समस्याओं से आहत कर्मचारी करेंगे भूख हड़ताल


शिवपुरी- शिवपुरी में जिले में शिक्षा कार्यालय के अधी न विभिन्न संकुलों विद्यालयों कार्यालय में पदस्थ शिक्षक व विभागीय कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के छठवें वेतनमान का ऐरियर प्रथम एवं द्वितीय किश्त, सहायक शिखकों का नियुक्ति दिनांक का वेतनमान एवं ऐरियर, 12 एवं 24 वर्ष की सेवा उपरांत पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति एवं ऐरियर, शिक्षकों का अर्जित अवकाश स्वीकृत करना, ग्राम सर्वे में तीन रूपये के हिसाब से प्रति घर से राशि दी जावे एवं जनगणना की राशि का भुगतान किया जावे आदि समस्याओं को लेकर अब कर्मचारियों ने हुंकार भर ली है और इन सभी मांगों को पूर्ण करने के लिए कल 19 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जा रही है। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी इस मैदान में कूदेंगे जिन्होंने सीएमएचओ व जिलाधीश पर मनमानी के आरोप लगाए है।
स्थानीय महल कॉलोनी पर कर्मचारी नेता चन्द्रशेखर शर्मा, ओमप्रकाश जॉली, म.प्र.कर्मचारी के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा, ब्लॉक अध्यक्ष देवेन्द्र बिरथरे, मनोज भार्गव जिलाध्यक्ष बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ, विवेकवर्धन शर्मा, प्रमोद कटारे आदि सहित अन्य शिक्षक व विभागीय कर्मचारियों ने प्रेसवार्ता के माध्यम से अपनी विभिन्न मांगें रखी और इनके पूर्ण न होने पर 19 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने का ऐला कर दिया। समस्याओं के बारे में बताया गया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन एवं स्वत्वों का निराकरण किया जावे, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियमितीकरण पश्चात वेतन राशि का एरियर जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर कई बार पत्र लिखकर भी अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला जिसके चलते अब कर्मचारियों ने आमरण अनशन की ठान ली है। 
 
कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर ने बताया कि जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक महज औपचारिकता रह गई जहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अनेक बार समस्याओं के त्वरित निदान हेतु पत्र लिखे एवं स्वयं मिले व जिला स्तरीय विभागीय संयुक्त परामर्श दात्रियों की बैठकों में इन समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है किन्तु जिला शिक्षाधिकारी द्वारा संकुलों का मात्र पत्र लिखकर औपचारिकताऐं पूरी की गई। 
 
राजेन्द्र पिपलौदा ने बताया कि जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अपने हिटलरशाही अंदाज में कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है और बिना कारण बताए छोटे कर्मचारियों की परिवार नियोजन का बहाना बताकर 15 दिन का वेतन एवं तीन वेतन वृद्धियां रोकने एवं संविदा ए.एन.एम. को हटाने के नोटिस जारी किए गए है जो कि परिवार नियोजन एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है इसमें कर्मचारियों पर दबाब नहीं बनाया जा सकता। इस तरह यदि 15 दिन का वेतन दिया गया तो इनका परिवार भूखों मरने की कगार पर आ जाएगा। यह कार्यवाही किसी भी नियम के अनुकूल नहीं है। इसीलिए ऐसी समस्याओं को लेकर म.प्र.कर्मचारी संघ भूख हड़ताल पर जा रहा है और समस्याओं के निराकरण न होने तक यह धरना जारी रहेगा।

सीएमएचओ व जिलाधीश के विरूद्ध मैदान में कूदे स्वास्थ्य कार्यकर्ता 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिलाधीश पर मनमानीपूर्ण रवैये का आरोप लगाते हुए म.प्र.बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ भी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इस हड़ताल का समर्थन करेगा। इन मांगों के बारे में जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कारनामों से मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारी परेशान हो रहे है, समय सीमा में समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आन्दोलन का शंखनाद होगा, केवल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का वेतन काटना उचित है, अन्य विभागों के मैदानी कर्मचारियों ने नसबंदी हितग्राहियों को प्रलोभन देकर गुमराह किया एवं दबाब व सजा से नसबंदी लक्ष्य पूर्ति होना कठिन है। इन सभी मांगों को पूर्ण किए जाने की बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ ने मांग की है। साथ ही बताया कि मप्र शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु नसबंदी कार्यक्रम को प्राथमिकता पूर्वक पूर्ण करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ओर से भले ही सहानुभूतिपूर्वक जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम अर्थात् परिवार कल्याण वर्ष का आयोजन सक्रियता पूर्वक किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ ने शिवपुरी जिले में पदस्थ सीएमएचओ को विवादित अधिकारी एवं जिलाधीश पर दमनकारी कारनामों के कारण आक्रामक रवैया अपनाने वाले अधिकारी के रूप में निरूपित किया है। संघ के जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि नसबंदी का निर्धारित लक्ष्य भय दर्शाकर पूरा कर पाने में सफल न होने पर जिलाधीश एवं सीएमएचओ द्वारा विगत माह में प्रत्येक पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मासिक बैठकों का सम्पूर्ण जिले में सामूहिक रूप से बहिष्कार किया गया था परन्तु बहिष्कार के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं का माखौल उड़ाते हुए हाल ही में 15 दिन का वेतन काटने के आदेश दे दिए गए जो कतई उचित नहीं है साथ ही संपूर्ण महिला एवं पुरू ष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 15 दिवसीय वेतन काटने तथा 3 वेतनवृद्धियां रोकने संबंधी आदेश भी पारित किए जा चुके है। 
 
इस तरह की मनमानी को संघ बर्दाश्त नहीं करेगा इसलिए चिंताहरण मंदिर पर आयोजित संघ की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा सभी महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मासिक वेतन नहीं काटा जाए तथा रोकी गई तीन वेतन वृद्धियां नहीं रोकी जाए यदि ऐसा होता है तो संघ भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जान से गुरेज नहीं करेगा।