शिवपुरी- रामकथा के तीसरे दिन साध्वी विश्वेश्वरी देवी जी ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि यदि शरीर चलाय मान हो या इधर उधर भटके तो उसे गुरू चरणों की सेवा में लगा कर भगवान का ध्यान करना चाहिए जिससे हमारे बिगड़े हुए कार्य भी बन सकेंगे।
क्योंकि भगवान का ध्यान किया तो राम नाम की शक्ति ने भगवान शंकर के जहर को भी अमृत बना दिया, वहीं भक्त प्रहलाद ने राम नाम की शक्ति से जाप किया तो भक्त शोमणी की कहलाए। क्योंकि ईश्वर नाम से ही हमें सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है बस आपको धैर्य और संयम रखना चाहिए ईश्वर की भक्ति भाव से करें। तभी हमें समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। उक्त बात आज गांधी पार्क मैदान में तीसरे दिन रामकथा का श्रवण कराते हुए साध्वी विश्वेश्वरी देवी ने उपस्थित सभी धर्मप्रेमी बन्धुओं को बताई।
इस अवसर पर आज कथा का लाभ लेने के लिए शिवपुरी विधायक माखन लाल राठौर, रामशरण अग्रवाल, विशेष रूप से पधारे, जिन्होंने साध्वी विश्वेश्वरी देवी से आर्शीवाद प्राप्त कर कथा का श्रवण किया। श्री रामकथा उत्सव समिति द्वारा श्रीरामकथा का आयोजन किया गया है। कथा स्थल पर आने वाले धर्मप्रेमी बन्धुओं को कथा का श्रवण कराने के लिए श्रीरामकथा प्रवर विदुषी ज्ञानी साध्वी विश्वेश्वरी देवी अपनी ओजस्वी वाणी से कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जीवन में मनुष्य को अपने 24 घंटे में कम से कम 24 मिनिट अपने आप पर चिंतन करके मन को संतुलित करें और भगवान का ध्यान करना चाहिए जिससे भगवान हमारे परिवार में प्रेम और सौहाद्र्र का वातावरण निर्मित कर देंगे जिससे परिवार में सदभाव व सदबुद्धि का संचार होगा,तथा हमारे सभी कार्य सफलता पूर्वक चल सकेंगे।
कबीर दास जी ने कहा है कि (मनका फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डार के मन का मनका फेर)मन चलाय मान हैं, हमें इसे एकाग्र करने की आवश्यकता है, क्योंकि जब तक मन स्थिर नहीं होगा तब तक कार्य संभव ही नहीं है। इन्हीं सब धार्मिक उपदेशों के साथ कथा को विश्राम दिया गया। रामकथा दोपहर 2 बजे शाम 5 बजे तक कथा का श्रवण कराया जा रहा है। वहीं श्रद्घालुओं की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।