शिवपुरी- हजरत हुसैन साहब की शहादत पर मनाए जाने वाले मोहर्रम के उपरांत उनके चालीसवें के रूप में बनाये गये चेहल्लुम के ताजिए गस्ती के बाद सोमवार की शुबह करबला में विसर्जित कर दिये गये। इस बार शहर में 27 ताजिए बनाये गए थे। जिनका विसर्जित कर किया गया।
उल्लेखनीय है कि हजरत इमाम हुसैन साहब की शहादत की याद में मुस्लिम समाज में मनाया जाने वाला मोहर्रम का त्यौहार 40 दिन बाद उनके चालीसवें के रूप में चेहल्लुम ताजिया पोशी के उपरांत पूरा हो जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष 6 जनवरी को मोहर्रम के ताजिए के बाद शनिवार की रात चेहल्लुम के ताजियों को गस्त कराया गया और रविवार की रात उन्हें विसर्जित करने के लिए ले जाया गया। शहर में इस बार मुस्लिम धर्मावलंबियों ने चेहल्लुम के मौके पर 27 ताजिये बनाये जिनमें इनका विसर्जित कर दिया गया।
जगह-जगह हुआ स्वागत
चेहल्लुम के ताजियों को विसर्जन के लिए ले जाये जाते समय रास्ते में जगह-जगह पर दर्जनों बार ताजियों का स्वागत किया गया और ताजियों को ले जा रहे लोगो को जलपान भी कराया। स्वागत करने वालों में न सिर्फ मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल थे, बल्कि हिन्दु समाज के भी कई समाज सेवी संस्थाअेां के लोग व जनप्रतिनिधियों ने बढचढकर भागीदारी की।
चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस
यूं तो ताजिये के मौके पर प्रति वर्ष जगह-जगह पुलिस तैनात की जाती है। परंतु इस बार रविवार को मुस्लिमजनों को चेहल्लुम व हिन्दुओ का मकर संक्रान्ति त्यौहार के अलावा आर.एस.एस. द्वारा निकाले गये पथ संचलन के कारण रविवार का दिन पुलिस के लिए चुनौतियों भरा था। इस दिन के लिए पुलिस अधिक्षक आर.पी.सिंह ने पहले से ही अपने अधिनस्थ अमले को सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के संबंध में आवश्यक निर्देश पारित करने केे अलावा जिले के तमाम थानों से समुचित मात्रा में पुलिस फोर्स की व्यवस्था कर दी थी। उन्होंने स्वयं भी शहर में घूमकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी। इसकी वजह से तथाकथित असामाजिक तत्व अपनी कारगुजारियों को अंजाम देने में सफल नहीं हो सके। इसके अलावा कुछ छोटे-मोटे विवाद सामने आये तो उन्हे दोनो ही समाजों के लोगों ने मिलजुलकर आपसी बातचीत के जरिए सुलझा कर साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिशाल पेश की।
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