सीएमएचओ व जिलाधीश के विरूद्ध स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा

शिवपुरी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिलाधीश पर मनमानीपूर्ण रवैये का आरोप लगाते हुए म.प्र.बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ भी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इस हड़ताल का समर्थन करेगा। इन मांगों के बारे में जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कारनामों से मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारी परेशान हो रहे है, समय सीमा में समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आन्दोलन का शंखनाद होगा.
केवल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का वेतन काटना उचित है, अन्य विभागों के मैदानी कर्मचारियों ने नसबंदी हितग्राहियों को प्रलोभन देकर गुमराह किया एवं दबाब व सजा से नसबंदी लक्ष्य पूर्ति होना कठिन है। इन सभी मांगों को पूर्ण किए जाने की बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ ने मांग की है। साथ ही बताया कि मप्र शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु नसबंदी कार्यक्रम को प्राथमिकता पूर्वक पूर्ण करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ओर से भले ही सहानुभूतिपूर्वक जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम अर्थात् परिवार कल्याण वर्ष का आयोजन सक्रियता पूर्वक किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ ने शिवपुरी जिले में पदस्थ सीएमएचओ को विवादित अधिकारी एवं जिलाधीश पर दमनकारी कारनामों के कारण आक्रामक रवैया अपनाने वाले अधिकारी के रूप में निरूपित किया है। संघ के जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि नसबंदी का निर्धारित लक्ष्य भय दर्शाकर पूरा कर पाने में सफल न होने पर जिलाधीश एवं सीएमएचओ द्वारा विगत माह में प्रत्येक पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मासिक बैठकों का सम्पूर्ण जिले में सामूहिक रूप से बहिष्कार किया गया था परन्तु बहिष्कार के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं का माखौल उड़ाते हुए हाल ही में 15 दिन का वेतन काटने के आदेश दे दिए गए जो कतई उचित नहीं है साथ ही संपूर्ण महिला एवं पुरू ष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 15 दिवसीय वेतन काटने तथा 3 वेतनवृद्धियां रोकने संबंधी आदेश भी पारित किए जा चुके है। इस तरह की मनमानी को संघ बर्दाश्त नहीं करेगा इसलिए चिंताहरण मंदिर पर आयोजित संघ की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा सभी महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मासिक वेतन नहीं काटा जाए तथा रोकी गई तीन वेतन वृद्धियां नहीं रोकी जाए यदि ऐसा होता है तो संघ भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जान से गुरेज नहीं करेगा।