्होंने किसी सहायक संचालक से पूर्ण जानकारी लेने की बात कही। इस तरह पत्रकारों को भी घुमाया गया और उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई। इस तरह गुपचुप तरीके से हुई इस ऑडिट की चर्चा आज शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बनी रही।
इनका कहना है-
 
ऑडिट के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है वैसे अगर ऑडिट हो रही है तो इसकी जानकारी देना चाहिए किन कारणों से ऐसा किया गया मैं पता करूंगा। चूंकि मैं अभी-अभी आया हॅंू और पदभार लिया है तो मामले से अनभिज्ञ हॅंू।
 
श्री देशलहराडीईओ शिक्षा विभाग
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!