सिद्धेश्वर मेला: शर्मसार हुआ शहर, दुकान समेटकर वापस जाने की तैयारी में मेले के व्यापारी | Shivpuri News

0
शिवपुरी। शिवपुरी शहर के सिद्धेश्वर मेला ग्राउण्ड में वर्षों से लगता चला आ रहा मेले पर आचार संहिता की तलवार लटक रही हैं। जिसकी बजह से मेले में आए विभिन्न प्रकार के व्यापारियों को न तो दुकानों आवंटन ही किया गया हैं और न ही विद्युत आपूर्ति की कोई व्यवस्था की गई है। हालात तो यहां तक बने हुए हैं कि बाहर से आए व्यापारियों को शौंच तथा पेयजल तक की व्यवस्था नहीं की गई हैं। 

इस गंभीर समस्या को लेकर आज व्यापारियों ने नपा के सीएमओ केके पटेरिया व स्वास्थ्य अधिकारी गोविन्द भार्गव से नगर पालिका कार्यालय चर्चा करने के बाद उन्हें कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब न मिले से उन्होंने जिलाधीश कार्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने जिलाधीश का एक घंटे तक इंतजार किया, लेकिन जिलाधीश मेले में आए व्यापारियों से मिलने तक की जहमत नहीं उठाई। निराशा में डूबे व्यापारियों ने  एडीएम रंजीत सिंह बालौदिया को ज्ञापन सौंपकर मेला चालू कराने की मांग की। 

प्राचीन समय से शिवपुरी सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला का आयोजन यूं तो फरवरी माह में किया जाता था। लेकिन इस वर्ष अप्रैल माह प्रारंभ होने पर भी मेला शुरू नहीं हो पाया हैं। जिससे नगर पालिका प्रशासन व जिला प्रशासन के लापरवाही पूर्ण रवैया स्पष्ट होता हैं कि वे जन सामान्य के लिए कितने गंभीर हैं। 

मेले में अब बाहर से आए सैकड़ों व्यापारियों ने मेला प्रारंभ करने के लिए नगर पालिका के सीएमओ तथा जिलाधीश को एक ज्ञापन के माध्यम से मेला प्रारंभ करने की मांग की हैं। लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा मेले में आए व्यापारियों को कोई सार्थक जवाब नहीं दिया गया। जिससे मेले में आए व्यापारियों में निराशा का माहौल बना हुआ हैं। 

इस अवसर पर मेला व्यापारियों ने जब नगर पालिका अध्यक्ष से जिलाधीश कार्यालय में मिले तो उनका कहना था कि आपको किसने बुलाया था और आप यहां क्यों आए आप तो नगर पालिका में राजस्व अधिकारी से मिलिए।


विभिन्न शहरों से आए हैं मेले में व्यापारी 
सिद्धेश्वर बाणगंगा मेले में सैकड़ों कि.मी. दूर से किराया भाड़ा खर्च कर दो पैसे कमाने की आशा लेकर आए व्यापारियों में घोर निराशा का माहौल बना हुआ हैं। सिद्धेश्वर मेले में ग्वालियर चम्बल संभाग ही नहीं विभिन्न जिलों के व्यापारी अपनी आमद दर्ज कराते हैं। मेले में मोहम्मद मकबूल चूड़ी व्यापारी अनूपपुर जिले के बीजरी तहसील से आए हैं। 

इनका कहना है कि 5 हजार रूपए से अधिक का भाड़ा देकर शिवपुरी तक माल लेकर आया था साथ ही 15 से दिन से मेले में वेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा हैं। साथ में आए कर्मचारियों का भी खर्चा  उठाना पड़ रहा हैं। 

94 साल वृद्ध पापड़ व्यापारी महावीर पांपड़ वालों का कहना है कि हम शिवपुरी में वर्ष 1982 लगातार अपनी दुकान ग्वालियर शिवपुरी आकर लगा रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का इतना लापरवाही पूर्ण रवैया पहली बार देखने को मिला हैं। राजकुमार गुप्ता झूला व्यवसायी का कहना है कि हमने ट्रकों के माध्यम से चार तरह के झूले लगाकर सिद्धेश्वर मेले में तैयार कर लिए हैं। लेकिन मेला प्रारंभ नहीं होने से मेले में घुमंतुओं का आवागमन नहीं हो रहा हैं। साथ ही लाईट की व्यवस्था न होने के कारण झूले प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं। 


दुकान समेंट कर लौटे आठ दुकानदार
सिद्धेश्वर मेले का शुभारंभ होने के तत्काल बाद से ही व्यापारियों ने मेले में अपनी दुकान लगाने की आशा लेकर आए थे, लेकिन शिवपुरी नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण न लाईट की व्यवस्था की हैं न ही मेले में दुकानों का आवंटन किया गया हैं। ऐसी स्थिति में दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों के ढांचे तो बनाकर तैयार कर लिए हैं।

लेकिन प्रशासन की स्वीकृति की वाट जोह रहे हैं। लेकिन दुकानदार संतोषी लाल जैन, वीरू जैन, देवी सिंह, आरके सिंह, गोलू श्रीवास्तव, मकबूल , रामकुमार का कहना हैं कि हमें बैठे-बैठे 15 दिन तो निकाल दिए लेकिन प्रशासन हमारी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं। अब हमने अपना सामान पैक करके वापस जाने का मन बना लिया हैं। 

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!