शिवपुरी। शहर सहित जिले भर में बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की मंशा से कलेक्टर अनुग्रहा पी ने 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को शराब, तंबाकू उत्पाद एवं नशीली दवाओं के विक्रय को प्रतिबंधित किया है। कम उम्र के बच्चे शराब के साथ ही तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि का भी नशा कर रहे हैं।
जिला प्रशासन ने बचपन को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिये इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों को तंबाकू व शराब न बेचने एवं दुकान के बाहर प्रतिबंधात्मक बोर्ड लगाने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि बच्चों को नशीले पदार्थों का विक्रय करना गंभीर अपराध है और इसके लिए किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) कानून में 7 साल के कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माने का भी प्रावधान है।
दिन-प्रतिदिन किशोरों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को देखते हुए कलेक्टर अनुग्रहा पी द्वारा बचपन को नशे से मुक्त रखने के लिए तंबाकू उत्पाद एवं शराब विक्रेताओं को दुकान के बाहर प्रतिबंधात्मक बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में यह भी लिखा है 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद एवं शराब विक्रय करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है,इसे कड़ाई से रोका जाना चाहिये।बच्चों के भविष्य पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए कलेक्टर ने दुकान के बाहर विक्रय स्थल पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने के भी निर्देश दिये है।कैमरों की रिकॉर्डिंग स्टोरेज क्षमता कम से कम एक माह होना चाहिये,ताकि शिकायत प्राप्त होने पर रिकार्डिंग की जांच की जा सके। कैमरे इस प्रकार लगाए जाएं कि विक्रेता एवं क्रेता दोनों के चेहरे स्पस्ट दिखाई दें।आवश्यक होने पर किशोरों के उम्र के प्रमाण भी देखे जावें।
स्कूल-कॉलेज के आसपास विक्रय पर प्रतिबंध
जिले के सभी स्कूल-कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थाओं के 200 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद विक्रय करना पूर्णत: प्रतिबंधित है। इसका भी पालन जिले में नहीं हो रहा है। लगभग सभी स्कूल-कॉलेजों के आसपास तंबाकू उत्पाद मिल रहे हैं। बच्चों में तंबाकू और धूम्रपान का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है।इसे रोकने के लिये सामाजिक स्तर पर भी प्रयास होना चाहिये।
यह भी लिखा आदेश में
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि जिले में कहीं भी बच्चों को नशीले एवं मन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले पदार्थों का विक्रय पाया जाता है या परिजनों द्वारा बच्चों से प्रतिबंधात्मक सामग्री मंगाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होगी।बच्चों को नशीली बस्तुओं का विक्रय एवं परिवहन दोनों प्रतिबंधित है।
बचपन की सुरक्षा प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व है। बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति से उनके विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। नशे के कारण बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक अवरुद्ध हो रहा है। तंबाकू एवं अन्य नशीले पदार्थों का विक्रय बच्चों को किसी स्थिति में नहीं किया जाए। बच्चों को नशे की प्रवृत्ति में धकेलने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के विरूद्ध भी प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
इनका कहना है
बचपन के बहकते कदमों को रोकना और उन्हें सही दिशा की ओर ले जाना हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। अपने क्षणिक लाभ के लिये बचपन की बलि देने वालों को अपने मृत ज़मीर को जिंदा करना चाहिये। यदि हर दुकानदार बच्चे में ग्राहक के बजाय समाज का भविष्य देखें तथा उनके बचपन पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभाव के विषय में चिंतन करे, तो बचपन को नशे की गिरफ्त से बचाया जा सकता है।
-राघवेन्द्र शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी, शिवपुरी
किशोरों में तंबाकू उत्पाद, शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों के प्रति बढ़ते आकर्षण की प्रमुख बजह सामाजिक अनदेखी एवं नशीली बस्तुओं की खुलेआम विक्री है।कानून में 18 वर्ष तक के किशोरों को विक्रय वर्जित है। जिले में यदि कानून के उल्लंघन का मामला आता है तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
-ओपी पांडेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, शिवपुरी
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