योजनाओं एवं कार्यक्रमों में को प्राथमिकता के आधार पर लाभ पहुंचाएं: श्री कबीरपंथी

शिवपुरी 24 नवम्बर का. म.प्र.राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं एवं कार्यक्रमों में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर लाभ पहुंचाएं और इस बात का विशेष ध्यान दें कि इस वर्ग के कल्याण हेतु शासन से मिलने वाली धनराशि का सद्उपयोग हो।

उक्त आशय के निर्देश श्री कबीरपंथी ने आज जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में विभिन्न विभागों के तहत मांगसंख्या 64, 53 एवं 15 में वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 में प्राप्त आवंटन व्यय, भौतिक लक्ष्य, उपलब्धियों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री आर.बी.प्रजापति, जिलापंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एच.पी.वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री बाय.एस.राजपूत, आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक श्री एल.आर.मीणा सहित विभिन्न विभागों के जिलाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

श्री कबीरपंथी ने विभागवार उक्त मांगसंख्याओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय तथा भौतिक लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए, अधिकारियों को निर्देश दिए कि बस्ती विकास योजना के तहत 50 प्रतिशत कार्य अनुसूचित जाति वर्ग के मोहल्लों एवं वार्डों में किय जाएं, जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले आरक्षित वर्ग के लोगों को इनका लाभ मिल सके। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषकों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं में लाभान्वित करें और ऐसे कृषक जो विभिन्न प्रांतों में जैविक खेती एवं उन्नत कृषि की जानकारी का प्रशिक्षण लेने हेतु भेजे गए थे, उनके अनुभवों का लाभ भी अन्य कृषकों केा उपलब्ध कराया जाए। जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकें। उन्होंने उद्योग विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की विभिन्न स्वरोजगारमूलक योजनाओं में गत वर्ष किसी कारणवश जो हितग्राही लाभान्वित नहीं हो सके हैं, उन हितग्राहियों के प्रकरण चालू वित्तीय वर्ष में प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत कर वितरण की कार्यवाही भी सुनिश्चित करें।
स्टेशनरी की राशि चैक के माध्यम से मिले 
श्री कबीरपंथी ने आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को स्टेशनरी हेतु 2 हजार रूपये की राशि चैक के माध्यम से संबंधित छात्र-छात्रा को उपलब्ध करायी जाए, जिससे छात्र-छात्रा अपनी आवश्यकता के अनुसार स्टेशनरी क्रय कर सके। इन छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को उनके कल्याण हेतु संचालित शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं की जानकारी भी प्रदाय की जाए। भविष्य में छात्रावासों के छात्र-छात्राओं की क्रीड़ा प्रतियोगिताए नवम्बर माह में आयोजित की जाए। आयोग के अध्यक्ष ने आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में प्रदाय किये जाने वाले पोषण आहार हेतु समूहों का तथा 33 ग्रामों में किये जा रहे, विद्युतीकरण कार्य का भौतिक सत्यापन समिति के माध्यम से कराए जाने के अपर कलेक्टर को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण हेतु संचालित शासन की विभिन्न योजनाओं की प्रत्येक 3 माह में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में नियमित बैठकें आयोजित की जाए। जिसका प्रतिवेदन आयोग को भेजा जाए। जिससे बैठक में आने वाले सुझाव एवं योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में शासन केा अवगत कराया जा सके।

अनुसूचित जाति वर्ग के ठेकेदारों को मिल सकेंगे 2 लाख तक के काम
श्री कबीरपंथी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, जल संसाधन विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन की मंशा के अनुरूप निर्माण कार्यों की निविदाओं में 20 प्रतिशत भागीदारी अनुसूचित जाति वर्ग के सुनिश्चित हो और इन वर्ग के ठेकेदारों को 2 लाख रूपये तक के कार्य दिए जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्डों, ग्रामों एवं बस्तियों में किये गए कार्यों एवं विभिन्न योजनाओं में इस वर्ग के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची आयोग को उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक के अंत में अपर कलेक्टर श्री प्रजापति ने आश्वस्त किया कि शासन एवं आयोग की मंशा के अनुरूप जिले में योजनाओं के तहत इस वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि आयोग की मंशा के अनुरूप चाही गई जानकारी समय सीमा में आयोग को उपलब्ध कराएं।