संतोष शर्मा
शिवपुरी, पोहरी- कुपोषण जैसे गंभीर मामले को लेकर द.भास्कर.कॉम ने प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित किया था इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के पोहरी क्षेत्र में परियोजना अधिकारी ने निरीक्षण किया और गंभीर अनियमितताऐं मिलने के बाद आधा दर्जन सहायिकाओं को पद से पृथक करने की कार्यवाही को अंजाम दिया तो वहीं दर्जनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि आगामी समय में भी इसी प्रकार की लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस खबर के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया है।
बताना मुनासिब होगा कि जिले का पोहरी क्षेत्र कुपोषण को लेकर प्रदेश ही नहीं देशभर में कुख्यात हो चुका है, कुपोषण का कहर लगतार गरीबों के बच्चों को लील रहा है। कुपोषण एवं आंगनबाडी केन्द्रों को नियम एवं दिशानिर्देशों के तहत संचालित नहीं किया जा रहा जिसके चलते लगभग दो दर्जन से अधिक कार्यकताओं और सहायिकाओं को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये हैं साथ ही आधा दर्जन पर पद से प्रथक करने की कार्यवाही की जा रही है। यह सारी उठा पटक जोइंट डायरेक्टर महिला बाल विकास के आने की सूचना के पूर्व जिले के आला अधिकारियों के निर्देश पर की गई है, जिससे कि इन अधिकारियों को दिखाने के लिये कुछ तो हाथ में कि हम कुपोषण को लेकर कितने गंभीर हैं। पिछले एक साल से कुपोषण का हौआ है कि महिला बाल विकास विभाग के साथ ही स्वास्थ विभाग की गले की हड्डी बना हुआ है, जो कि निकलने का नाम ही नहीं ले रही है। महिला बाल विकास विभाग ने कुपोषण के बीज तो पहले से ही वो रखे हैं जो कि अब धीरे-धीरे जमीन से बाहर आ रहा है। जिसका खमियाजा मैदानी कर्मचारियों को उठाना पड् रहा है और जिले में बैठे अधिकारी कमीशन की मलाई को दौनों हाथें से चाटने में लगे हुये हैं। लेकिन जब कार्यवाही की बात आती है तो कुछ आंगनबाडी कार्यकताओं, सुपरवायजर का स्थानांतरण कर दिया जाता है या फिर हटा दिया जाता है, और यदि ज्यादा दबाब बनता दिखता है तो परियोजना अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया जाता है। जबकि जिले में बैठे कमीशनखोर अफसर फिर से हाथ पौंछ कर मलाई चटोरने लगते हैं।
क्या क्या अनिमिततायें मिली भ्रमण में
परियोजना अधिकारी केशव गोयल को भ्रमण के दौरान आंगनबाडी केन्द्रों में कई तरह की अनियमिततायें मिली जिनमें बछौरा आंगनबाडी केन्द्र बंद पाया गया, उपसिल में विभाग के दिशानिर्देशों के तहत कार्य नहीं किया जाता तथा बीस आंगनबाडी केन्द्रों पर कुपोषण मिटाने के लिये कार्ययोजना अनुसार कार्य नहीं पाया गया। डांगवर्वे आंगनबाडी की कार्यकर्ता का रिकार्ड तो कई बार गाया और भैंस खा गई, जिसकी बजह से उस पर पद से प्रथक करने की कार्यवाही होना तय है।
इनको किया जायेगा पद से प्रथक
नाम आंगनबाडी केन्द्र
नाम आंगनबाडी केन्द्र
- अनीता आदिवासी डांगवर्वे
- ममता वर्मा आमतला
- माया जाटव झलवासा
- निर्मला शर्मा ककरौआ-२
- गनेशी जाटव ककरौआ-३
- कुसुम गुप्ता खटका
कारण बताओ नोटिस दिया गया
गुडडी जाटव बछौरा, प्रेमलता वर्मा उपसिल, किरण यादव भावखेडी, शिवकली मचाखुर्द, आरती धाकड़ रांठखेडा, छाया चिढार ऐसवाया, मोना वशिष्ठ घटाई, ज्योति गुर्जर, कुडी, हरगोबाई अहेरा, भगवति यादव जाखनौद, गजरी बाई मडखेडा, सीमा श्रीवास्तव उमरई, गायत्री सेन सौनीपुरा, नब्बोबाई पराशरी, पिस्ता शर्मा भोजपुर, पुस्पा शर्मा अगर्रा, सिया यादव लोखरी, अनीता शर्मा कोल्हापुर, सखी आदिवासी मोहरा, रतना जादौन दौरानी, कमलेश जादौन डोभा, मोना आदिवासी बागलौन को आंगनबाडी केन्द्र पर अनियमिततायें पाये जाने, कुपोषण दूर करने के लिये प्रयास न करने तथा लापरवाही पूर्वक कार्य करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं।
प्रभारी मंत्री को भी कराया था मामले से अवगत
गत कुछ दिनों पूर्व जब जिले के प्रभारी मंत्री के.एल.अग्रवाल शिवपुरी आए थे तब उन्हें भी पत्रकारों ने प्रेसवार्ता के समक्ष कुपोषण के मामले से अवगत कराया गया था। जहां महिला बाल विकास अधिकारी की शिकायत भी एक पत्रकार साथी ने की थी। इस बात पर श्री अग्रवाल का कहना था कि कुपोषण एक गंभीर मसला है औ इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले को प्रभारी मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को आदेशित किया जिसके चलते इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया जिसमें आधा दर्जन सहायिका को पद से पृथक तो लगभग दो दर्जन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
क्या कहा परियोजना अधिकारी ने-
कमियों के आधार पर ही कार्यवाही की गई है और गंभीर अनियमितताओं की दोषी कार्यकताओं को पद से प्रथक किया जायेगा जो कि अपने कार्य में सुधार नहीं ला सकी हैं।
केशव गोयल
परियोजना अधिकारी, पोहरी
कमियों के आधार पर ही कार्यवाही की गई है और गंभीर अनियमितताओं की दोषी कार्यकताओं को पद से प्रथक किया जायेगा जो कि अपने कार्य में सुधार नहीं ला सकी हैं।
केशव गोयल
परियोजना अधिकारी, पोहरी
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